मिसेज शर्मा ने जीवनसाथी डॉट काम पर कई अच्छे लड़कों की प्रोफाइल छाँट कर रखी थी | सोचा था समय मिलते ही आयुषी को दिखाएंगी | रविवार को छुट्टी के दिन यह काम आसानी से हो सकता था| वे बड़ी आशा से रविवार की राह देख रहीं थी पर उस दिन तो आयुषी ने हमेशा की तरह उड़ती सी नजर प्रोफाइल्स पर डाली और मुँह बिचका कर बोली “इनमें से कोई भी नहीं जँचा मुझे ,मम्मी तुम्हें इतनी जल्दी क्या पड़ी है मेरी शादी की ? ”
मिसेज शर्मा का मुँह उतर गया | इस जून महीने में आयुषी पूरे तीस की हो जाएगी …..इस उम्र में तो उनके तीनों बच्चे हो गए थे……हे भगवान ! कब करेगी यह लड़की शादी ?
हर तीसरे घर में बच्चों की शादी की यही समस्या है | आजकल हर युवा वह लड़का हो या लड़की शीघ्र विवाह नहीं करना चाहता | शादी मतलब किसी के साथ जिंदगी शेयर करो, एडजेस्टमेंट करो और जिम्मेदारियों में उलझ कर रह जाओ यानी कि आजादी पूरी तरह खत्म | शायद इसी भय से आज के युवा जल्दी शादी करने से कतराते हैं | देर से विवाह करने के और भी कारण है
अतिमहत्वकाँक्षा –
अपने कार्यक्षेत्र में लड़के-लड़कियाँ उत्कृष्ट लक्ष्य चाहते हैं और इसके लिए चौदह-पन्द्रह घंटे मेहनत करते हैं | वे अपने जीवन में करियर बनाकर सेटल होना चाहते हैं फिर उसके बाद ही विवाह की सोचना चाहते हैं |
अपने पसंद का साथी जल्दी नहीं मिलना –
आज हर लड़का और लड़की अपने मापदंड तय करते हैं और अपनी अपेक्षानुसार जीवनसाथी चाहते हैं | वे अपने मनपसंद जीवनसाथी को खोजने में समय लेते हैं |
शादी की पूर्वतैयारी –
शादी के लिए शारीरिक, मानसिक और आर्थिक दृष्टि से सबल बनना चाहते हैं | वे नहीं चाहते बिना किसी पूर्वतैयारी के विवाह जैसी संस्था में प्रवेश करें |
बच्चों की जिम्मेदारी–
भावनात्मक दुनिया से निकलकर प्रेक्टिकल ढंग से जीना आवश्यक है यह वे जानते हैं अत: बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लिए स्वयं को तैयार करते हैं | वे नहीं चाहते कि जब वे स्वयं बच्चे हों तभी उनके बच्चे हो जाएँ | इसलिए परिपक्वता आने पर ही विवाह करना उचित समझते हैं |
ऐसे कई छोटे – बड़े कारण हैं जिनसे शादी करने की उम्र में इजाफा हुआ है | पर विवाह जैसी पवित्र संस्था से आज के युवाओं का विश्वास नहीं उठा है | वे विवाह में समता और प्रेम तो चाहते हैं पर एक- दूसरे के विचारों का आदर भी चाहते हैं | दो व्यक्तियों के पवित्र मिलन में उम्र बाधा नहीं डाल सकती |