महिला उद्यमिता का विकास

नारी की महान शक्ति स्रोत को पहचान कर ही भारत ने उसे सदा नमन किया है। वर्तमान सरकार ने भारतीय स्त्री को आर्थिक, शैक्षिक तथा भावनात्मक रूप से स्थिर और उन्नत बनाने के लिए सदैव ही प्रयास किए हैं और कई सहायता योजनाएं जारी की हैं।

भारतीय समाज में नारी शक्ति स्वरूपा है, शक्तिपुंज है। यद्यपि पुरुष को शक्तिशाली मानने वाले उसके ’तन बल’ को महत्व देते हैं; लेकिन स्त्री में ’तन बल’ की अपेक्षा ’मन बल’ शक्तिशाली होता है। वह पुरुष के समान शक्ति का प्रदर्शन नहीं करती वरन् शक्ति को अपने अंदर समेट कर उसका सदुपयोग करती है।

मानव पूंजी की पोषिका, परिवार की पालनहार, नारी आज चारदीवारी से बाहर निकल कर नित नए क्षेत्रों में कामयाबी के झंडे गाड़ रही है। महिलाएं स्वत: कौशल संपन्न होती हैं। पारिवारिक, सामाजिक और शैक्षिक के साथ ही वह आर्थिक क्षेत्र में भी कामयाब हो रही हैं। वह अपने स्तर पर घर से भी अपने कौशलों का उपयोग करके धनोपार्जन करके परिवार चला सकती हैं। महिलाएं अपने आस-पास की महिलाओं को संगठित कर, नए रोजगार का सृजन कर सकती हैं। महिला उद्यमियों के समुचित प्रशिक्षण और प्रशासन द्वारा परिवारों का आर्थिक उन्नयन हो सकता है।

यद्यपि सन 1954 से महिला विकास कार्यक्रम प्रारंभ हुए;

किंतु सन् 1974 से 1978 में ’अंतरराष्ट्रीय महिला वर्ष’ घोषित किया गया। सन् 1991 में महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रमों में महिला उद्यमियों का प्रोत्साहन और प्रशिक्षण देने का कार्य तेजी से बढ़ा। देश की पंचवर्षीय योजना 1997 से 2002 में ’महिला सशक्तिकरण वर्ष’ पर विशेष बल दिया गया। वर्ष 2001 के ’राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण वर्ष’ में महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में उन्नति हेतु महिला विकास की अनेक योजनाएं जारी की गईं। वर्तमान सरकार द्वारा विशिष्ट महिला उद्यमी योजनाओं के कारण भारतीय सामाजिक संरचना में महिला उद्यमियों के प्रति सकारात्मक परिवर्तन होने के साथ ही, निरंतर विकास हो रहा है। आज होटल, फैशन डिजाइन, ऑटोमोबाइल, टूर एंड ट्रेवल्स, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, कृषि एवं कुटीर उद्योग आदि क्षेत्रों में निरंतर महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। हमारे देश में पुरुष क्षेत्र के सर्वाधिकार वाले उद्योग- व्यापार में भी कई महिला उद्यमियों ने सफलता के झंडे गाड़े हैं जैसे- इंदिरा नुई, इंदु जैन, किरण मजूमदार, चंदा कोचर, नीलम धवन, ज्योति नायक, और रितु कुमार आदि।

मास्टर कार्ड इंडेक्स ऑफ वूमेन एंटरप्रेन्योर्स द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक भारत में 80.5 लाख महिलाओं के  लिए औद्योगिक विकास कार्य किए जा रहे हैं। वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा महिला उद्यमिता को गति एवं दिशा देने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन करने के साथ ही महिला उद्यमियों को रियायती ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराया जा रहा है। जिनका विवरण इस प्रकार है-

अन्नपूर्णा योजना

खाद्य उद्योग में कार्य करने को इच्छुक महिलाओं को ’स्टेट बैंक ऑफ मैसूर’ द्वारा 50 हजार तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। जिसका भुगतान महिलाएं अगले 36 माह में आसान किस्तों द्वारा कर सकती हैं। ’अन्नपूर्णा योजना’ में भोजन, स्नेक्स के व्यापार आदि हेतु रसोई के बर्तन व अन्य उपकरणों को खरीदने के लिए बैंक द्वारा वित्तीय सहायता दी जाती है।

स्त्री शक्ति योजना उद्योग

जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की भागीदारी एवं मालिकाना हक हो, तो ऐसे उद्योगों को ’भारतीय स्टेट बैंक’ (एसबीआई) द्वारा ऋण प्रदान किए जाते हैं। इसमें 2 लाख से अधिक ऋण पर ब्याज दर में 0.5  प्रतिशत की छूट दी जाती है।

देना शक्ति स्कीम

जो महिला उद्यमी कृषि, विनिर्माण क्षेत्र, खुदरा स्टोर, या अन्य छोटे-छोटे उद्यमों द्वारा व्यापार करना चाहती हैं ऐसी महिला उद्यमियों को ’देना बैंक’ द्वारा 50 हजार से 20 लाख तक का  ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

