टाटा ग्रुप सहित कई कंपनियों ने काटा वेतन, जानिए किस कंपनी ने की हजारों की छटनी

  • महामारी का असर वेतन कटौती और नौकरी पर दिखने लगा
  • टाटा ग्रुप ने वेतन में 20 फीसदी की कटौती का किया ऐलान
  • पहली बार जब टाटा ग्रुप ने किया वेतन कटौती का ऐलान
  • IBM ने की हजारों की छटनी, वेतन से 25% की कटौती 
कोराना का कहर अब भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगा है बड़ी से बड़ी कंपनियां भी अब वेतन कटौती की तरफ कदम बढ़ा रही है। लॉक डाउन को 2 महीने यानी 60 दिन पूरे हो चुके है और अब लोगों की हालत हर दिन खराब होती जा रही है। सरकार के तमाम दावे और अपील के बाद भी निजी कंपनिया वेतन कटौती का काम कर रही है। देश की नामचीन कंपनियों में शामिल बड़े बड़े दिग्गज भी अपने कर्मचारी का वेतन कट करने का ऐलान कर चुके है। कंपनियों के इस ऐलान के बाद अब आम जनता काफी बुरे दौर से गुजरने वाली है।
 
टाटा ग्रुप करेगा वेतन में कटौती
देश के लिए हमेशा दान देने वालों में शुमार दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ( ratan tata ) ने अपने कर्मचारियों के वेतन काटने का ऐलान कर दिया गया है हालांकि यह कटौती सिर्फ बड़े अधिकारियों के वेतन में होगी लेकिन कंपनी के इस फैसले से कहीं ना कहीं निचले कर्मचारियों में भी डर का माहौल बन गया होगा। ऐसा पहली बार हो रहा है जब टाटा संस ने वेतन कटौती का ऐलान किया है। टाटा संस के चेयरमैन और इस ग्रुप के सभी CEOs और MDs के वेतन से 20 फीसदी की कटौती की जा रही है। लॉक डाउन के बाद उद्योग धंधों पर बुरा असर पड़ा है जिसके बाद से वेतन कटौती का सिलसिला शुरु हो गया है।
IBM ने हजारों को किया बेरोजगार  
कोरोना का असर किसी एक कंपनी पर नहीं पड़ रहा है इनकी संख्या हजारों में है जहां कंपनियों से वेतन कटौती और छंटनी का काम शुरु हो चुका है। जानी मानी टेक कंपनी IBM ने भी अपने कर्मचारियों की छटनी शुरु कर दी है जानकारी के मुताबिक अलग अलग देशों से करीब हजारों लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है जबकि बचे हुए लोगों का वेतन कटौती का काम भी शुरु होने वाला है। कंपनी से मिली जानकारी के मुताबिक 31 अक्टूबर तक सभी के वेतन से 25 फीसदी की कटौती की जायेगी। लॉक डाउन के 2 महीने बीतने के बाद निजी और सरकारी कर्मचारियों पर मार पड़ रही है अगर महामारी की वजह से हालात और बिगड़े तो यह मार और भारी हो सकती है।
लॉक डाउन में कठिन हुई जिंदगी 
24 मार्च 2020 को पीएम मोदी की तरफ से ऐलान किया गया कि देश में महामारी के चलते लॉक डाउन लगाया जा रहा है लेकिन उस समय किसी ने ऐसी उम्मीद नहीं की थी कि यह महीनों चलेगा। सभी ने अपनी अपनी हैसियत के अनुसार 2 महीने तक अपना खर्च चलाया है लेकिन अब नौकरी जाने और वेतन कटौती के बाद मिडिल क्लास सबसे ज्यादा परेशान हो रहा है। मिडिल क्लास लोगों के पास ज्यादातर चीजें लोन पर होती है ऐसे में वेतन में कटौती और नौकरी के जाने के बाद हालात बिगड़ रहे है। सरकार की तरफ से तमाम ऐलान किये जा रहे है लेकिन उसका सीधा फायदा मिडिल क्लास को नहीं मिल रहा है। निजी कंपनियों की तरफ से हर किसी को नौकरी का खतरा बना हुआ है या फिर वेतन कटौती की मार झेलने को हर कोई मजबूर है।

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