एक फेसबुक पोस्ट के लिए दंगा करना कितना सही?

  • विवादित फेसबुक पोस्ट को लेकर बेंगलुरु में हुआ दंगा
  • दंगे में 3 लोगों की मौत कई पुलिसकर्मी घायल
  • फेसबुक पोस्ट करने वाले कांग्रेस विधायक के करीबी गिरफ्तार
  • फेसबुक पोस्ट के लिए दंगा करना ठीक?

देश में आज कल सोशल मिडिया का इस्तेमाल एक दूसरे से ताल मेल बढ़ाने और जानकारी साझा करने से ज्यादा लड़ाइयों के लिए किया जा रहा है और इसका ताजा उदाहरण कर्नाटक की राजधानी बैंगलूरु में देखने को मिला जहां मंगलवार को एक फेसबुक पोस्ट को लेकर दंगा भड़क गया जिसमें अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैंकड़ो लोग घायल हुए है हालात यहां तक बिगड़ गये थे कि पुलिस को गोली तक चलाना पड़ा। बीती रात हुए दंगे के बाद से शहर में धारा 144 लागू कर दी गयी है जिससे लोग अपने घरों से बाहर ना निकल सके। 
 
बेंगलुरु में एक कांग्रेस विधायक के नज़दीकी ने फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट किया जिससे मुस्लिमों की भावना आहत हुई जिसके बाद से यह विवाद शुरु हुआ। फिलहाल शुरुआती दौर में कुछ लोगों ने इस मामले को पुलिस के सामने रखा और मामले में दखल देने को कहा लेकिन पुलिस ने मामले को खत्म करते हुए इस विवाद को दबाने की कोशिश की और उन लोगों को बिना शिकायत दर्ज किये जाने को कहा जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया और फिर पुलिस स्टेशन के सामने ही नारे बाजी और विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया। 
 
पुलिस कुछ समझ पाती इससे पहले ही भीड़ ने एक बड़ा रुप ले लिया और फिर पुलिस को खुद की जान बचानी मुश्किल हो गयी। विरोध कर रहे लोगों ने पुलिस पर ही पथराव शुरु कर दिया जिसमें पुलिस स्टेशन को भी नुकसान हुआ है। उग्र भीड़ इतने पर ही नहीं रुकी वह कांग्रेस विधायक के घर पर भी पहुंच गयी और वहां पर भी जमकर पथराव किया गाड़ियों में आग लगा दी। पथराव में विधायक के घर के अलावा अलग बगल के घरों को भी नुकसान पहुंचा है। विशेष समुदाय की इस भीड़ ने करीब 250 गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया जिससे करोड़ो का नुकसान हुआ है।
दंगे के बाद पुलिस ने फेसबुक पर पोस्ट करने वाले आरोपी नवीन को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन अभी तक यह नही साफ हो पाया कि आखिर नवीन ऐसा क्या पोस्ट किया था जिससे लोग इतने दुखी और क्रोधित हो गये कि दंगा करने के लिए तैयार हो गये और 250 गाड़ियों को जला कर और एटीएम को तोड़ कर आखिर कौन सा गुस्सा दिखाना चाहते है। किसी भी समुदाय को इस तरह से कानून को खुलेआम अपने हाथ में लेने का अधिकार नही है अगर किसी को साथ कुछ गलत होता है तो उसके लिए कानून और अदालत बनी हुई है।

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