उद्योगिनी स्कीम

‘पंजाब एंड सिंध’ बैंक द्वारा आसान किस्तों और रियायती ब्याज दर पर 18 से 45 साल तक की महिला उद्यमियों को अधिकतम 1 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। पारिवारिक आय की स्थिति अनुसार अनुसूचित जनजाति/ जनजाति की महिलाओं को 45 हजार तक का ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान है।

सेंट कल्याणी स्कीम

अपने उद्यम के विस्तारीकरण या पुनरुत्थान हेतु महिला उद्यमियों को ’सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया’ द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इन महिला उद्यमियों को बैंक द्वारा उपलब्ध ऋण हेतु कोई प्रोसेसिंग शुल्क भी नहीं देना पड़ता। ग्रामीण एवं कुटीर उद्योगों, लघु उद्योगों, स्वरोजगार में संलग्न महिलाओं, कृषि एवं संबद्ध कार्यों,  खुदरा व्यापार हेतु महिला उद्यमियों को बिना किसी सुरक्षा गारंटी के उद्योग लगाने हेतु बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

महिला उद्यम निधि स्कीम

’ पंजाब नेशनल बैंक’ भी महिला उद्यमियों को 10 वर्ष हेतु रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराता है, ताकि महिलाएं ब्यूटी पार्लर खोलने, डे एंड सेंटर स्टार्ट करने, ऑटो रिक्शा खरीदने, दुपहिया वाहन खरीदने के लिए आवेदन कर सकें। यह ऋण राशि 10 लाख तक की हो सकती है।

मुद्रा  योजना

भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई इस योजना में महिलाओं को ब्यूटी पार्लर, सिलाई केंद्र तथा ट्यूशन सेंटर आदि को खोलने के लिए 50 हजार से 1 लाख तक का ऋण दिया जाता है। इसे शिशु ऋण, किशोर ऋण और तरुण ऋण के नाम से जाना जाता है। इस योजना के तहत 70 फ़ीसदी लोन महिलाओं को दिया गया है। मुद्रा योजना ने महिलाओं को सशक्त करने का कार्य किया है। इसके तहत महिलाओं ने ॠण लेकर अपना रोजगार प्रारंभ किया और अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर प्रदान किए।

ओरियंट महिला विकास योजना

’ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स’ द्वारा महिला उद्यमियों को सहायता पहुंचाने हेतु ऋण दिया जाता है। किसी उद्यम में यदि 51 प्रतिशत महिलाओं की हिस्सेदारी हो, तो वह ऋण हेतु आवेदन कर सकती हैं।

लघु उद्योग हेतु 10 से 25 लाख तक का ऋण 7 वर्षों के लिए मिलता है तथा इस पर 2% ब्याज की छूट का प्रावधान है।

सिंडिकेट बैंक महिला शक्ति योजना

सिंडिकेट बैंक भी 10 वर्षों हेतु महिला उद्यमी को ऋण देता है। हालांकि यह बैंक भी किसी उद्यम में 50 प्रतिशत से अधिक मालिकाना हक वाले उद्यमी को ही ऋण देता है। महिला उद्यमियों को प्रगतिशील बनाने, उन्हें समर्थन देने हेतु, उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

सोलर चरखा योजना

ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार द्वारा ‘सोलर चरखा योजना’ चलाई जा रही है। इस योजना में वर्ष 2022 तक देश के प्रत्येक जिले के एक लाख लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा और इसके तहत लगभग 5 करोड़ महिलाओं को रोजगार मिलने की संभावना है।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 2 सालों में महिलाओं के लिए 5000 अतिरिक्त नौकरियां सृजित की हैं। ’प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा महिलाओं को आधुनिक चरखा चलाने का प्रशिक्षण देकर तथा उन्हें ॠण उपलब्ध करा कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिससे महिलाएं अपने घर पर ही काम करके 200 प्रति दिन कमा सकती हैं। इस योजना से महिलाओं के ना केवल जीवन स्तर में सुधार होगा बल्कि देश को भी आर्थिक मजबूती मिलेगी।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 7 मार्च सन 2016 को महिला उद्यमियों की जरूरतों को देखते हुए एक अद्वितीय और प्रत्यक्ष विपणन बिक्री मंच प्रदान करने हेतु ’महिला ई हाट’ का प्रारंभ हुआ। इसमें महिला उद्यमी ग्राहकों को सीधे अपने उत्पाद बेच कर लाभ कमा रही हैं। नारी की महान शक्ति स्रोत को पहचान कर ही भारत ने उसे सदा नमन किया है। वर्तमान सरकार ने भारतीय स्त्री को आर्थिक, शैक्षिक तथा भावनात्मक रूप से स्थिर और उन्नत बनाने के लिए सदैव ही प्रयास किए हैं।

This Post Has One Comment

  1. Anonymous

    Very nice

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