कृषि बिल: किसानों को गुमराह कर रहे शरारती तत्व

 

 

कृषि बिल का विरोध एक साज़िश

केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान संबंधि बिल को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है वैसे कहने के लिए तो यह विरोध किसानों द्वारा हो रहा है लेकिन इसकी असलियत यह है कि यह लोग किसान नहीं बल्कि कुछ पार्टी के शरारती लोग हैं जो किसान बने हुए है। राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट के पास एक ट्रैक्टर को आग लगा दिया गया। आखिर यह किसानों का कैसा विरोध है? क्या एक गरीब किसान कभी अपने ट्रैक्टर को आग लगा सकता है? जिस ट्रैक्टर से वह अनाज पैदा कर अपने परिवार को पालता है उसे वह आग नहीं लगा सकता है। 
 
किसान हो रहे गुमराह!
किसान बिल का विरोध कर रहे लोग आम किसान को भी बहका रहे है और विरोध करने के लिए उत्साहित कर रहे है। कम पढ़े लिखे किसानों के सामने बिल को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है जिससे किसान इसका विरोध करे। विपक्ष के पास कोई भी ऐसा मुद्दा नही है जिससे वह सरकार पर सीधे तौर पर हमला कर सके। मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में है और विपक्ष लगातार सरकार की कमियां निकालने की कोशिश कर रहा है लेकिन उसमे वह विफल हो रहा है जिससे अब विपक्ष सरकार के हर फैसले का विरोध करना शुरु कर दिया है। 
 
कृषि बिल के अनगिनत फायदे
सरकार के इस नये बिल से खेती और किसानों को खुला आसमान मिल रहा है जहां वह अपने अनाज का अपने मन मुताबिक दाम ले सकते है ऐसा फैसला करना सरकार के लिए एक बड़ा कदम था। इससे पहले ज्यादातर सरकारों ने किसानों पर अंकुश ही लगाया था। किसान हमेशा से बिचौलियों से परेशान रहा है किसी भी मंडी में बिना दलाल के आप कोई भी अनाज या फसल नहीं बेच सकते है। मंडी में किसान को वही दाम मिलता है जो बिचौलिए निर्धारित करते है क्योंकि मंडी में बिचौलियों की एक लॉबी होती है जिसे किसी एक किसान के बस की बात नहीं है कि वह उसे तोड़ सके। मंडी में व्यापारियों की मिली भगत से किसान को हमेशा से ही कम दाम में अनाज बेचना पड़ता है। 
 
सरकार की तरफ से तैयार कृषि बिल में सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर सुझाव भी सम्मिलित किये गये है जिससे किसानों की आय को कैसे बढ़ाया जाए इस को ध्यान में रखते हुए बिल को तैयार किया गया है। बिल के लागू होने के बाद अब किसानों को मंडी में जाने के लिए मजबूर नहीं होना होगा और वह अपना अनाज कहीं से भी बेच सकेंगे। नये बिल के बाद पूरा देश अब किसानों के लिए खुल जायेगा और वह अपना अनाज कहीं पर भी बेच सकते है। किसान अब चाहे तो अपनी फसल को खेत से ही सीधे किसी कंपनी या व्यापारी को बेच सकता है जिससे उसे मंडी या बाजार तक भी जाने की जरुरत नहीं होगी। 
 
सुधरेगी मंडी व्यवस्था
वर्तमान मंडी व्यवस्था में किसान को कुछ व्यापारियों द्वारा लूटा जाता है और निर्धारित दाम से भी कम में खरीददारी की जाती है और अनाज का असली मुनाफा बिचौलिए हजम कर जाते है। इसके साथ ही किसान जब मंडी पहुंचता है तो उसके अनाज पर मंडी फीस सहित कई कर लगा दिये जाते थे। मंडी के कुछ पदाधिकारी एक गुट बना लेते है और मंडी में किसी नये व्यापारी को नहीं आने देते जिससे किसानों को कम दाम उन्हे अनाज बेचना पड़ता है। किसान के हित के लिए लागू इस बिल से सिर्फ मंडी के बिचौलियों और कमीशन खोरों को नुकसान होगा और वही लोग इसका विरोध कर रहे है। 
 
बहकावे में ना आएं किसान
किसान विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने भी इस पर बयान जारी कर कहा था कि कुछ पार्टियां है जो किसानों को बिल के खिलाफ भड़का रही है। हमें ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए। कुछ किसान नेता पैसे के लालच में इसका विरोध कर रहे है जबकि उन्हे बिल का समर्थन कर लाखो किसानों को फायदा पहुंचाना चाहिए। सरकार की तरफ से कहा गया कि पहले किसान इस बिल की बारीकी को समझें और फिर उस पर विचार करें। किसी के नकारात्मक विचार से प्रभावित हो कर विरोध करना ठीक नही है। 

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