आत्मनिर्भरता से ही बनेगा नया भारत

देश को सामाजिक, आर्थिक विकास एवं पारदर्शी और जवाबदेह शासन प्रदान करने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। आत्मनिर्भर भारत इस तरह नए भारत की ही संकल्पना है। मोदी जी के नेतृत्व में भारत के सतत विकास के पथ पर आगे बढ़ने और नई ऊंचाइयों को छूने की उम्मीद है।

“अयं निज: परोवेति, गणना लघु चेतसाम्।
उदार चरितानाम् वसुधैव कुटुम्बकम्॥”

सारे विश्व को परिवार मानने की नीति को प्रस्तुत करता यह सुभाषित भारत की मूल संस्कृति को व्यक्त करता है। सम्पूर्ण विश्व को परिवार मानते ही विश्व कल्याण की भावना स्वत: ही स्पष्ट हो जाती है। भारत ने अपनी स्वतंत्रता के साथ ही सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया। लोकतंत्र की विशेषता है कि जनता सरकार के कार्यों का मूल्यांकन करती है, अपनी आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति करती है और उसी के आधार पर वोट करती है। चुनी हुई सरकार का यह दायित्व होता है कि वह अपनी उपलब्धियों से जनता को अवगत कराएं, अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के समक्ष प्रकट करें, उनकी आकांक्षाओं की पूर्ति का लेखा-जोखा स्पष्ट करें। भाजपा नीत मोदी सरकार 2.0 ने अपना प्रथम वर्ष पूर्ण कर लिया है। यह एक वषर्र् जन-कल्याण एवं राष्ट्रहित में लिए गए प्रभावी निर्णयों के लिए याद किया जाएगा।

इस एक वर्ष की उपलब्धियों को मोदी सरकार 1.0 की निरन्तरता में देखना चाहिए। 2014 का वर्ष भारतीय राजनीति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण वर्ष के रूप में अंकित है। दशकों बाद देश की जनता ने किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का जनादेश दिया। देश की जनता कांग्रेस नीत यूपीए के 10 वर्षों के भ्रष्ट शासन से तंग आ चुकी थी। नीतियों की अस्पष्टता, व्यवस्थाओं की जड़ता, सरकारी योजनाओं में भ्रश्टाचार और नेतृत्व की शिथिलता से मुक्ति के लिए देश की जनता ने विकास के मार्ग पर अग्रसर होने के लिए वोट दिया।

उन 5 वर्षों में देष के आम आदमी ने अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तनों को अनुभव किया। हमारी सरकार एक पारदर्शी, जवाबदेह, भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने में सफल रही। अंत्योदय की भावना के साथ समाज की अंतिम सीढ़ी पर खडे़ गरीब, मजदूर, किसान के हितों को प्राथमिकता देते हुए सर्वसमाज के हित में ऐतिहासिक निर्णय लिए गए।

हमने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता ना करते हुए सीमा पर आंतकी गतिविधियों का खात्मा करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक जैसे ऑपरेशनों को सफलता पूर्वक संचालित किया। इससे देश के जनमानस के स्वाभिमान में वृद्धि हुई, वहीं विश्व पटल पर भारत की आन-बान-शान को महसूस किया गया।

गरीब कल्याण हमारी योजनाओं के केन्द्र में रहा। 34 करोड़ से अधिक गरीबों के जन-धन योजना के माध्यम से बैंक खाते खोले गए, उज्ज्वला योजना के माध्यम से 9 करोड़ से अधिक मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान कर गरीब माताओं-बहनों को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने का कार्य किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के माध्यम से मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए गए। प्रधानमंत्री आवास योजना के द्वारा घरों का निर्माण कराया गया। जनधन, आधार, मोबाइल (जैम) का प्रयोग करके डीबीटी के द्वारा योजनाओं का लाभ सीधे गरीबों के खाते में पहुंचाकर बिचौलियों के भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने का कार्य किया गया।

भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों के सम्मान को सुनिश्चित करते हुए लम्बे समय से लटके ‘वन रैंक-वन पेंशन‘ को लागू किया गया। देश के टैक्स सिस्टम में एकरूपता लाने के उद्देश्य से ‘वन नेशन-वन टैक्स‘ की परिकल्पना को साकार रूप देते हुए ‘जीएसटी‘ को लागू किया गया। लोगों के स्वास्थ्य को द़ृष्टिगत रखते हुए 50 करोड़ लोगों को 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा हेतु आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना का लाभ अभी तक 1 करोड़ लोगों को मिला है।

समता मूलक समाज की स्थापना और समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य प्राप्ति के लिए ‘ओबीसी कमीशन‘ को संवैधानिक दर्जा दिया गया। दिव्यागों को नई पहचान दी गई तथा आर्थिक रूप से पिछड़े युवाओं के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्ति का अभियान चलाया गया। स्वच्छता ही सेवा के संकल्प के साथ शौचालयों का निर्माण कराया गया। किसानों के हितों को ध्यान रखते हुए उनकी आय को दोगुना करने के उद्देश्य से एमएसपी मूल्य निर्धारित किए गए।

मोदी सरकार 1.0 की इन्हीं विकास परक, भ्रष्टाचार मुक्त, गरीब कल्याण को समर्पित, आर्थिक सुद़ृढ़ता प्राप्त करने, राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक साख को बढ़ाने की नीतियों का समर्थन देते हुए 2019 में भारत की जनता ने पहले से अधिक बहुमत से मोदी सरकार को फिर से शासन का जनादेश दिया।
‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास‘ के मूल मंत्र के साथ हमारी सरकार ने 2019 में लगातार दूसरी बार केन्द्र में वापसी की। मोदी सरकार 2.0 का यह एक वर्ष विकास की निरंतरता के साथ कई ऐतिहासिक निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण है।

‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत‘ के लक्ष्य को पूरा करते हुए जम्मू- कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को समाप्त करने का साहसिक निर्णय लिया गया और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश घोषित किया गया। भारतीय जनता पार्टी प्रांरभ से ही धारा 370 के विरोध में रही है। हमारा स्पष्ट मानना था कि धारा 370 जहां एक ओर भारत की एकता- अखण्डता पर प्रष्न चिह्न थी वहीं दूसरी ओर हमारे कश्मीरी नागरिकों को भी भारत सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखती थी।

भारत की स्वंतत्रता के साथ हुए विभाजन के फलस्वरूप भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र राष्ट्र अस्तित्व में आए। विभाजन के साथ ही पाकिस्तान में तथा बांग्लादेश बनने के बाद वहां भी धार्मिक अल्पसंख्यकों पर धर्म के आधार पर अत्याचार प्रांरभ हुए, उनका उत्पीड़न किया जाने लगा। इस अत्याचार और उत्पीड़न से त्रस्त होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान से कई चरणों में धार्मिक अल्पसंख्यक भारत आए और विभिन्न भागों में बस गए। नागरिकता के अभाव में ये लोग नागरिकता के लाभों से वंचित थे और बहुत कठिनाई पूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे थे। हमारी सरकार ने नागरिकता (संशोधन) कानून को लागू कर पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के चलते भारत में शरणार्थी बनकर आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई व पारसी समुदाय के लोगों के लिए नागरिकता के मार्ग को प्रशस्त कर भारतीय संस्कृति के मानवीय द़ृष्टिकोण को प्रकट किया।

