उत्तर प्रदेश में भी जारी हुआ नया निर्देश, प्रियांका और योगी सरकार के बीच टकराव

  • उत्तर प्रदेश में भी जारी हुआ नया निर्देश
  • ज्यादा छूट के साथ सरकार बढ़ रही आगे
  • प्रियांका और योगी सरकार के बीच टकराव
  • पूरे देश में मजबूर हुआ मजदूर 
लॉक डाउन 4.0 को लेकर बाकी राज्यों के साथ साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राज्य में नए दिशा निर्देशों का ऐलान कर दिया। सरकार ने लॉक डाउन के चौथे चरण में ज्यादा से ज्यादा राहत देने की कोशिश की है लेकिन इस बात पर भी जोर दिया है कि राहत के दौरान जो भी नियम बनाए गए हैं उसका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए अन्यथा सभी राहत खत्म कर दी जाएगी। योगी आदित्यनाथ ने बाकी राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी स्कूल, कॉलेज, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम और किसी भी तरह के भीड़भाड़ वाले उद्योगों को खोलने से मना किया है साथ ही परिवहन में भी छूट नहीं दी गई है सिर्फ जरूरी लोगों को ही बाहर निकलने का निर्देश है।
योगी सरकार ने कहा कि बाजारों को भी नियमों के आधार पर खोला जायेगा जिससे भीड़ की आशंका कम रहे। सब्जी मंडियों को सुबह 5 बजे से 7 बजे तक खोला जायेगा जबकि पूरे दिन लगने वाली फलों और सब्जियों की दुकानों को शहर के बाहर खुले स्थान पर स्थानांतरिक किया जायेगा। मिठाई की दुकानों को खोला जायेगा लेकिन दुकानदार को मास्क और हाथ दस्ताने का इस्तेमाल करना आवश्यक होगा। मिठाई की दुकान में बैठकर खाने की इजाजत नहीं होगी। शादी हाल भी खोलने की इजाजत दी गयी है लेकिन शादी में 20 अधिक लोगों को शामिल होने की परमिशन नहीं है।
वहीं मजदूरों को लेकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर होती नजर आ रही है। दरअसल कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने योगी सरकार से कांग्रेस की तरफ से करीब 1000 बसों को चलाने का प्रस्ताव रखा था जिस पर योगी सरकार ने उन्हें अनुमति दे दी लेकिन सरकार ने प्रियंका गांधी द्वारा दिए गए बस नंबरों की जांच की तो पता चला कि यह सभी नंबर बस के साथ-साथ चार पहिया वाहन, दो पहिया वाहन और एंबुलेंस के भी हैं जिस पर योगी सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि कांग्रेस देश की जनता को गुमराह कर रही है। वहीं प्रियंका गांधी की तरफ से इस मामले पर और समय मांगा गया है।
पूरे देश में लॉक डाउन के बाद से मजदूरों की हालत सबसे चिंताजनक बनी हुई है। सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले मजदूर दूसरे राज्यों में बुरी तरह से फंसे हुए हैं और अब उनके पास घर पहुंचने के लिए साधन नहीं है। हालांकि इस दौरान ज्यादातर मजदूर पैदल ही अपने घरों को जा रहे हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार होती दुर्घटनाओं में इनकी मौत भी हो रही है जिसके बाद से कुछ राज्यों ने निर्देश जारी किया है कि मजदूरों को पैदल यात्रा ना करने दिया जाए। इससे उनकी जान को खतरा है लेकिन सरकार के सामने कोई सही विकल्प ना होने से मजदूर भी पैदल चलने को मजबूर हैं।

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