उत्तर प्रदेश का सुरक्षा कवच स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने णझडडऋ के द्वारा राज्य को सुरक्षा कवच प्रदान करने हेतु महत्वपूर्ण साहसी कदम उठाया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी आक्रामकता और भाजपा के फायर ब्रांड नेता के रूप में विख्यात है। एक समय यूपी बढ़ते अपराध के लिए चर्चित था, वहीं योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही यूपी अपराध मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जिन कुख्यात अपराधियों से यूपी के लोग भयभीत रहते थे, वही अपराधी अब योगी आदित्यनाथ के प्रकोप से डरने लगे हैं। ‘शठे शाठ्यं समाचरेत’ अर्थात जैसे को तैसा की नीति पर चलते हुए उन्होंने यूपी को अपराध मुक्त करने की घोषणा की है। अपराध एवं आतंकवाद के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति रखने वाले योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही यह चेतावनी दी थी कि ‘अपराधी या तो अपराध करना छोड़ दें या फिर यूपी छोड़ दें’ उसमें ही उनकी भलाई है।

गत 5 अगस्त को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों भूमिपूजन हुआ और भव्य श्रीराम मंदिर की नींव रखी गई, उसी दिन पाकिस्तान के आतंकवादियों ने यह ऐलान किया कि वह राम मंदिर को फिर से ध्वस्त करेंगे और वहां पर नमाज पढेंगे। वैसे ही धमकी देश के अन्दर मौजूद आतंकवादियों के समर्थक मुल्ले- मौलानाओं ने भी दी।

राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु जरुरी है एसएसएफ 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि खराब करने के लिए राष्ट्र विरोधी ताकतें अपराधियों के माध्यम से राज्य की कानून व्यवस्था को बिगाड़ना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों, धार्मिक स्थानों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों आदि जगहों पर हमला करने की फ़िराक में है। इस तरह की संवेदनशील जानकारी मिलते ही राम मंदिर सहित अन्य धार्मिक व प्रतिष्ठित संस्थानों की सुरक्षा करने के लिए आवश्यक कदम उठाना बेहद जरूरी है। योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल राज्य को फुलप्रूफ करने हेतु स्पेशल सिक्योरिटी फ़ोर्स के गठन को मंजूरी प्रदान कर दी है। अपराध एवं आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए डडऋ बड़ी भूमिका अदा करेगा और इससे राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायता मिलेगी तथा अपराधियों के हौसले भी पस्त होंगे।

अपराधियों के समर्थक बिलों से आए बाहर, जताया विरोध

डडऋ  का ऐलान होते ही यकायक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मीडिया की सुर्ख़ियों में छा गए और देश में चर्चा का विषय बन गया। अपराधियों के समर्थक मुल्ले-मौलवी और राजनैतिक पार्टियों के नेताओं ने अपने बिलों से बाहर आकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इत्तेहाद उलेमा-ए- हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुस्तफा देह्लवी ने कहा कि यह जो नया सुरक्षा बल बनाया गया है और उसे जो विशेष छूट दी गई है, वह हिन्दुस्थान के कानून के खिलाफ है, उस पर प्रतिबन्ध लगाया जाए. समाजवादी पार्टी के द्वारा ट्विट किया गया है कि ये विशेष सुरक्षा बल संवैधानिक अधिकार और मानवाधिकार का हनन करता है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि अपराधियों को बचाने में इनकी कितनी बड़ी भूमिका है। विरोधियों का कहना है कि डडऋ को विशेष अधिकार दिए गए हैं। केवल संदेह के आधार पर बिना वारंट के तलाशी एवं गिरफ्तारी करने की छूट दी गई है। सरकार से मंजूरी लिए बिना अदालत भी डडऋ के खिलाफ संज्ञान नहीं ले पाएगी। इसका दुरूपयोग किया जा सकता है। वहीं इसके जवाब में योगी सरकार ने कहा है कि महाराष्ट्र और ओडीशा में स्पेशल सिक्योरिटी फ़ोर्स बनाए गए हैं तथा फ़ोर्स को बिना वारंट तलाशी, गिरफ्तारी व आवश्यक होने पर तत्काल एक्शन लेने के अधिकार दिए गए हैं।

