वर्ष 1736 से चली आ रही रथ यात्रा की परंपरा को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी

  • सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ रथ यात्रा को दी मंजूरी
  • मंदिर समिति, राज्य और केंद्र सरकार करेंगे यात्रा का संचालन
  • इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रथ यात्रा पर रोक
  • वर्ष 1736 से चली आ रही है जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा की परंपरा

भगवान जगन्नाथ की सैंकड़ो साल पुरानी रथ यात्रा की परंपरा आखिरकार खत्म होने से बच गयी और सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला पलटते हुए इसकी इजाज़त दे दी। सुप्रीम कोर्ट में रथ यात्रा को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई और वकीलों के बीच इस कड़ी बहस हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस रथ यात्रा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे संक्रमण के बढ़ने की उम्मीद ज्यादा है इसलिए इस पर रोक लगाना जरूरी है क्योंकि जानकारी के मुताबिक 10-12 दिन की इस रथ यात्रा में लाखों लोग शामिल होगे ऐसे में संक्रमण का खतरा ज्यादा है और अगर किसी को यात्रा के बाद संक्रमित पाया जाता है तो उससे मिलने वालो को ट्रैक कर पाना ज्यादा मुश्किल होगा।

सुप्रीम कोर्ट से रथ यात्रा को मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर समिति, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को आपसी सहमति से रथ यात्रा की मंजूरी दे दी लेकिन इसके लिए पूरी तैयारी के साथ यात्रा निकालने का निर्देश दिया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकार चाहे तो इस रथ यात्रा पर वह किसी भी समय रोक लगा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने रथ यात्रा को मंजूरी तो दे दी है लेकिन इसका पूरा दायित्व मंदिर समिति, राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर छोड़ दिया है साथ ही सभी को यह निर्देश दिया है कि किसी भी तरह से संक्रमण ना फैलने दिया जाए।

वर्ष 1736 से चली आ रही है रथ यात्रा की परंपरा

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को इस मामले पर सुनवाई करते हुए इस रथ यात्रा पर यह कहते हुए रोक लगा दिया था कि इससे संक्रमण के फैलने की अधिक संभावना है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले आहत समाज के कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका दायर की जिस पर सोमवार को फिर से सुनवाई हुई और फैसला लोगों के पक्ष में आया। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर वह इस रथ यात्रा को मंजूरी देते है तो भगवान जगन्नाथ उन्हे माफ नहीं करेंगे। देश की सर्वोच्च अदालत ने उड़ीसा सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि वह राज्य में कहीं भी यात्रा या किसी बड़े समारोह को कोई मंजूरी ना दें। मंदिर से महंतो के मुताबिक यह रथ यात्रा वर्ष 1736 से चली आ रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई और सभी भक्तों को रथ यात्रा की मंजूरी मिलने पर बधाई दी।

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