नए भारत की नई पहचान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना का नया भारत वास्तविकता में जरूर आना चाहिए। रामराज्य भारत में पुन: आए और अखण्ड भारत फिर से बने।

भारत की स्वतंत्रता के बाद का इतिहास यदि हम देखें तो  पाएंगे कि गत 5 वर्षों में हुई प्रगति अपूर्व है। गांव से लेकर शहर, राष्ट्र एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रगति की उड़ान तीव्र गति से एक अलग ही ऊंचे स्तर पर दिखाई देती है। वैश्विक नक्शे पर पहले 5 स्थानों पर भारत पहुंच गया है। इस सब का श्रेय हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी को है। अपने मजबूत नेतृत्व की बदौलत उन्होंने सम्पूर्ण विश्व को हिलाकर रख दिया है। अमेरिका, चीन, रूस प्रत्येक देश ने मोदी जी के नेतृत्व का लोहा माना है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्होंने अपनी दूरदृष्टि का परिचय सभी को कराया है। विविध स्तरों पर चुनौतियों का सामना करते हुए मोदी जी ने घटनाओं को एक उच्च दर्जा प्रदान किया है। अभूतपूर्व बहुमत के साथ सन 2019 का चुनाव जीतकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि जनता का कितना विश्वास उन्हें प्राप्त है। आने वाली पंचवार्षिक योजना का मुख्य उद्देश्य है, ‘नवीन भारत’  अर्थात नया भारत!

माननीय नरेंद्र मोदी जी ने नए भारत के निर्माण के लिए सम्पूर्ण राष्ट्र को आवाहन किया है। इस हेतु ‘संकल्प से सिद्धि’ यह नया बोधवाक्य है। इसके तीन महत्वपूर्ण मुद्दे याने 1. भ्रष्टाचार से मुक्ति, 2. आतंकवाद से मुक्ति एवं 3. जाति, धर्म भेदभाव से मुक्ति।

वास्तव में भारी बहुमत से चुनकर आने के बाद भाजपा सरकार तथा माननीय मोदी जी के लिए यह कोई कठिन कार्य नहीं है ऐसा सभी को लगता होगा।  परंतु चुनौतियां चारों ओर से है। कश्मीर समस्या, चीन समस्या, पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली खुराफातें, दंश खाए हुए विरोधी दल, गहरी जमी भ्रष्टाचार की जड़ें एवं धर्मांध नेता इत्यादि कुछ उदाहरण हैं। ऐसे समय में नए भारत के निर्माण किया गया है आवाहन!

और अचानक मोदी सरकार ने पहला झटका दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने धारा 370 हटाने की घोषणा संसद में की। लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। भारत में मानो इस घोषणा से भूचाल आ गया! 70 साल बाद कश्मीर के बारे में लिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय है एवं वह बहुमत से पास भी हो गया है। लोगों ने अत्यंत उत्साह से उसका स्वागत भी किया है। लोग इसका कैसा प्रत्युत्तर देते हैं यह तो आगे चलकर ही पता चलेगा, परंतु मोदी सरकार ने ‘जो बोला, वह किया’  चरितार्थ कर दिखाया है। इस निर्णय से सच्चे अर्थों में कश्मीर की प्रगति प्रारंभ होगी। मूलभूत समस्याओं का निदान तो होगा ही पाकिस्तान की भड़काने वाली कार्रवाइयों पर भी इससे लगाम लगेगी।

आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो भारत में मान-सम्मान प्राप्त कर लिया है, परंतु अंतरिक कलह, ईर्ष्या, भ्रष्टाचार और सबसे बड़ी समस्या जातिवाद पर नियंत्रण पाना आवश्यक है। विभिन्न जातियों में ऊंच-नीच के आधार पर किए जाने वाले भेदभाव के साथ ही विभिन्न वर्णों में बंटे भारत में रोज नई-नई मांगे की जाती हैं। मोदी सरकार के नए भारत के सामने यह एक कठिन चुनौती है। इसके समर्थक कुछ नेता भाजपा में भी होने के कारण समस्या और जटिल एवं नाजुक है। शैक्षिक योग्यता की अपेक्षा आज ‘इस’ जातिवाद के आधार पर नौकरी, पद एवं शिक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। हम स्वयं को आधुनिक कैसे समझें? मोदी जी ने कई योजनाओं के माध्यम से यह जातिवादी प्रक्रिया कम करने का प्रयत्न किया है। परंतु फिर भी यह   चुनौती इतनी सहज नहीं है।

‘अनेक भाषा- एक संदेश’ ऐसा मंत्र मोदी जी ने देश को दिया है। जब मंथन होता है तो अमृत के साथ विष भी बाहर निकलता है। नेतृत्व मजबूत है यह तो निर्विवाद है; फिर भी दल में अन्य भी आया राम गया राम किस्म के महत्वाकांक्षी लोग हैं।

भ्रष्टाचार को मात करने हेतु माननीय मोदी जी ने नोटबंदी  जैसा निर्णय कर काला धन धारकों को बहुत बड़ी चोट पहुंचाई। धारा 370 को समाप्त कर उन्होंने यह सिद्ध किया कि समस्या पर चोट करने की उनकी यह नीति वे उचित समय पर उपयोग में लाते हैं। परंतु फिर भी सेना का प्रत्येक जवान प्रामाणिक होगा ऐसा नहीं है या प्रत्येक की प्रतिमा स्वच्छ होगी ऐसा भी नहीं है। सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। करोड़ों रुपयों की योजनाएं जनसामान्य तक पहुंचाने वाली शृंखला की प्रत्येक कड़ी मजबूत होना आवश्यक है।

किसानों की समस्याएं बहुत बड़ी हैं। लाल बहादुर शास्त्री जी की ‘जय जवान, जय किसान’ इस घोषणा में किसान भारत का महत्वपूर्ण अंग है। कृषि प्रधान भारत में गत कुछ वर्षों में किसानों की आत्महत्या चिंता का विषय है। अकाल, बाढ़ एवं फिर सर पर कर्ज का बोझ यह किसान को आत्महत्या के लिए प्रेरित करता है। फिर भी पर्यावरण का ध्यान रखकर सभी नागरिकों को नया भारत बनाने के लिए कटिबद्ध होना होगा। प्राकृतिक आपदाओं के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। स्वच्छता अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सभी सहयोगियों को उसमें शामिल किया है। इस अभियान को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।

‘डिजिटल इंडिया’ ने पूरे भारत में क्रांति ला दी है। गांवों में ईंधन के लिए गैस उपलब्ध हो गया है। वैश्विक योग दिन ने सम्पूर्ण विश्व को योग सिखाया है। वैश्विक बाजार भी आज भारत की ओर आकर्षित है। कला, क्रीडा, विज्ञान, उद्योग, खेती, रोजगार, शिक्षा सभी स्तरों पर मोदी सरकार ने प्रगति की है। भारत के हर सच्चे नागरिक को नया भारत आकर्षित कर रहा है। प्रश्न केवल इतना ही है कि क्या हर व्यक्ति प्रधानमंत्री के वचन में सहभागी होगा? विपक्षी दल किसी अच्छे उद्देश्य के लिए उनका साथ देंगे या केवल विरोश के लिए विरोध करेंगे?

मैं आशावादी हूं। प्रधानमंत्री की संकल्पना का नया भारत वास्तविकता में जरूर आना चाहिए। रामराज्य भारत में पुन: आए और अखण्ड भारत फिर से बने इसके लिए मेरी शुभकामनाएं।

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