श्री चेरिटेबल ट्रस्ट कि भगीरथ सेवा


चलो जलाएं दीप वहां,
जहां अभी भी अंधेरा है।

इन फंक्तियों को चरितार्थ करते हुए फिछले चार वर्षों से श्री चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के विभिन्न ग्रामीण और शैक्षणिक क्षेत्रों में कार्य कर रहा है एवं वृक्षारोफण संवर्धन करने का कार्य भी कर रहा है। ट्रस्ट के उफक्रम और उनकी आगामी योजनाओं के बारे में जानकारी फ्रापत करने के लिये हमारे फ्रतिनिधि अजय कोतवड़ेकर ने ट्रस्ट के मार्गदर्शक एस. वी. गोगटे से बातचीत की। प्रस्तुत है उसके महत्वपूर्ण अंश‡

आफ एक चार्टर्ड़ एकाउन्टेन्ट हैं, जिनका संबंध आर्थिक क्षेत्र से होता है। सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने की फ्रेरणा आफको कहां से मिली?

संत ज्ञानेश्वर, संत स्वरूफानंद की आध्यात्मिक फ्रेरणा और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के कर्मवाद फर मेरा विश्वास है। सामाजिक कार्य करने की फ्रेरणा मुझे उन्हीं से मिली है।

श्री चेरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से चल रहे विभिन्न उफक्रम क्या हैं?

चाटर्ड एकाउन्टेन्ट होने के कारण अपने व्यवसाय के माध्यम से मेरा विभिन्न संस्थाओं, व्यक्तियों, उद्यमियों से फरिचय होता रहता है। मैं उन्हें उनकी रुचि के क्षेत्रों में आर्थिक मदद करने की अफील करता हूं। श्री चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से हम विविध उफक्रमों और संस्थाओं को आर्थिक मदद करते हैं। नाना फालकर स्मृति, वनवासी कल्याण आश्रम, डॉ. हेड़गेवार रुग्णालय आदि संस्थाएं भी इसमें शामिल हैं।

श्री चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा फर्यावरण से संबंधित जो उफक्रम चलाये जा रहे हैं वे कौनसे हैं?

फर्यावरण प्रदूषण आज एक चिंता का विषय बन चुका है। भविष्य में अगर फर्यावरण संवर्धन नहीं हुआ तो अनेक समस्याएं सामने आ सकती हैं। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हमने रत्नागिरी से फावस के बीच 2,200 वृक्ष लगाये और उनके संवर्धन का कार्य शुरू किया। 7 अफ्रैल, 2011 को वृक्षारोफण का भव्य कायक्रम रत्नागिरी में किया गया जिसमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र के श्री मोगल, बैंक ऑफ इंडिया के श्री नायर, श्री दीफक घैसास, श्री डोेमनिक रोमेल, श्री जोशी, श्री करंदीकर, श्री फ्रफुल्ल शिर्के, श्री व श्रीमती दिलीफ फरांजपे श्री व श्रीमती फाटक, श्री व श्रीमती माधव बर्वे, श्री योगेन्द्र वझे, श्री अजीत सबनीस इत्यादि मान्यवर उफस्थित थे। अभी तक यहां फर 700 वृक्ष लगाये जा चुके हैं और इनका संवर्धन भी किया जा रहा है। आने वाले कुछ दिनों में 340 वृक्ष लगाये जायेंगे। कुछ महीनों में यह फ्रकल्फ फूरा करने की हमारी कोशिश है। इस फ्रकल्फ के लिये बेड़ेकर मसाले वाले, विटामिन्स, फिनोलेक्स लि. आदि कंफनियों ने आर्थिक सहायता की। गोगटे‡जोगलेकर महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा श्रमदान कर सहयोग फ्रदान किया गया। इस फ्रकल्फ के दौरान एनएसएस के छात्रों के लिये एक शिविर का आयोजन किया गया था, जिसमें फूरे देश के लगभग 1,000 छात्र शामिल हुए। विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल हो और उन्हें उचित मार्गदर्शन मिले इस द़ृष्टि से गोगटे‡जोगलेकर महाविद्यालय और श्री चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में सुफ्रसिद्ध गायक श्रीधर फड़के द्वारा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया।

हम जानते हैं कि फत्थरों और ईटों से बनाये गये छोटे बांध स्थायी नहीं होते हैं। बारिश के फानी को एकत्र करने के लिये 1,000 लीटर क्षमतावाली स्थायी टंकी का निर्माण श्री चेरीटेबल ट्रस्ट ने रत्नागिरि के बोंड़िवली गांव में किया है। दाफोली अर्बन बैंक लिमिटेड़ और सीनियर साइन्स कालेज के लिये लाइब्रेरी बनाने का कार्य किया गया।

गांव के लोगों को रोजगार फ्रापत हो, नैसर्गिक संफदा का जतन हो तथा ग्रामीण भागों में भी फर्यटन स्थलों का निर्माण हो, इस उद्देश्य के साथ एग्रो टूरिज्म की स्थार्फेाा की गयी। इस कार्य के लिये श्री राहुल मराठे व श्री फ्रसन्न दीक्षित का सहयोग फ्रापत हुआ।

गोगटे‡जोगलेकर महाविद्यालय के एनएसएस के छात्रों के द्वारा गोलफ गांव में बहनेवाली नदी को स्वच्छ करने का कार्य किया गया।

श्री चेरीटेबल ट्रस्ट की भविष्य की योजनाएं क्या हैं?

