भारत के सामने कमजोर दिख रहा चीन!

  • भारत के सामने कमजोर हुआ शक्तिशाली चीन
  • चीनी रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह से मिलने का मांगा समय 
  • चीन की बड़ी बड़ी बातें साबित हो रही गलत
  • भारत से युद्ध करने से डरता है चीन

चीनी रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह मिलने का मांगा वक्त

भारत और चीन के बीच जारी विवाद वैसे तो अभी किसी अंतिम मुकाम पर नहीं पहुँचा है लेकिन चीन की एक हरकत की वजह से ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब चीन पूरी तरह से समझौते पर आ गया है। दरअसल भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक बैठक में भाग लेने के लिए रुस गये हुए है जहां चीन के भी रक्षा मंत्री मौजूद है और खबर ऐसी है कि चीनी रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह ने मिलने का समय मांगा है जिसके बाद से ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि चीन अब सीमा पर जारी गरितोध को खत्म करना चाहता है। चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने शुक्रवार को राजनाथ सिंह ने मिलने का समय मांगा है लेकिन अभी तक राजनाथ सिंह ने की तरफ से इसका कोई जवाब नहीं दिया गया है। 
 
शंघाई सहयोग संगठन में भाग लेने राजनाथ सिंह पहुचे मास्को
राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन में भाग लेने के लिए मास्को गये हुए है और इसी बैठक में भाग लेने के लिए चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे भी पहुंचे हुए है। वैसे तो राजनाथ सिंह और तमाम देशों के नेताओं से मुलाकात कर रहे है लेकिन चीन का मिलने का अनुरोध ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद युद्ध स्तर तक पहुंच चुका है इसलिए इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे है हालांकि चीन के साथ बैठक या समझौते के बाद भी उस पर पूरी तरह से विश्वास नहीं किया जा सकता है। चीन का यह इतिहास रहा है कि वह पहले दोस्ती करता है और फिर पीछे से युद्ध शुरु कर देता है। 
 
राजनाथ सिंह की मास्को यात्रा के दौरान चीन के रक्षा मंत्री से मिलने का पूर्व निर्धारित कोई प्रोग्राम नहीं है और अभी तक इस बात की भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि चीन के रक्षा मंत्री ने मिलने का समय भी मांगा है लेकिन इस बात को पूरी तरह से नकारा भी नहीं जा सकता क्योंकि भारत और चीन के बीच जिस तरह से हालात बने हुए है उससे यह संभव है कि चीन के रक्षा मंत्री मिलने का समय मांग सकते है और भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर चर्चा कर सकते है। 
 
भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प
भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में जून में दोनों तरह से सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें की जवान शहीद हो गये थे हालांकि भारतीय जवानों ने बहादुरी का परिचय देते हुए चीन के भी 40 से अधिक सैनिकों को मार दिया था हालांकि चीन उसे अभी भी मानने को तैयार नहीं होता। इससे पहले मई महीने में भी लद्धाख और अरुणाचल में सीमा पर विवाद हुआ था और सैनिकों के बीच झड़प भी हुई थी और वह सिलसिला लगातार चलता आ रहा है। सीमा विवाद को लेकर चीन ऑफ डिफेंस ने तो यहां तक बयान दे दिया था कि अगर बैठकों से मुद्दा नहीं सुलझता है तो फिर भारत के पास सैन्य विकल्प मौजूद है।  

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