करोड़ों लोगों के आस्था के केन्द्र श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मति से निर्णय दिया। यह हमारी सरकार की सफलता रही कि देश में ऐसा सकारात्मक माहौल तैयार किया गया कि सांप्रदायिक सौहार्द को भंग करने वाली एक भी घटना प्रकाश में नहीं आई। न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने संसद में ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट‘ की घोषणा की एवं मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ हुआ। हमारे सिख भाइयों के आस्था के केन्द्र गुरूद्वारा करतारपुर साहिब तक जाने का भी मार्ग प्रशस्त हुआ।
हमारी सरकार पूर्वोत्तर के विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है। बू्र- रियांग समझौते से 23 वर्षों से चली आ रही पूर्वोत्तर की जटिल समस्या का स्थायी व शाांतिपूर्ण समाधान किया एवं इस समुदाय के 34 हजार लोगों को त्रिपुरा में बसाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। मोदी सरकार द्वारा इस क्षेत्र के विकास हेतु 600 करोड़ रूपये का पैकेज भी स्वीकृत किया गया। असम से जुड़ी समस्या का स्थायी-समाधान करने क लिए बोडो समझौता करके शांति-व्यवस्था कायम की गई।

मुस्लिम महिलाओं के जीवन को गरिमापूर्ण एवं सम्मानजनक बनाते हुए मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक पर कानून लाकर इस कुप्रथा को समाप्त किया गया। महिलाओं के सम्मान को सुनिश्चित करते हुए ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना‘ षुरू की गई, इसमें लाभार्थी महिलाओं की संख्या 1 करोड़ से अधिक हो चुकी है। स्वंय सहायता समूह से जुड़ी 7 करोड़ से अधिक महिलाओं को वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने हेतु उनके लिए तय ॠण सहायता को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है।

भारत के अन्नदाता किसानों के जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाने के लिए मोदी सरकार द्वारा ‘किसान हितैषी‘ योजनाओं को प्रारम्भ किया गया। देश के 14.5 करोड किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रूपये की इनपुट प्राइस की राशि देकर किसानों को खेती से जुड़ी शुरूआती जरूरतों को पूरा करने के लिए संबल प्रदान किया। ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना‘ के तहत पिछले एक वर्ष में 9.5 करोड किसानों के खातों में 72,000 करोड़ की राशि प्रदान की गई। पहली बार मोदी सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त किसानों, असंगठित क्षेत्र के छोटे कामगारों व दुकानदारों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3000 रूपये मासिक पेंशन देने का प्रावधान किया गया।

आर्थिक मोर्चें पर भी मोदी सरकार ने बड़ी उपलब्धि प्राप्त की। भारत ने 2.94 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का गौरव प्राप्त किया। मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने ‘फ्रजाइल फाइव से टॉप फाइव‘ तक की स्थिति को प्राप्त किया। भारत में व्यवसाय प्रारंभ करने को सरल बनाते हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 6 वर्ष में भारत 142वें पायदान से 63वें पायदान पर पहुंच चुका है। 10 सरकारी बैंकों का विलय करके चार बड़े बैंक बनाने के निर्णय द्वारा वित्तीय समावेशन की दिशा में बड़ा सुधार किया गया। 3.6 करोड़ कर्मचारी और 12.85 लाख नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करते हुए ईएसआई अंशदान की दर को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत किया गया। घरेलू कंपनियों को लाभ पहुंचाने की द़ृष्टि से कॉर्पोरेट टैक्स की दर को घटाकर 22 प्रतिशत की गई एवं नई घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे टैक्स की प्रभावी दरें लगभग 10 प्रतिशत के भी नीचे आ गई हैं। मोदी सरकार द्वारा बीएसएनएल एवं एमटीएनएल के विलय को मंजूरी प्रदान की गई एवं 68,751 करोड़ का पैकेज भी प्रदान किया गया। देश के असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ कामगारों को न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने वाले महत्वपूर्ण विधेयक को भी मंजूरी प्रदान की गई। व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए ‘व्यापारी कल्याण बोर्ड‘ के निर्माण का भी निर्णय लिया गया है।

