होली : क्या करें, क्या ना करें 

होली और रंग पंचमी के दौरान चारों ओर रंगों की छटा बिखरी दिखाई देती है। लेकिन रंगों से भरपूर यह वातावरण जहां एक ओर खूबसूरत दिखाई देता है, वहीं यह आपकी त्वचा के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है।खास तौर पर आज के समय में इस्तेमाल होने वाले केमिकल युक्त रंग आपकी त्वचा को बेहद अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसीलिए त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए आपको कुछ उपाय ज़रूर करना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसी छोटी-छोटी बातों से अवगत कराएंगे, जो होली के दौरान आपके शरीर के नाजुक अंगों की देखभाल में काम आएंगी। यदि रंग लगने के बाद आपको किसी तरह की समस्या हो, तो शुरुआती उपायों के तौर पर इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

जलन और खुजली से बचाव 
रंग खेलने के दौरान यदि आपके चेहरे पर खुजली और जलन की समस्या हो, तो तुरंत चेहरे को साफ पानी से धो लेना चाहिए। इसके बाद चेहरे की त्वचा की बर्फ से सिंकाई करनी चाहिए। शुरुआती उपाय में आप एलर्जी के लिए एंटी एलर्जिक गोली का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
यदि रंग खेलने के बाद आपकी त्वचा पर जलन या खुजली की समस्या हो रही हो, तो एक मग पानी में एक चम्मच सिरका डाल कर त्वचा को धो लें।इसके बाद भी यदि आपको जलन और खुजली से आराम ना मिल रहा हो, तो जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करें।
ध्यान रखने योग्य बातें 
जैसा कि हम सभी जानते हैं, चेहरे की त्वचा शरीर की त्वचा से ज्यादा नाजुक होती है, इसीलिए चेहरे पर रंग लगने के बाद इसे तुरंत हल्के हाथों से साफ करें। जिस पानी से आप चेहरा साफ कर रहे हों, वह  साफ हो। साथ ही इसे रगड़ रगड़ कर ना निकालें, ऐसा करने से आपकी त्वचा पर रैश हो सकते हैं।
ध्यान रखें कि रंग खेलने के बाद धूप में जाकर खड़े ना हों। धूप की वजह से यह रंग और भी गहरे हो जाते हैं और त्वचा की अंदरूनी परत तक चले जाते हैं।

नाज़ुक अंगों की देखभाल 

यदि आप अपने शरीर के नाजुक अंगों को इन केमिकल युक्त रंगों से बचाना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान आपको ज़रूर रखना चाहिए। *यदि आपके मुंह में रंग चला गया है, तो आप पानी का कुल्ला कर इसे साफ कर सकते हैं। यदि समय के साथ पेट में गड़बड़ी महसूस हो, तो डॉक्टर से चेकअप कराने में ना हिचकिचाएं।
*यदि रंग खेलते हुए आपके कानों में रंग चला गया है, तो इसमें तेल कभी ना डालें।क्योंकि तेल डालने पर यह रंग अंदर जम सकते हैं और साथ ही इसकी सफाई करने पर कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है। ध्यान रखें कि कानों में चले गए रंग को छुड़ाने के लिए साबुन का इस्तेमाल ना करें। ऐसे में साबुन का झाग कानों के अंदरूनी भागों को नुकसान पहुंचा सकता है।
*यदि आपकी आंखों में रंग चला गया है, तो इसे हाथों से मसलने के बजाय आपको ठंडे पानी से आंखों को धोना चाहिए। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि होली में कांटेक्ट लेंस इसका इस्तेमाल ना करें।यदि आपकी आंखों में जलन हो रही हो, तो डॉक्टर से चेकअप करवाना आपके लिए जरूरी हो जाता है। गुलाब जल और आई ड्रॉप्स इत्यादि का इस्तेमाल अपने मन से ना करें।
इस प्रकार आप रंगों के इस त्यौहार में कैमिकल युक्त रंगों से बचाव कर सकते हैं।
हर्बल कलर रेसिपी: अब होली से कैसा डर!

