कब होगी स्कूल फीस मांफी? सरकार या सुप्रीम कोर्ट का दखल जरुरी

  • स्कूल प्रबंधन लगातार बढ़ा रहा फीस का दबाव
  • अभिभावकों का फीस को लेकर विरोध जारी
  • कुछ राज्य सरकारों व स्कूलों ने किया फीस माफ
  • केंद्र सरकार या सुप्रीम कोर्ट को देना होगा दखल
कोरोना महामारी के साथ साथ अब अभिभावकों के सामने बच्चों की फीस भरने का बड़ा बोझ पैदा हो गया है। स्कूल किसी भी हाल में फीस माफ करने या फिर कम करने की तैयारी में नहीं दिख रहे है और स्कूलों की तरफ से साफ साफ यह कह दिया गया है कि अगर फीस समय पर जमा नहीं होगी तो बच्चे को स्कूल से बाहर कर दिया जायेगा, इतना ही नहीं कुछ अभिभावनों ने तो यह भी बताया कि स्कूल की तरफ से उन्हे यह तक कहा गया कि “अगर आप की हैसियत प्राइवेट में पढ़ाने की नहीं होती है तो फिर सरकारी स्कूल आप लोगों के लिए ही खोले गये है” 
 
प्राइवेट स्कूल कभी अभिभावक को यह कह कर दो बात सुना देते थे कि आप का बच्चा मोबाइल ज्यादा खेलता है उसे मोबाइल से दूर रखना चाहिए क्योंकि छोटे बच्चों के लिए मोबाइल नुकसानदायक है लेकिन समय के अनुसार खुद को परिवर्तित करते हुए स्कूल अब खुद ऑनलाइन के नाम पर छोटे बच्चों को मोबाइल के सामने घंटों तक बैठा रहे है जिससे ना सिर्फ बच्चों का नुकसान हो रहा है बल्कि आर्थिक रुप से कमजोर परिवार को एक स्मार्ट फोन का भी मजबूरी में प्रबंध करना पड़ रहा है, इतना ही नहीं कुछ स्कूलों ने तो घर से ऑनलाइन की पढ़ाई करने वाले बच्चों को ड्रेस पहनाना भी जरूरी कर दिया है, हालांकि “स्कूल की तरफ से इस पर सफाई दी गयी और कहा गया कि ड्रेस पहनकर बच्चे अगर बैठते है तो उन्हे पढ़ाई का माहौल मिलता है जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल ही अलग है और वह सभी को पता है” 
 
अभिभावकों पर लगातार फीस का दबाव बढ़ता जा रहा है जिसको लेकर अभिभावक परेशान है और चाह कर भी कुछ लोग फीस नहीं भर पा रहे है क्योंकि उनका रोज़गार और व्यापार पूरी तरह से बंद है ऐसे में उनके लिए परिवार का पेट पालना मुश्किल हो रहा है फिर ऐसे में फीस का जुगाड़ वह कहां से करें। इस महामारी के समय में बेरोज़गार को ना तो कोई बैंक लोन देगी और ना ही कोई संबंधी या दोस्त आप को मदद करेगा, फिर ऐसे में अब सभी की आस सरकार और कोर्ट से जुड़ी हुई है। पूरे देश के अभिभावक इस बात की आस लगाए हुए है कि सरकार का कोई फैसला इनके पक्ष में आयेगा और स्कूल की फीस से इन्हे राहत मिलेगी। 
 
देश के अलग अलग शहरों में स्कूल फीस को लेकर विरोध भी देखने को मिल रहा है। अभिभावक सड़क पर आकर विरोध कर रहे है और सरकार से यह मांग भी कर रहे है कि उनकी आर्थिक परिस्थिति को समझते हुए स्कूल फीस से उन्हे बचाया जाये। “अभिभावकों का कहना है कि जब मार्च से लेकर अभी तक स्कूल का गेट नहीं खुला और उनके बच्चों ने स्कूल में कदम भी नहीं रखा तो फिर स्कूल किस बात की फीस मांग रहा है।”  स्कूलों ने फीस वसूली के नाम पर जो ऑनलाइन क्लास शुरु की है उसमें स्कूल का कोई विशेष खर्चा नहीं हो रहा है ऐसे में स्कूल को कम से कम फीस लेना चाहिए। अभिभावकों ने यह भी आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने अपने ज्यादातर शिक्षकों का वेतन कम कर दिया है और उन्हे यह कह कह वेतन नहीं दे रहे है कि अभी तक लोगों ने फीस नहीं जमा की है जबकि अभिभावकों को फीस के नाम पर बार बार मैसेज किया जा रहा है और बच्चों के नाम काटने की धमकी दे कर मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जा रहा है।  
देश के कुछ ऐसे राज्य है जहां कुछ स्कूलों ने खुद से दरियादिली दिखाते हुए स्कूल फीस करीब 3 महीने तक के लिए माफ कर दिया है। इसके साथ ही यह भी कहा कि जब तक स्कूल पूरी तरह से शुरु नहीं हो जायेगा हम फीस नहीं लेंगे। हाल ही में गुजरात सरकार की तरफ से भी यह आदेश जारी किया गया कि जब तक स्कूल बंद रहेंगे अभिभावकों को फीस जमा नहीं करनी होगी लेकिन गुजरात सरकार का यह फैसला स्कूल मालिकों को रास नहीं आया और उन्होने ऑनलाइन पढ़ाई को तुरंत से बंद कर दिया साथ ही यह भी कहा कि वह गुजरात सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे लेकिन अब सवाल यह उठता है कि किसी एक या दो राज्य सरकारों के फैसले से सिर्फ राज्य की जनता को फायदा होगा। इस मामले में अब केंद्र सरकार या फिर सुप्रीम कोर्ट को दखल देना चाहिए और आर्थिक रुप से परेशान चल रही जनता को फीस की परेशानी से बचना चाहिए। 

This Post Has One Comment

  1. Sarika singh

    Best solution hai ki ase private school ka bahiskar kar de sabhi parents ek sath jab ek bachha bhi nahi jayega school unke to kisko dadagiri dikhayenge .

    Abhi unhi School m jaye jaha fees maf ya kam kiya hai ya government m hi padha le. tabhi enki manmani band hogi ur aukat bhi samjh ayegi enki .
    Sirf parents ko ekjut hona hoga jo aage future me bhi sahi kam hoga koi manmani nhi chalegi private school ka.

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