अखिलेश यादव ने कसा 5 ट्रिलियन इकॉनामी पर तंज

  • शराब की बिक्री को लेकर सरकार का विरोध शुरु
  • शराब की खुली दुकानें, भीड़ पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज 
  • अखिलेश यादव ने 5 ट्रिलियन इकॉनामी पर कसा तंज 
  • केजरीवाल ने दिया दिल्लीवासियों को निर्देश 
कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉक डाउन लगा हुआ है लेकिन अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने कुछ इलाकों में छूट देनी शुरू कर दी और कुछ छोटे बड़े रोजगार और दुकानों को खोलने का आदेश भी दे दिया है लेकिन इसी बीच सरकार की तरफ एक ऐसा भी फैसला आया जिसका विरोध होना शुरू हो गया है। सरकार ने तीसरे लॉक डाउन के पहले दिन यानी 4 मई से पूरे देश में शराब की दुकानों को खोलने का आदेश दे दिया। सूत्रों की माने तो कुछ राज्य सरकारों ने ऐसी मांग की थी कि उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं है इसलिए शराब की दुकानों को खोला जाए जिससे सरकार को आमदनी हो सके।
केंद्र सरकार के आदेश के बाद 4 मई से शराब की दुकानों को खोल दिया गया जबकि लोगों ने दुकानों के खुलने से पहले ही लाइन लगा ली थी। कुछ दुकानों पर लाइने कई किलोमीटर तक पहुंच गई थी। कुछ दुकानदारों ने भीड़ से बचने के लिए बैरिकेडिंग की भी व्यवस्था थी जिससे भीड़ एक साथ जमा ना हो सके। भीड़ को कंट्रोल में करने के लिए पुलिस भी तैनात की गई थी लेकिन दुकान खोलने के बाद कई राज्यों के हालात चिंताजनक होने लगे और शराब खरीदने की होड़ में लोगों ने सरकार द्वारा जारी निर्देश को भुला दिया और दुकान पर भीड़ इकट्ठा होने लगी जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और दुकानों को बंद करवा दिया। 
वहीं केंद्र सरकार द्वारा शराब की दुकान खोलने के फैसले को लेकर विपक्षी दलों द्वारा लगातार हमला जारी है। विपक्षी दलों का कहना है की सरकार इतनी कमजोर कैसे हो सकती है कि उसके पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं हो सकते। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा किया कि आखिर सरकार की अर्थव्यवस्था इतनी जल्दी कैसे सड़क पर आ गई। अखिलेश यादव ने एक ट्वीट करते हुए लिखा “भाई साहब कृपया यह बताएं कि 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने के लिए क्या इसी लाइन में लगना है?” अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में एक फोटो भी शेयर की है जिसमें लोग अंग्रेजी शराब की दुकान के सामने कतार में खड़े हैं हालांकि इस दौरान लोगों के बीच दूरी देखने को मिल रही है और ज्यादातर लोगों ने मास्क भी पहन रखा है।

राजधानी दिल्ली पूरी तरह से रेड जोन में है बावजूद इसके वहां पर भी शराब की दुकानों को खोलने का आदेश दिया गया लेकिन राजधानी दिल्ली के भी हालात पहले दिन अच्छे नहीं थे। बढ़ती भीड़ को देखते हुए शराब की दुकानों को बंद करवाना पड़ा और पुलिस को भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी को हिदायत देते हुए कहा कि लॉक डाउन के दौरान कुछ रियायतें दी गई हैं लेकिन अगर उनका सही तरीके से पालन नहीं किया गया तो यह रियायतें वापस ले ली जाएंगी और दुकानों को बंद कर दिया जाएगा।

 लॉक डाउन के दौरान कई राज्यों ने केंद्र सरकार से शराब की दुकान को खोलने का अनुरोध किया था। लॉक डाउन के नियमों को देखते हुए शराब की होम डिलीवरी का भी ऑप्शन दिया गया था जिससे राज्य सरकारों को इससे होने वाली कमाई भी हो सकेगी और लॉक डाउन का नियम भी बरकरार रहेगा। वहीं शराब से होने वाली सरकारी आय पर नजर डालें तो 25 मार्च से लेकर 3 मई तक यानी लॉक डाउन वन और लॉक डाउन टू के दौरान सरकार को करीब हर दिन 700 करोड रुपए का नुकसान हुआ है। वही राज्यों को 25 से 30 फ़ीसदी आय शराब से ही होती है। 2017 में राज्यों को करीब 1.99 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई थी जबकि 2018 में 2.17 लाख करोड रुपए और 2019 में 2.48 लाख करोड रुपए की कमाई हुई। अब शराब से होने वाली कमाई के आंकड़ों को देखकर आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार शराब की दुकानों को खोलने के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों कर रही है।

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