घर में पौधे, रोकें प्रदूषण

दिन – ब – दिन बढ़ते प्रदूषण के तमाम कारण हैं। लगातार घटते हुए खाली स्थान तथा बढ़ते चले जा रहे रिहायशी इलाकों के कारण वृक्षों के लिए भूमि कम बच रही है। ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि कुछ ऐसे छोटे पौधे लगाए जाएं जो स्थान तो कम घेरते हों पर प्रदूषण से लड़ने में सक्षम हों। बरगद, पीपल जैसे बड़े वृक्षों खास कर फिक्स समुदाय के पौधों के बाग लगाने पर आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने तथा कार्बनडाईऑक्साइड की मात्रा को कम करने में काफी हद तक सफलता पाई जा सकती है। ये सभी बड़े वृक्ष हैं जिन्हें अपने आसपास लगाया जा सकता है। इसी के साथ हम घर के अंदर के प्रदूषण की ओर भी ध्यान दे सकते हैं, जो कि पेंट, वार्निश, इलेक्ट्रानिक सामान इत्यादि से पैदा होने वाले बेन्जीन, फॉर्मेल्डिहाइड, ट्राइक्लोरो एथिलीन आदि से होने वाला प्रदूषण होता है। घरों के अंदर हवा का समुचित प्रवाह भी नहीं हो पाता तथा हवा का स्तर भी काफी खराब हो जाता है। आइए, कुछ ऐसे पौधों पर विचार करें जिन्हें कम खर्च में लगा कर घर के अंदर के प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके।

१ . आइका पाम : यह देखने में काफी खुबसूरत होता है इसलिए इसे घर अथवा कार्यालय के मुख्य द्वार पर लगाया जा सकता है। यह घर की हवा में स्थित सारे टाक्सिन्स को समाप्त कर देता है। यह काफी तगड़ा होता है तथा इसे ज्यादा पानी भी नहीं देना पड़ता। इसे धूप की भी काफी कम आवश्यकता पड़ती है।

२ . लेडी पाम : यह काफी हरा – भरा होता है तथा घर के अंदर के सारे प्रदूषण को सोख लेता है। इसका रखरखाव काफी सस्ता पड़ता है तथा काफी कम धूप एवं पानी में भी स्वस्थ रहता है।

३ . स्नेक प्लांट : इसे ‘ सासू मां की जीभ ’ भी कहा जाता है। यह काफी तगड़ा पौधा है तथा इसे पत्ती को छांट कर भी लगाया जा सकता है। इसे खाद कोई आवश्यकता नहीं पड़ती जबकि काफी कम पानी चाहिए होता है। सूरज की हल्की रोशनी में भी पोषण प्राप्त कर लेता है और घर के अंदर की हवा के सारे टॉक्सिन सोख लेता और हवा की गुणवत्ता को बरकरार रखता है। सामान्यतः इसे बैठक कक्ष एवं स्नानघर में लगाया जाता है।

४ . स्पाइडर प्लांट : स्पाइडर प्लांट बहुत ही उम्दा हरा पौध है जो कि हवा के प्रदूषण को बेहतरीन तरीके से सोखता है।

५ . पीस लिली : नासा के अनुसार घर के अंदर का टॉक्सिन समाप्त करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ उपाय है। इसकी खूबियां घरों के अंदर काफी लाभदायक हैं। इसके सफेद फूल बहुत खुबसूरत दिखते हैं। साथ ही इसमें बहुत सारे चिकित्सकीय गुण भी पाए जाते हैं।

६ . फर्न : पर्याप्त नमी, मध्यम प्रकाश में भी पोषण पाने और हवा की गुणवत्ता को साफ रखने के कारण यह स्नानागार में रखने योग्य आदर्श पौधा है।

७ . सुनहला पौधा : यह लम्बी नसों के रूप में बढ़ता है और इसे हल्की रोशनी तथा कम पानी की आवश्यकता पड़ती है। यह टॉक्सिकैंट, फार्मेल्डिहाइड, कार्बन मोनोआक्साइड, जाइलीन, बेंजीन इत्यादि को समाप्त करता है तथा काफी तेज बढ़ता भी है।

८ . तुलसी : यह अनंत गुणों वाला सब से उत्तम वायु प्रदूषण नाशक पौधा है। इसे हमेशा बेहतरीन धूप तथा देखभाल की आवश्यकता पड़ती है।

९ . बांस का पौधा : यह भी एक बेहतरीन हरा पौधा है जो कि घर के अंदर से टाक्सिन गैसें, बेंजीन, फार्मेल्डिहाइड, कार्बनडाईआक्साइड आदि गैसें सोख लेता है।

१० . रबड़ का पौधा : ज्यादातर प्रदूषण सोख लेता है। इसकी पत्तियां गहरी हरी तथा काफी कड़ी होती हैं। इसे ज्यादा पानी तथा धूप की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

११ . ड्रैकेना : काफी खूबसूरत दिखता है तथा कम रोशनी तथा कम पानी देने पर भी काफी तेजी से बढ़ता है। हवा की समूची टाक्सिन खींच लेता है।

१२ . एलोवीरा : काफी रसीला होता है एवं इसकी पत्तियां हवा से नमी सोख लेती हैं। इसे अप्रत्यक्ष रूप से तेज प्रकाश की आवश्यकता पड़ती है। यह हवा से टाक्सिन सोख लेता है तथा इसमें काफी चिकित्सकीय गुण भी पाए जाते हैं।

इन पौधों के अलावा कुछ अन्य पौधे भी हैं जैसे कि हार्ट लीफ, फिलोडेंड्राम इत्यादि, जो कि बेहतरीन वायु शोधक हैं।

मोबा . ९८३३१७९९७६

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