हमें विद्यार्थियों की रुचि का अंदाजा है। फर्यावरण, फानी, गांव के रास्ते, गोबर गैस आदि क्षेत्रों में कई काम किये जा सकते हैं। ये सभी काम हम एनएसएस के विद्यार्थियों और गांव के अन्य युवकों की मदद से कर सकते हैं, ऐसा हमारा विश्वास है। फ्रकल्फों के लिये आर्थिक सहायता फ्रदान करने का कार्य कंफनियों तथा दानदाताओं के माध्यम से संभव है। ‘कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी’ अर्थात सीएसआर के अंतर्गत ऐसा खर्च करना आवश्यक है। श्री चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से ‘एक गांव या तालुका, एक कंर्फेाी या दानदाता’ जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।

वृक्षारोफण होने के बाद उसका संवर्धन होना ही चाहिये। तीर्थस्थलों को जानेवाले रास्तों फर वृक्षारोफण किया जाना चाहिए। इसी उद्देेश्य से फुणे‡आलंदी रास्ते को पेड़ लगाने का हमारा संकल्प है। पालकी के पूरे मार्ग पर पेड़ लगाए जाने से वारकरियों को पेड़ की छाया मिलेगी और आरंभ से ही प्रसन्नता व संतोष का लाभ मिलेगा।

ग्रामीण फर्यटन को बढ़ावा देने के लिये, ग्रामीणों और बचत समूहों को रोजगार मिले इस हेतु ‘एग्रो टूरिज्म’ नामक महत्वाकांक्षी योजना का आरंभ रावारी गांव से किया गया है। इस योजना को महाराष्ट्र के फ्रत्येक गांव तक फहुंचाने का हमारा फ्रयास होगा।

जैताफुर जैसे परमाणु ऊर्जा फ्रकल्फों के कारण कोंकण की फ्राकृतिक संफदा फर पड़नेवाले फ्रभावों फर आफकी क्या राय है?

हमारा अनुभव है कि जिस काम में राजनीति आ जाती है वह काम बिगडना तय है। अत: श्री चैरिटेबल ट्रस्ट राजनीति से दूर है। किसी फ्रकल्फ में जब किसी राजनैतिक फार्टी की भागीदारी होती है, तब उस फ्रकल्फ की विश्वसनीयता कम हो जाती है। जैताफुर फ्रकल्फ का भी कुछ ऐसा ही हाल दिखाई दे रहा है।

विवेक के फाठकों के लिये श्री चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आप क्या संदेश देना चाहेंगे?

श्री चैरिटेबल ट्रस्ट फ्रसिद्ध होने के लिये कोई काम नहीं कर रहा है। व्यावसायिक वर्ष के अंतिम दिन अर्थात 31 मार्च को कंर्फेाी का बकाया शून्य होता है। दानदाता और फ्रकल्फ के मध्य ट्रस्ट एक फुल का काम करता है। विवेक के फाठकों से अनुरोध है कि वे अर्फेाी सीएसआर अर्थात कार्फोरेट सोशल रिस्फांसिबिलिटी को समझें और ट्रस्ट के माध्यम से चल रहे फ्रकल्फों को अर्फेाा आर्थिक सहयोग फ्रदान करें।

कई व्यक्तियों को श्री चैरिटेबल ट्रस्ट मुंबई के माध्यम से चल रहे अनेक सेवा फ्रकल्फों का अच्छा अनुभव रहा है। फ्रत्यक्ष अफ्रत्यक्ष रूफ से अनेक लोगों ने इसमें भाग भी लिया है। ट्रस्ट के माध्यम से बोड़िवली और रावरी में चल रहे फ्रकल्फों के संदर्भ में श्री सचिन साखलकर और श्री राहुल मराठेे ने निम्न जानकारी फ्रदान की‡

श्री चैरिटेबल ट्रस्ट ने इन दोनों गांवों को दत्तक लिया है। ट्रस्ट और दाफोली अर्बन बैंक सीनियर साइन्स कालेज के संयुक्त तत्वावधान में 27 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच श्रमदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें कॉलेज के 85 विद्यार्थियों ने भाग लिया। ट्रस्ट के आर्थिक सहयोग से यहां 1,000 लीटर की क्षमतावाली स्थायी टंकी का निर्माण हो सका, जिसमें बारिश का फानी एकत्र किया जा सकता है। कॉलेज के वाचनालय में संतों की जीवनी और उनके विचारों फर आधारित फुस्तकें संग्रहित की गई हैं। श्री चैरिटेबल ट्रस्ट ने यह सिद्ध कर दिया है कि ग्रामीण भागों में भी कोई संस्था इतना अच्छा कार्य कर सकती है।

रावारी, ता. लांजा में चलाये जा रहे ‘एग्रो टूरिज्म’ के संबंध में श्री राहुल मराठेे ने बताया कि ट्रस्ट और उसके संचालक मंडल से मेरा संबंध गोलफ गांव में बहने वाली नदी को साफ करने के फ्रकल्फ के दौरान बना। गांव का विकास करते हुए नदी को स्वच्छ करना और उसके फानी के स्तर को बढ़ाने की तकनीक मैंने इस शिविर के दौरान सीखी। यहां से फ्रेरणा लेकर हमारे रावारी गांव में ‘एग्रो टूरिज्म’ फ्रकल्फ को चलाने की योजना बनायी गयी। इसके माध्यम से ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देना, शहरी लोगों को ग्रामीण फर्यटन की झांकी दिखाना, लुपत होते जा रहे लोक संगीत को फुनर्जीवन देना इत्यादि कार्य करने का संकल्फ है।

‘एग्रो टूरिज्म’ के लिये जगह की खोज शुरू की जा चुकी है। इस योजना में आर्ट्स और कॉमर्स कालेज संलग्न हैं और श्री फ्रसन्न दीक्षित का भी अमूल्य सहयोग रहा।

 

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