टूटेगी निजामुद्दीन की मरकज इमारत?

भारत कोरोना वायरस का कहर बुरी तरह से झेल रहा है हर दिन संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और संक्रमण फैलाने में तबलीगी जमात का एक बड़ा योगदान नजर आ रहा है जिसकी पुष्टि सरकार की तरफ से भी की जा चुकी है। इससे पहले सरकार ने कोरोना वायरस पर रोक लगाने के लिए तमाम इंतजाम किए थे लेकिन अचानक से तबलीगी जमात ने इस पूरे किए कराए पर पानी फेर दिया है। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज इमारत में कोरोना वायरस के दौरान हजारों की संख्या में उपस्थित थे जिसमें से कई लोग पॉजिटिव पाये गये है जबकि बाकी लोग बिना किसी टेस्ट के देश के अलग अलग शहरों में पहुंच चुके है जिससे कोरोना का खतरा तेजी से फैल रहा है। तबलीगी जमात अब पूरे देश के निशाने पर है क्योंकि इस जानलेवा महामारी को फैलाने में यह लोग बड़ी भूमिका निभा रहे है।
आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात का मुख्यालय है लेकिन इनकी गैर जिम्मेदाराना हरकत के बाद अब मरकज की इमारत पर भी सरकार की नजर जा पहुंची है जिसके बाद पता चला कि नियमों के छेड़छाड़ के साथ यह इमारत तैयार की गयी है। जिसके लिए अब नगर निगम की तरफ से कार्यवाही करने की तैयारी चल रही है।
इस बिल्डिंग के निर्माण में गलत तरीके से जमीन ली गई है। नगर निगम की तरफ से यहां पर सिर्फ 2 मंजिला इमारत तैयार करने का नक्शा पास किया गया था जबकि यहां पर 7 मंजिला इमारत बनायी गई है। इसके साथ ही मरकज की इमारत का आज तक हाउस टैक्स भी नहीं भरा गया है। वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पहले सिर्फ एक छोटी मस्जिद थी जहां कुछ मात्र लोग ही नमाज पढ़ने के लिए आते थे। उसके बाद इस मस्जिद को मदरसे का रूप दे दिया गया और बाद में अवैध निर्माण करके मदरसे को मरकज में तब्दील कर दिया गया।
इस पूरे मामले में कौन-कौन से लोग शामिल हैं इसका कुछ पता नहीं चल सका है लेकिन यह निश्चित है कि इतनी बड़ी इमारत के निर्माण में कई सारे लोगों के जुड़े होने की उम्मीद है साथ ही इसमें कुछ सरकारी अफसरों का भी हाथ हो सकता है। राज्य सरकार की तरफ से इमारत के खिलाफ कार्रवाई जारी है और जरुरी दस्तावेज ढूंढे जा रहे है ताकी इमारत की वास्तविकता का पता चल सके।
वही इमारत के अवैध निर्माण के दौरान लोगों की सुरक्षा को भी दांव पर लगाया गया है। इमारत के आसपास फायर सेफ्टी के लिए भी कोई जगह नहीं छोड़ी गई है अगर इमारत में कोई हादसा या फिर आगजनी की घटना होती है तो इस दौरान फायर की गाड़ियां इमारत तक नहीं पहुंच सकती जिससे हजारों लोगों की जान जा सकती है। ईमारत के निर्माण के दौरान फायर ब्रिगेड की तरफ से एनओसी (NOC) लिया गया था या नहीं इसकी भी जानकारी निकाली जा रही है।
दिल्ली नगर निगम के पास अब तक इस अवैध इमारत के बारे में क्या कोई जानकारी नहीं थी? 
मरकज इमारत का निर्माण अवैध रुप से किया जा रहा था तो वहां के स्थानीय अधिकारियों को इसकी खबर क्यों नहीं लगी?
मरकज इमारत का हाउस टैक्स आज तक जमा नहीं किया गया इस पर कार्रवाई क्यों नही हुई ?
मरकज इमारत का निर्माण करवाने वालों के खिलाफ आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

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