अर्थव्यवस्था में मजबूती लाने, कारोबार व रोजगार के अवसरों में वृद्धि लाने एवं विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कॉन्ट्रेक्ट मैन्युफैक्चरिंग में 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही ‘डिफेंस इंडस्ट्री कॉरीडोर‘ का निर्माण कर न सिर्फ विदेशी निवेश बढ़ाने की दिशा में बढ़ा गया बल्कि लाखों करोड़ की विदेशी मुद्रा बचाने की भी राह सुनिश्चित भी गई। नागरिक उड्ययन में एफडीआई का कार्य प्रशस्त करना, एनबीएफसी लोन पर मोरोटोरियम, कम्पनी एक्ट में सुधार करना आदि ऐसे निर्णय हैं जिनके द्वारा वैश्विक मंदी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने का कार्य मोदी सरकार द्वारा किया गया।

राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारे लिए भारतीय गौरव से जुड़ा प्रश्न है। भारत की तीनों सेनाओं में बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ‘ की नियुक्ति का निर्णय लिया गया। ‘अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट‘ में संशोधन कर आंतकवाद के खिलाफ ‘जीरो टोलरेंस‘ की नीति को और सशक्त किया गया। देश की रक्षा में अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले शहीदों के परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि को चार गुना बढ़ाकर 8 लाख रूपये किया गया। भारतीय सेनाओं की क्षमता को और सुद़ृढ़ करने के लिए फ्रांस से राफेल समझौते के तहत राफेल विमानों की पहली खेप प्राप्त हुई। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित करने वाले महान जलियांवाला बाग स्मारक के बेहतर रख-रखाव हेतु और न्यास को राजनीति से मुक्त करने हेतु कानून में संशोधन किया गया।

जन सरोकार से जुड़े मुद्दे मोदी सरकार के लिए सदैव प्राथमिकता पर रहे हैं। देश में बाल अधिकारों को सुनिश्चित करने और बालकों के लिए भयमुक्त स्वस्थ वातावरण विकसित करने के लिए बाल यौन शोषण के खिलाफ कड़ा कानून ‘पॉक्सो‘ बनाया गया। आदिवासी बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पर विशेष बल देते हुए देश में 450 से ज्यादा नए एकलव्य मॉडल रेसिंडेशियल स्कूलों के निर्माण का अभियान भी शुरू किया गया है। स्वच्छ पर्यावरण प्राप्त करना हम सभी का अधिकार है एवं पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सभी का कर्तव्य है। इसी उद्देश्य की प्राप्ति हेतु 2022 तक देष को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित कर इसे जन- आन्दोलन के रूप में प्रसारित किया गया। नेशनल पेंशन योजना से 3 करोड़ खुदरा व्यापारी और स्वरोजगार से जुडे़ व्यक्तियों को मानसिक पेंशन सुनिश्चित की गई। देश के 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पीने के षुद्ध पानी की पाइप से उपलब्धता हेतु ‘जल जीवन मिशन‘ शुरू किया गया है।

इस दौरान हम अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के पथ पर भी अग्रसर हुए। हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए। चंद्रयान-2 को चन्द्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। पीएसएलवी को 50वीं उड़ान द्वारा कार्टोसेट- 3 एवं 13 व्यावसायिक नैनों उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।

