जम्मू कश्मीर में हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं इंटरनेट के बाद अब सोशल मीडिया से भी पाबंदी हटा ली गई है। हालांकि यह सुविधा अभी तक प्रीपेड ग्राहकों के लिए नहीं चालू की गई है।
धारा 370 के हटाए जाने के बाद से घाटी का माहौल बिगड़ा हुआ था क्योंकि यह सरकार का एक बड़ा फैसला था। जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाने को लेकर वहां की पार्टियों ने और नेताओं ने जमकर इसका विरोध किया था लेकिन आखिरकार मोदी सरकार ने कड़ा और बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर से धारा 370 हमेशा के लिए हटा दिया और घाटी को एक केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया।
इस बड़े फैसले के बाद से घाटी में इंटरनेट सेवा और सोशल मीडिया सभी पर रोक लगा दी गई थी लेकिन धीरे-धीरे सरकार ने हालात को देखते हुए पहले इंटरनेट सेवा बहाल की। हालांकि इसकी स्पीड को अभी भी 2G पर रखा गया है। इसके बाद अब
सरकार ने बुधवार से सोशल मीडिया से भी रोक हटा ली है। जिसके बाद करीब 7 महीने बाद लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकेंगे। यह सुविधा फिलहाल 17 मार्च तक के लिए दी गई है। अगर हालात शांतिपूर्वक बने रहे तो इस तारीख को और भी आगे बढ़ाया जा सकता है।
हालांकि सरकार की नजर अभी भी लोगों की सोशल मीडिया पर बनी रहेगी, ताकि घाटी का माहौल खराब ना हो सके क्योंकि सरकार को डर है कि शरारती तत्व घाटी का माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। जिसके लिए सरकार को जरूरी एहतियात बरतने होंगे।
बीते साल अगस्त से लोग अपनी सोशल मीडिया से दूर थे। मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था लेकिन अब घाटी के लोगों को एक बार फिर से फेसबुक, टि्वटर और व्हाट्सएप सहित तमाम सोशल मीडिया चलाने की इजाजत दे दी गई है।
इससे पहले 25 जनवरी को सरकार ने इंटरनेट सेवा बहाल की थी, जो कि सिर्फ 1 सप्ताह के लिए थी लेकिन हालात को देखते हुए सरकार ने फिर से इस पर रोक नहीं लगाई, मतलब अगर घाटी में शांति का माहौल ऐसे ही बना रहा तो सरकार इंटरनेट की सुविधा में और सुधार कर सकती है।
वैसे घाटी से धारा 370 हटाना अपने आप में एक टेढ़ी खीर थी। जिसे आजादी के 70 साल बाद भी किसी भी सरकार ने इसे हटाना तो दूर इसका जिक्र तक नहीं किया लेकिन तमाम विरोध के बाद भी मोदी सरकार ने इस धारा को हटाकर वहां के लोगों को एक नया जीवनदान दिया है। इसके साथ ही जानकारों की माने तो धारा 370 हटने के बाद से घाटी का विकास निश्चित है। वहां पर अब बाहर से भी निवेश की उम्मीद बढ़ेगी, इससे वहां की रोजगार में तेजी आएगी और लोगों को रोजगार घाटी के अंदर ही मिल जाएगा। इसके साथ ही कुछ नेताओं द्वारा युवाओं को भटकाने का काम भी बंद हो जाएगा क्योंकि घाटी के युवा कुछ नेताओं के चक्कर में आकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे थे और शायद यही वजह थी कि घाटी में आए दिन पत्थरबाजी, पाकिस्तान का झंडा लहराना और सेना पर हमले होना ऐसी वारदातें देखने को मिलती थी।