‘निसर्ग’ तूफान से कोंकण में तबाही राहत कार्यों में जुटे संघ के स्वयंसेवक

कोरोना संकट और लॉकडाउन की मार से महाराष्ट्र उबरा भी नहीं था कि प्रकृति ने ‘निसर्ग’ तूफान के रूप में फिर से तबाही मचाकर महाराष्ट ́ के रायगड़ और रत्नागिरी जिलों के अनेक गांवों को गांवों को पूरी तरह उजाड़ दिया। लोगों के घर ध्वस्त हो गए। ऐसे संकट के समय हर बार की तरह इस बार भी राष्ट्रिय  स्वयंसेवक संघ के स्वयंसवकों ने मोर्चा संभाल लिया है और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।

‘निसर्ग’ तूफान ने कोंकण के तटीय क्षेत्र में स्थित रायगड, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग को सर्वाधिक क्षति पहुंचाई है। घर ध्वस्त होने से ग्रामीणों की हालत बद से बदतर हो गई है। स्थिति यह हो गई है कि वे न घर के रहे न घाट के। तूफान ने आर्थिक नुकसान के साथ ही ग्रामीणों को मानसिक रूप से अधिक चोट पहुंचाई है। इससे उबरने में ग्रामीणों को लम्बा समय लगेगा।

बता दें कि ग्रामीण पूरी तरह से कृषि पर निर्भर हैं। आम, नारियल, काजू, सुपारी आदि के लगभग 70 से 80 प्रतिशत वृक्ष उखड़ हो गए हैं। खेत – खलिहान भी पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। धनोपार्जन के जो साधन थे वे नष्ट हो गए हैं। गांवों को फिर से संवारने में जुटे सैकड़ों स्वयंसेवक कहते हैं किसी को उजाड़ना आसान है लेकिन उसे बसाना बड़ा मुश्किल है।  राष्ट्र  और समाज के लिए समर्पित स्वयंसेवक इसी मुश्किल कार्य को सिद्ध करने के लिए जुटे हुए हैं। स्वयंसेवक अवरुद्ध हुए मार्गों की बाधाओं को हटा रहे हैं। गिरे हुए पेड़ों की कटाई-छंटाई कर उन्हें हटा रहे हैं। घरों के निर्माण और छतों की मरम्मत में सहयोग प्रदान कर रहे हैं। कुओं और खेतों को साफ कर रहे हैं। पानी के टैंकर की सुविधा तथा प्रभावित परिवारों को राशन वितरित किया जा रहा है। प्रशासन से समन्वय स्थापित कर सहयोग कर रहे हैं। 10 हजार से अधिक मोमबत्तियां, माचिस बॉक्स, लाइटर, जल शुद्धिकरण की दवाएं आदि वितरित किया गया है। किसानों व ग्रामीणों को एस्बेस्टास शीट वितरित की गई हैं।

रायगड़ जिले के आक्षी, नागाव, रेवदांडा, चौल, म्हालसा, श्रीवर्धन, हरिहरेश्वर, हरणे, अलीबाग, मुरुड़ और रत्नागिरी जिले के दापोली, मुरडी, केलशी, मंडणगड, आंजला, वेलास आदि गांवों में संघ द्वारा राहत कार्य किया जा रहा है। इन राहत कार्यों को सफल बनाने के लिए शहरों से भी आर्थिक सहायता के लिए लोग आगे आ रहे हैं और साधन-सामग्री भी भेज रहे हैं। संघ के साथ ही सहयोगी संगठन विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, राष्ट्र सेविका समिति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं अन्य स्थानीय संगठन राहत कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

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