चीन की दुश्मनी से मजबूत होता आत्मनिर्भर भारत अभियान!

भारत-चीन सीमा विवाद

भारत और चीन के बीच इससे पहले भी विवाद हुआ था लेकिन कभी भी यह विवाद एक सप्ताह से ज्यादा नहीं चला जबकि इस बार महीनों से दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ जंग तक की तैयारी कर के बैठे है लेकिन सवाल यह है कि इस बार हर बार से अलग क्या है जो यह विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है तो चलिए हम आप को बताते है कि इस बार भारत की मोदी सरकार किसी भी कीमत पर चीन के सामने झुकने को तैयार नहीं है जबकि चीन को यह आदत है कि वह अपने सभी पड़ोसियों को दबा कर रखना चाहता है। इससे पहले भी चीन ने भारत की सीमा पर कब्जा कर लिया था लेकिन उस समय की तत्कालीन सरकार ने चीन  के खिलाफ कदम उठाने का दुस्साहस नहीं किया और फिर तब से चीन को यह आदत हो गयी है कि वह कभी भी कहीं कब्ज़ा करने की कोशिश करने लगता है लेकिन इस बार उसका दांव उल्टा हो गया है।
 
भारत का चीन की अर्थव्यवस्था पर चोट
देश की मोदी सरकार ना सिर्फ चीन को सीमा पर जवाब दे रहा है बल्कि उसे अलग अलग क्षेत्रों में भी भारी शिकस्त दे रही है और चीन की अर्थव्यवस्था को भी हिला दिया है। भारत एक बड़ी जनसंख्या वाला देश है जिसका फायदा चीन पिछले कई दशक से उठा रहा था वह भारत का पैसा भारत के खिलाफ ही इस्तेमाल करता था। चीन के सामान पिछले कुछ सालों में तेजी से बाजार में उपलब्ध होने लगे और लोगों का आकर्षण भी इनकी तरफ तेजी से बढ़ा है क्योंकि चीनी सामान सस्ते और आकर्षक होते थे हालांकि इनकी गुणवत्ता बिलकुल भी निचले स्तर की होती है लेकिन तेज भागती जिंदगी में हर कोई सस्ता सामान ढूंढता फिरता है। चीन ने इसका फायदा उठाते हुए तेजी से भारतीय बाजारों पर कब्जा कर लिया और फिर हालात यह हो गये कि लोग चीनी सामनों की मांग करने लगे व्यापारी वर्ग ज्यादातर चीन के सामानों पर आश्रित हो गया और भारत के अंदर बनने वालेे सामानों की मांग में कमी आने लगी।
 
 
स्वदेशी सामानों के इस्तेमाल पर जोर
पीएम मोदी ने जिस दिन से देश की सत्ता संभाली तब से उन्होने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर का नारा दिया और सभी से यह अपील करते हुए कहाकि दूसरे देशों के सामान का कम से कम इस्तेमाल करों और स्वदेशी सामान पर ज्यादा विश्वास करो ऐसा करने से ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। पीएम मोदी ने लोकल फार वोकल का भी नारा दिया था और कहा था कि अपने आस पास बनने वाले सामान का इस्तेमाल करें और उसे आगे बढ़ायें। इसी दौरान चीन के साथ हुए सीमा विवाद ने मोदी की इस पहल को और आगे बढ़ा दिया और सरकार की तरफ से खुलकर स्वदेशी सामानों के इस्तेमाल का आदेश दे दिया गया। सरकार ने सेना की कैंटीनों में भी सिर्फ स्वदेशी सामानों को रखने का आदेश दे दिया।
 
 
 
रोजगार नहीं व्यवसाय है सही विकल्प
भारत में बेरोजगारी की समस्या काफी समय से है और यह लगातार बढ़ती ही गयी है पिछली तमाम सरकारों ने देश के विकास के लिए काम किया लेकिन इस दौरान देश का विकास उस गति से नहीं हुआ जितना बाकी दुनिया के देशों खुद का किया। भारत एक बड़ी जनसंख्या वाला देश था लेकिन इसका कोई फायदा नहीं उठाया गया और देश का विकास बहुत ही कम गति से हुआ। मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद हर क्षेत्र में कुछ नया और ऐतिहासिक काम किया है मोदी का ज्यादातर प्रयास यही रहा है कि हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बनें, वह अपना खुद का रोजगार शुरु करे जिससे वह खुद तो आत्मनिर्भर होगा साथ ही कुछ लोगों को रोजगार भी दे सकेगा। यह एक अलग सच्चाई है कि देश की कुछ चुनिंदा कंपनियों के भरोसे सभी को बैठना ठीक नहीं है और यही वजह है कि बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। केंद्र की मोदी सरकार पिछले काफी समय से आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है जिससे देश के युवा को किसी अन्य देश या कंपनी के भरोसा ना बैठना पड़े।

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