कोरोना महामारी में कौन से मास्क का करें इस्तेमाल? जानिए मास्क की पूरी जानकारी

  • कोरोना महामारी में मास्क है अकेला बचाव
  • बाजार में है कई तरफ के मास्क
  • घरेलू मास्क भी है काफी उपयोगी
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस लगातार बढ़ता जा रहा है अभी तक किसी भी देश के पास इसका इलाज या दवा नहीं तैयार हो पायी है। लोग सिर्फ कुछ बचाव के साथ इससे बच रहे है लेकिन यह बचाव भी कैसा करना है कुछ लोगों को इसकी जानकारी नहीं है और कुछ लोग इसका पालन नही कर रहे है जिससे यह संक्रमण पूरी दुनिया में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। संक्रमण के दौरान सिर्फ दो ही चीज कारगर साबित हो रही है वह है मास्क और सेनेटाइनज़र। सरकार भी सभी को मास्क के साथ ही बाहर निकलने का निर्देश दे रही है क्योंकि यह महामारी दुनिया में पहली बार शुरु हुई है इसलिए लोगों को यह कम पता है कि मास्क कौन सा इस्तेमाल करना चाहिए। 
 
 
बाजार में कई तरह के मास्क मौजूद है लेकिन किसे कौन सा मास्क इस्तेमाल करना है यह कम लोगों को ही पता है। कुछ लोग पैसे के अनुसार इसका चयन कर रहे है तो कुछ लोग दूसरों से सलाह लेकर इसका इस्तेमाल कर रहे है। कोरोना संक्रमण की वजह से बाजार में मास्क भी बहुत तरह से उपलब्ध हो चुके है कुछ लोगों ने इस महामारी को एक अवसर के रुप में लेते हुए मास्क और सेनेटाइज़र का व्यापार तेजी से शुरु कर दिया है और बिना किसी गाइड लाइन के ही सब तैयार कर बाजार में उपलब्ध करा रहे है। 
 
N95 मास्क की ख़ासियत 
एन95 मास्क महामारी के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रहा और इसे एक अच्छे मास्क के तौर पर भी देखा जा रहा है। इस मास्क की खासियत यह है कि यह सबसे छोटे कण को भी अंदर जाने से रोकता है इसको पहनने से आप 0.3 माइक्रांस तक के कण से बच सकते है यह करीब 95 फीसदी कण को आप के नाक या मुंह में जाने से रोकता है। मास्क में फाइबर की एक परत होती है जो कणों को अंदर जाने से रोकती है। यह मास्क चेहरे के अनुसार तैयार किया जाता है इसमें एक नोज के आकार जैसा कट होता है जो इसे चेहरे पर फिट होने के लिए बनाया जाता है। इस मास्क के इस्तेमाल के दौरान यह सुनिस्चित कर लें कि यह आप के चेहरे पर पूरी तरह से फिट हो रहा है।
 
मेडिकल मास्क की ख़ासियत
सेंथेटिक फाइबर से बना यह मास्क एन 95 की तुलना में कम प्रभावी होता है लेकिन इससे भी छोटे कणों को 80 फीसदी तक रोका जा सकता है। यह सिर्फ एक ही बार के इस्तेमाल के लिए होता है। इसकी फिटिंग बाकी मास्क से थोड़ा कम होती है इसलिए यह ज्यादा प्रभावी नहीं होता है इसलिए आप इसे पहनने के दौरान टाइट रखने की कोशिश करें। इसका रेक्टेंगल आकार में होता है और इसे ऐसे मोड़ कर बनाया जाता है कि यह आसानी से चेहरे पर फैल जाता है। इससे सांस लेने में आसानी होती है। मेडिकल फील्ड में इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसे एक बार के बाद आप फेंक सकते है और यह कम मंहगा होता है। 
घर पर बने मास्क की ख़ासियत       
घर पर बना मास्क कॉटन के कपड़े से बनाया जाता है यह मास्क भी इस्तेमाल के लिए ठीक होता है और इससे भी बड़े कणों से बचा जा सकता है। यह मास्क भी मेडिकल मास्क जैसी सुरक्षा देते। घर पर आप टी-शर्ट या किसी भी कॉटन के कपड़े से यह मास्क बना सकते है लेकिन आप को यह ध्यान देना होगा कि मास्क के लिए ऐसे कपड़ों का इस्तेमाल करें जिसमें धागे अधिक हों जिससे कण अंदर ना जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने एक भाषण में कहा था कि अगर बाजार में बना मास्क नहीं मिल रहा है तो आप घर पर बने मास्क या गमछे का भी इस्तेमाल कर सकते है।       

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