दिवाली से पहले चीन को करोड़ो का झटका!

भारत और चीन के बीच मई महीने से सीमा पर विवाद चल रहा है। दोनों देशों के बीच खूनी झड़प भी चुकी है जिसमें कई सैनिक शहीद हुए थे। हालांकि चीन ने आज तक यह बात नहीं मानी कि उसके सैनिकों की भी मौत हुई थी। चीन के साथ जारी विवाद के बाद से भारत लगातार एक के बाद एक झटके देता जा रहा है। भारत सरकार ने चीन को आर्थिक तौर पर कई झटके दिये है इसके साथ ही सरकार एक देश में बिकने वाले खिलौनों को लेकर फिर एक नया नियम बनाने जा रही है जिससे तहत अब देश में सिर्फ BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) मार्क वाले खिलौने ही बिकेगें। भारत सरकार के इस फैसले से चीन को फिर से बड़ा झटका लगने वाला है क्योंकि चीन सस्ते दर में बड़ी संख्या में खिलौनों का भारत से व्यापार करता है।

भारत सरकार की तरफ से थोक व दूसरे देशों से खरीददारी करने वाले व्यापारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वह सिर्फ BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) मार्क वाले ही खिलौने खरीदें। वहीं सरकार की तरफ से दुकानदारों को भी नोटिस जारी किया गया है कि वह सिर्फ भारतीय मानक ब्यूरो मार्क वाले खिलौने बेचेंगे। भारत में जितने भी खिलौने आते है उसमें से करीब 60 प्रतिशत चीन से खरीदा जाता है ऐसे में भारत सरकार के इस फैसले से चीन को बड़ा झटका लगने वाला है।

चीन की कंपनियां सस्ते दामों के चक्कर में खिलौने की गुणवत्ता का खयाल नहीं रखती है क्योंकि बाजार में ज्यादा पैसा बनाने के चक्कर में खिलौनों में अधिक मात्रा में रसायन, थाइनेट और शीशे का इस्तेमाल करती है जिससे बच्चों को गंभीर बिमारियों का सामना करना पड़ता है। इन खिलौने इतने हानिकारक होते है कि कभी कभी बच्चों की ग्रोथ भी रुक जाती है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है कि बिना BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) मार्क वाले खिलौने बाजार में नहीं बेचे जायें।

इस बार दिवाली को लेकर भी चीन को बड़ा झटका लगने वाला है क्योंकि भारतीय इस बार चीन की जगमगाहट वाली लाइटों का इस्तेमाल नहीं करने वाले है। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और लोकल फॉर वोकल के नारे के बाद अब स्वदेशी सामानों की तरफ जोर दिया जा रहा है। इस बार दिवाली पर देश में बने मिट्टी के दियों की जगमगाहट फिर से दिखने वाली है क्योंकि यह बात सभी को समझ आ चुकी है कि जो चीन भारत के साथ व्यापार करता है वहीं हमारे देश के जवानों को मारने का काम करता है। व्यारियों की मानें तो इस बार उन्होने चीन को लाइटों का कोई भी ऑर्डर नहीं दिया है। हर साल सितंबर तक करोड़ों का आर्डर चीन को दिया जाता था लेकिन इस बार सभी दुकानदार भारत में ही बनी लाइटों को बेचने की तैयारी में है।

इसके साथ ही अलग अलग संस्थान मिट्टी और गोबर के दिये भी बना रहे है जिसे बड़ी मात्रा में बाजार में उतारने की तैयारी चल रही है। भारत और चीन के बीच जारी संघर्ष ने देश की जनता की आखें खोल दी है। भारतवासियों को यह पता चल चुका है कि अगर वह चीन के सामानों का इस्तेमाल करेंगे तो उनके पैसे उन्ही के देश के जवानों के खिलाफ इस्तेमाल किये जायेंगे जबकि अगर वह भारत में बने सामान का इस्तेमाल करते है तो इससे ना सिर्फ देश में लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

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