केंद्र सरकार की फेसबुक को चेतावनी!

डिजिटल भारत और सोशल मीडिया 

डिजिटल भारत के साथ साथ सोशल मिडिया का प्रभाव भी देश में तेजी से बढ़ा है और लोग ज्यादातर समय सोशल मिडिया पर बिताने लगे है। देश के अंदर तमाम ऐसे दंगे भी हुए जिसकी वजह सोशल मिडिया पर भड़काउ बयान और वीडियो रहा है। इसके साथ ही चुनाव के दौरान भी सोशल मिडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है और जानकारों की मानें तो चुनाव परिणाम को काफी हद तक इसके माध्यम से बदला भी जाता है क्योंकि सोशल मिडिया से किसी भी तरह का प्रचार आसानी से किया जा सकता है। करीब एक दशक पहले फेसबुक ने भी भारत में दस्तक दी और लोगों ने बड़ी संख्या में अपना अकाउंट इस पर खोला लेकिन काफी समय तक इसका इस्तेमाल सिर्फ फोटो और वीडियो शेयर करने के लिए होता रहा, इस दौरान एक और बड़ी वजह बनी थी फेसबुक से जुड़ने की और वह थी कि लोगों को अपने पुराने दोस्त मिलने शुरु हो गये थे जो बहुत पहले कभी छूट गये थे। 

 
फेसबुक पर पक्षपात का आरोप
कुछ राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि देश में सोशल मीडिया का गलत तरह से इस्तेमाल हो रहा है और भारत में फेसबुक के कर्मचारियों पर भी पक्षपात का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से यह भी आरोप लगाया जा चुका है कि फेसबुक सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है और पीएम मोदी के समर्थन में होने वाले ट्वीट को बढ़ावा दे रहा है जबकि सरकार के खिलाफ लिखने वाले पोस्ट को डिलीट कर दिया जा रहा है लेकिन वहीं कांग्रेस पार्टी से उलट केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को एक पत्र लिख कर यह आरोप लगाया है कि भारत की फेसबुक टीम एक विशेष पार्टी की विचारधारा से संबंध रखती है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक की तरफ से पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ किये गये ट्वीट के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है और फेसबुक के कर्मचारी पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करते है। 

 
रविशंकर प्रसाद का फेसबुक को पत्र
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने पत्र के द्वारा फेसबुक से मांग की है इसे पूरी तरह से निष्पक्ष होना चाहिए। कोई भी संस्थान या पार्टी पक्षपात कर सकती है लेकिन सोशल साइड्स के लिए यह करना गलत होता है सोशल मिडिया पर हर कोई अपने अपने विचार व्यक्त करता है और इसकी आजादी सभी को मिली हुई है लेकिन इस दौरान अगर सोशल मिडिया अधिकारियों की तरफ सिर्फ कुछ चुनिंदा पोस्ट को ही हटाया जाता है तो यह गलत होता है। रविशंकर प्रसाद ने यह भी आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान फेसबुक स्टाफ की तरफ से दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों की पोस्ट को हटा दिया गया था और उनकी रीच भी कम कर दी गयी थी। रविशंकर प्रसाद फेसबुक को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्होने इससे पहले भी फेसबुक को कई मेल किया था जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है लेकिन अगर ऐसा ही चला तो यह फेसबुक के लिए ठीक नहीं होगा। 
 
राहुल गांधी का फेसबुक पर आरोप
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोला और फेसबुक व बीजेपी के बीच आपसी सांठ-गांठ का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने हालिया अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल का हवाला देते हुए कहा कि फेसबुक केंद्र सरकार को पक्षपात रुप से समर्थन दे रहा है और बीजेपी नेताओं के विवादित पोस्ट पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट मे फेसबुक पर हमला बोलते हुए कहा कि कोई भी विदेशी कंपनी भारत के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दे सकती है अगर ऐसा होता है तो उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए और अगर दोषी मिलते है तो उन्हे दंड भी देना चाहिए। 

 
 
दुनियाभर में बढ़ते सोशल मीडिया के प्रभाव की वजह से अब इसका महत्तव आम लोगों के बीच बढ़ता जा रहा है जिससे सोशल मीडिया के माध्यम से चुनाव को भी किसी एक तरफ मोडा जा सकता है। बाहरी देशों के साथ साथ भारत में भी इसका असर देखने को मिलता है। सोशल साइट्स पर लोग विडियो और फोटो के माध्यम से एक लहर पैदा करते है और फिर उसके ही आधार पर बाकी लोग अपने विचार तय करते है। वर्तमान समय में न्यूज चैनेल भी इसका जमकर उपयोग कर रहे है और लोगों तक खबरों को जल्दी से पहुंचाने के लिए सभी सोशल मीडिया हैंडल पर अपनी खबर प्रसारित करते है। 

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