इसी बीच विश्व ने कोविड- 19 वैश्विक महामारी का सामना किया जिससे भारत सहित पूरा विश्व आज संघर्ष कर रहा है। इस संकट की घड़ी में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा अदम्य साहस, धैर्य, इच्छाशक्ति व सूझ-बूझ का परिचय देते हुए उचित समय में लॉकडाउन की घोषणा करके भारत में इसके संक्रमण को नियंत्रित करने का कार्य किया। इस दौरान हमने अपनी क्षमताओं का विकास किया। जहां जनवरी में कोरोना टेस्ट के लिए 1 परीक्षण प्रयोगशाला थी अब उनकी संख्या बढ़कर 610 हो गई है, जहां लगभग 2 लाख कोरोना टेस्ट प्रतिदिन किए जा सकते हैं। यदि हम कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पतालों की बात करें तो मार्च के प्रारंभ में एक भी अस्पताल कोविड के लिए नहीं था, वहीं आज 720 से ज्यादा कोविड अस्पतालों की संरचना तैयार की जा चुकी है। फरवरी तक भारत में पीपीई किट का निर्माण नहीं होता था, यह मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वर्तमान में 3 लाख से ज्यादा पीपीई किट एवं एन-95 मास्क का निर्माण भारत में हो रहा है। इस संकट की घड़ी में भी मोदी सरकार विश्व बंधुत्व की अपनी संस्कृति से विलग नहीं हुई और भारत द्वारा 120 से अधिक देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा उपलब्ध कराकर मानवता का परिचय दिया।
कोविड- 19 वैश्विक महामारी के काल में मोदी सरकार द्वारा गरीबों के हितों को ध्यान में रखते हुए ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना‘ के तहत 1.70 लाख करोड़ रूपये का राहत पैकेज घोषित किया गया। 8.7 करोड़ किसानों को ‘पीएम किसान योजना‘के तहत अप्रैल के प्रथम सप्ताह में 2000 रूपये डीबीटी के माध्यम से सीध उनके खातों में जमा कराए गए। 20.7 करोड़ महिला जन-धन खाता धारकों को 3 महीने तक प्रतिमाह 500/- रूपये की सहायता प्रदान करने की घोषणा भी मोदी सरकार द्वारा की गई, 3 करोड़ गरीब परिवार के वरिश्ठ नागरिकों, विधवाओं, दिव्यांगों को 1000 रूपये की धनराषि उपलब्ध कराई गई। इसके साथ ही मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में भी गुणोत्तर वृद्धि की गई। लॉकडाउन के दौरान 80 करोड़ गरीबों को अगले 3 महीने तक प्रतिमाह 5 किलों गेंहू/चावल एवं 1 किलों दाल मुफ्त देने का कार्य भी मोदी सरकार द्वारा किया गया। 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए भी 2 महीने तक प्रतिमाह 5 किलो अनाज और 1 किलो दाल मुफ्त प्रदान करने की भी व्यवस्था की गई। कोविड काल में हमारे स्वास्थ्य कर्मी कोराना वारियर्स के रूप में कार्य कर रहे हैं। इस संकट काल में इन स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख रूपये का बीमा कवर प्रदान किया गया। साथ ही अध्यादेश लाकर स्वास्थ्य कर्मिंयों पर हमले को गैर जमानती अपराध घोषित किया गया। प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य भिजवाने के लिए 25 दिनों में 3840 विशेष श्रमिक ट्रेनों का संचालन किया गया जिससे 52 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजने का कार्य किया गया।
हमारे यषस्वी प्रधानमंत्री द्वारा संकट के इस काल में ‘आपदा को अवसर‘ में बदलने का मंत्र दिया गया और इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा के साथ ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान‘ की शुरूआत की गई। माननीय प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए 5 आधार स्तम्भ बताए यथा- इकोनोमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी आधारित सिस्टम, वाइव्रेंट डेमोग्राफी, डिमाण्ड फॉर सप्लाई चेन। माननीय प्रधानमंत्री जी ने चार क्षेत्रों लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई सेक्टर को सषक्त करने व नई दिशा देने की ओर कदम उठाए गए हैं। एमएसएमई की परिभाषा में सुधार करते हुए 3 लाख करोड़ की बिना गारंटी ॠण सहायता देने का निर्णय लिया गया है। एमएसएमई को 20,000 करोड़ की आर्थिक ॠण सहायता और 50,000 करोड़ के फंड ऑफ फंड्स से इक्विटी सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। शिशु मुद्रा ॠण पर 2 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी और रेहड़ी पटरी वालों के लिए 5000 करोड़ की ॠण सुविधा का भी निर्णय लिया गया है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसानें के हितार्थ कृषि आधारभूत सरंचना विकास के लिए 1 लाख करोड़ के वित्त पोषण का प्रावधान किया गया है। 