होली का त्यौहार आपके लिए खुशियां लेकर आता है।  जहां एक ओर   लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं, वहीं कुछ पकवानों और खुशियों के बीच होली के त्यौहार को मनाते हैं। होली का त्यौहार रंगों का त्योहार माना जाता है और इसलिए रंगों की छटा से होली में चार  चाँद लग जाते हैं। लेकिन वर्तमान समय में इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों में हानिकारक केमिकल्स और नुकसानदायक तत्व होते हैं, जो आपके शरीर और त्वचा को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं।

यदि आप अपनी होली को इन केमिकल युक्त रंगों से दूर रखना चाहते हैं, तो आज हम आपके लिए हर्बल रंगों को बनाने की ख़ास तरीके लेकर आए हैं। यह रंग ना तो आपके शरीर को कोई नुकसान पहुंचाएंगे, ना ही इसकी वजह से आपको किसी त्वचा सम्बन्धी समस्या का सामना करना पड़ेगा। इन प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर आप अपनी त्वचा की देखभाल पूरी तरह से कर सकते हैं।

हरियाली का हरा रंग 
यदि आप हरे रंग का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इस रंग को मेहंदी से बना सकते हैं। मेहंदी के पत्तों को पीसकर उसे आटे के साथ मिलाने से सूखा हरा रंग तैयार हो जाएगा। ध्यान रहे कि यह मेहंदी बाजार में मिलने वाली मेहंदी ना हो, क्योंकि ये मेहंदी भी केमिकल मिश्रित होती है। यदि आपको पक्का हरा रंग बनाना हो, तो इसे आप पानी में भी घोल सकते हैं। इन रंगों को एक-दूसरे पर डालने से आपको स्किन रिएक्शन का डर नहीं होगा।
सुंदरता से भरपूर पीला रंग
यदि आप पीले रंग का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो हल्दी और बेसन आपके बेहद काम आ सकते हैं। एक भाग हल्दी को दो भाग बेसन मिला कर इसका रंग बना सकते हैं। यह एक उबटन की तरह काम करता है। यह पीला रंग त्वचा के लिए नुकसानदायक नहीं, बल्कि फायदेमंद साबित होगा। इतना ही नहीं, ये रंग आपकी त्वचा में निखार लाएगा। आप चाहें तो हल्दी और बेसन के स्थान पर मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
यदि आप पीले रंग को पक्के रंग के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो हल्दी को पानी में उबाल कर इस गीला रंग तैयार कर सकते हैं। आप चाहें तो अमलतास के फूल भी पानी में उबाल कर पीला रंग बना सकते हैं।
प्रेम का लाल रंग 
यदि आप लाल रंग बनाना चाहते हैं, तो चंदन पाउडर से बेहतर आपके लिए कुछ भी नहीं हो सकता। लाल चंदन पाउडर में गुड़हल के फूलों को सुखा कर एक साथ पी सकते हैं, इससे लाल रंग का गुलाल खूबसूरत और खुशबूदार हो जाएगा।
यदि आप लाल रंग को पक्का रंग बनाना चाहता हैं, तो चंदन पाउडर को पानी में मिला कर इसे उबाल लें। इसमें अपनी इच्छा अनुसार पानी मिला कर होली खेल सकते हैं। यदि आप इसे नारंगी रंग में तब्दील करना चाहते हैं, तो आप इसमें हल्दी पाउडर भी मिला सकते हैं।
होली का गुलाबी रंग
यदि आप गुलाबी रंग से होली खेलना चाहते हैं, तो चुकंदर का इस्तेमाल कर सकते हैं। चुकंदर को काट कर रात भर पानी में भिगोकर रखें। सुबह इसे घोल कर अच्छी तरह से उबाल लें। इसके बाद इस रंग से आप होली खेल सकते हैं। यदि आप चाहें, तो कचनार के फूलों से भी गुलाबी और केसरिया रंग बना सकते हैं।
आसमान की नीली आभा
यदि आप नीले रंग से होली खेलने का मन बना चुके हैं, तो नीले रंग के गुड़हल के फूल आपके काम आ सकते हैं। इन फूलों को सुखा कर पीस लें और लीजिये तैयार है नीला रंग। साथ ही नील के पौधों पर लगनेवाली फलियों से भी आप नीले रंग को तैयार कर सकते हैं। इन फलियों को सुखा कर पीस लिया जाए, तो नीला रंग तैयार हो जाएगा।
यदि आप भी अपनी होली केमिकल फ्री बनाना चाहते हैं, तो इन हर्बल रंगों को घर में जगह दे सकते हैं।

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