ज्योतिरादित्य सिंधिया आज बीजेपी में हो सकते हैं शामिल

ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे और 22 विधायकों की बगावत के बाद भी कॉग्रेस सत्ता में वापस आने की हट पर लगी हुई है कांग्रेस का अब भी दावा है कि उसके पास बहुमत के लिए विधायक मौजूद हैं, कांग्रेस की एक नेता शोभा ओझा ने दावा किया कि हम सदन में बहुमत साबित करेंगे उनके मुताबिक जिन भी विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया है वह उनके संपर्क में है इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी के भी कुछ विधायक उनके संपर्क में है, शायद यही वजह है कि दोनों पार्टियां अपने अपने विधायकों को एक दूसरे से दूर रखे हुए हैं।
आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर शिफ्ट कर दिया है तो वहीं बीजेपी ने गुड़गांव के एक होटल में अपने विधायकों को शिफ्ट किया है साथ ही इन विधायकों से किसी के भी मिलने पर रोक लगा दी गई है।
उधर ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस मुसीबत में नजर आ रही है जबकि खबरों की माने तो आज दोपहर तक ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की भी खबरें आ रही हैं। हालांकि इस पर अभी पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की खबरें कई बार आ चुकी हैं लेकिन हाल ही में सिंधिया का अमित शाह से मिलना इस बात को और सुनिश्चित करता है कि अब वह समय आ चुका है जब सिंधिया बीजेपी में शामिल होकर ही रहेंगे, हालांकि इतने बड़े फेरबदल के बाद भी अभी यह निश्चित नहीं है कि सिंधिया को मध्य प्रदेश की सत्ता का भार सौंपा जाएगा या नहीं।
इससे पहले होली के दिन यानी मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर विधायकों की बैठक हुई जिसमें कांग्रेस के सिर्फ 88 विधायक ही शामिल हुए जबकि 26 विधायक बैठक से गायब नजर आए, इसमें  22 विधायक वह थे जिन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है जबकि चार अन्य विधायक जिन्होंने अभी तक कोई इस्तीफा नहीं सौंपा है वह भी पार्टी बैठक से गायब रहे। जबकि चार निर्दलीय विधायक भी इस बैठक में शामिल हुए।
आपको बता दें कि साल 2018 में कमलनाथ ने चार निर्दलीय, दो बीएसपी और एक एसपी विधायक के सहयोग से सत्ता में वापसी की थी उस दौरान इनके पास कुल 121 विधायकों का समर्थन था लेकिन अब ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद आंकड़ों की तस्वीर बदल चुकी है फिलहाल में कांग्रेस के पास सरकार बचाने के लिए भी संख्या नहीं रह गई है, अगर कांग्रेस के सभी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो बीजेपी विधानसभा में कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर प्रदेश में सत्ता परिवर्तित कर सकती है।
उधर बीजेपी नेताओं की बात करें तो उनका भी यही कहना है कि वह बहुमत साबित करेंगे लेकिन जिस तरह से मध्य प्रदेश की राजनीति ने करवट बदली है इससे बड़ा सियासी भूचाल देखने को मिल रहा है यह बात सभी को पता है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में दो दल पहले से बने हुए हैं एक ज्योतिरादित्य सिंधिया का और दूसरा कमलनाथ का इनके बीच फासले बहुत पहले से नजर आ रहे थे और यह उसी का नतीजा है कि सिंधिया ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया, क्योंकि कहीं ना कहीं मध्यप्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाना ज्योतिरदित्य सिंधिया को रास नहीं आया था, राज्य का एक बड़ा वर्ग सिंधिया को सीएम के तौर पर देखना चाहता था लेकिन कांग्रेस आलाकमान के आगे किसी कि नहीं चली और कमलनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया गया और उसके बाद से शुरू हुआ विवाद आखिरकार एक दीवार का रूप ले लिया और इस सियासी खेल में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ को एक ऐसी पटखनी दी जो कमलनाथ के साथ-साथ पार्टी को भी चित कर गया।

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