30,000 करोड़ का प्रावधान नाबार्ड के लिए किया गया है जिससे लगभग 3 करोड़ छोटे व सीमान्त कृशकों को ॠण सुविधा सुनिष्चित होगी। पशुपालन इन्फ्रास्ट्रकचर के लिए 15 हजार करोड़ का प्रावधान एवं पशुओं में होन वाले मुंहपका/खुरपका रोग से बचाव के लिए 100 प्रतिशत टीकाकरण हेतु 13,343 करोड़ का प्रावधान किया गया है। किसानों के लाभार्थ 10 हजार करोड़ का प्रावधान सूक्ष्म खाद्य उद्यम के लिए किया गया है। आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव की घोषणा इस अभियान के माध्यम से की गई है, जिससे किसानों को अपनी फसल का समुचित मूल्य मिलेगा।
भारतीय कंपनियों को सहायता प्रदान करते हुए रुग्ण संस्थानों को 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी और 45,000 करोड़ की आंशिक ॠण गांरटी योजना की घोषणा की गई है। भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता देते हुए 200 करोड़ तक की सरकारी निविदाओं के लिए वैश्विक निवदा पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही सार्वजनिक उद्यमों के निजीकरण और निजी उद्यमों को खनन, परमाणु, अंतरिक्ष एवं रक्षा उत्पादन क्षेत्र में कार्य करते की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों के हितों को संरक्षित करने के उद्देश्य से मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान भी मोदी सरकार द्वारा किया गया है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य और शिक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में पब्लिक हेल्थ पर ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों में निवेश को बढ़ाया जाएगा। सभी जिलों में संक्रामक रोग अस्पताल की स्थापना की जाएगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट प्लेटफॉर्म की स्थापना की जाएगी। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत टेली मेडिसिन को बढ़ावा दिया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र पीएम ई-विद्या के तहत डिजिटल/ ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। कक्षा 1 से 12 तक लिए प्रति कक्षा एक ईयर मार्क्ड टीवी चैनल की स्थापना की जाएगी। इसमें द़ृष्टिबाधित/ श्रवण बाधित दिव्यांगों के लिए भी विशेष व्यवस्था होगी। देश के 100 शीर्ष विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन पाठ्यक्रम की सुविधा प्रारंभ की गई है। छात्रों, शिक्षकों एवं परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य हेतु ‘मनोदर्पण‘ कार्यक्रम की भी शुरूआत की जाएगी।
प्रधानमंत्री जी ने स्वंय स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान आत्म केन्द्रित न होकर वस्तुत: विश्व कल्याण की भावना से ही पे्ररित है। उन्होंने देशवासियों से इस अभियान की सफलता हेतु स्वदेशी उत्पादों को अपनाने एवं वोकल फॉर लोकल होने पर बल दिया है।

माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रवासी मजदूरों के गृह वापसी के बाद हुनर को स्थानीय विकास के लिए प्रयोग करने के उद्देश्य से 20 जून 2020 को देश के 6 राज्यों (बिहार, झारखण्ड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश) के 116 जिलों को सम्मिलित करते हुए 50 हजार करोड़ रूपये की प्रारम्भिक राशि के साथ ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान‘ का भी शुभारंभ किया गया है।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र की भाजपा सरकार पिछले 6 वर्षों से निरंतर विकास एवं प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रही है। सबका साथ-सबका विकास- सबका विश्वास के मूल मंत्र के साथ भारत को विश्व पटल पर महाशक्ति के रूप में स्थापित करना ही मोदी सरकार का लक्ष्य है। देश को सामाजिक, आर्थिक विकास एवं पारदर्शी और जवाबदेह शासन प्रदान करने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सतत विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा और हम नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे।
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