राज्य में अराजकता फैलाना चाहती हैं राष्ट्र विरोधी ताकतें

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में राष्ट्र विरोधी ताकतें अस्थिरता और अराजकता ़फैलाने के लिए षड्यंत्र रच रही हैं। शाहिन बाग के तर्ज पर यूपी में भी बड़े पैमाने पर हिंसा-दंगा ़फैलाने की कोशिश की गई थी लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सतर्कता और कड़ी कार्रवाई के चलते वह अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हुए। बावजूद इसके वह किसी न किसी मौके की तलाश में है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों के एक गुट ने ‘हिन्दुओं की कब्र खुदेगी एएमयू की धरती पर’, ‘सावरकर की कब्र खुदेगी एएमयू की धरती पर’, ‘बीजेपी की कब्र खुदेगी एएमयू की धरती पर’ जैसे अन्य उत्तेजक, भड़काऊ, सांप्रदायिक एवं राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की थी। इससे स्पष्ट हो जाता है कि इनकी मंशा क्या है और साफ जाहिर होता है कि कैसे टुकड़े-टुकड़े गैंग सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं। राज्य में अस्थिरता फैलाना चाहते हैं। इसके लिए राज्य में हमले भी करवाए जा सकते हैं।

रूद्र अवतार में स्पेशल सिक्योरिटी फ़ोर्स

उत्तर प्रदेश को देश की राजनीती का केंद्र मन जाता है और कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश के रस्ते ही सत्ता के सिंहासन पर पहुंचा जा सकता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी यूपी की परम पवित्र नगरी काशी को अपना संसदीय चुनावी क्षेत्र चुना और वहां से विजयी होकर सत्ता के शीर्ष पर विराजमान हुए। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में यूपी तेजी से विकास व प्रगति पथ पर अग्रसर है। राम मंदिर बनते ही पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा और लाखों-करोड़ों की संख्या में हिन्दू श्रद्धालुओं सहित विदेशी पर्यटक यहां आएंगे। इसलिए भी राज्य में बड़ी संख्या में ढांचागत निर्माण तेजी से किया जा रहा है। लखनऊ के अलावा अन्य शहरों में भी मेट्रों सेवाओं के विस्तार के साथ ही अनेक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। कुल मिलाकर प्रदेश में सभी क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में योगी सरकार प्रतिबद्ध है। इसके अलावा उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालयों की सुरक्षा के लिए अलग से सुरक्षा बल तैनात करने के निर्देश दिए गए थे। ऐसे में ट्रेंड मैन पावर और संसाधन की जरूरत पड़ेगी। राज्य को सुरक्षित रखना राज्य सरकार का प्राथमिक दायित्व है। इन सारी बातों को ध्यान में रखकर स्पेशल सिक्योरिटी फ़ोर्स को रूद्र अवतार में लाया जा रहा है। इस फ़ोर्स के जवान सदैव तत्काल एक्शन मोड पर रहेंगे। किसी के भी द्वारा अचानक हमला या अपराध करने के पूर्व ही उसे धर दबोचना और आवश्यक होने पर तत्काल एक्शन लेते हुए स्थिति को काबू में करना इस फ़ोर्स की विशेषता होगी। किसी भी आपातकाल में स्थिति से निपटने के लिए फ़ोर्स को विशेष अधिकार नियमावली के तहत दिए गए हैं। केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तर्ज पर डडऋ को अधिकार दिए गए हैं। इन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी और अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगी।

अपराधियों सहित आतंकवादियों पर भी भारी पड़ेगी एसएसएफ 

जानकारों का मानना है कि भले ही डडऋ का गठन अपराध पर अंकुश लगाने के लिए किया जा रहा हो लेकिन यह आतंकवादियों से निपटने के लिए भी सक्षम होगी। हमेश आतंकवादियों के हिट लिस्ट में रहने वाले मेट्रो, रेल, मंदिर, धार्मिक स्थल, एयरपोर्ट, औद्योगिक संस्थान, वित्तीय संस्थान, ऐतिहासिक स्थल, न्यायालय आदि महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी डडऋ को दी जाएगी। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि डडऋ अपराधियों के साथ ही आतंकवादियों से भी लोहा लेने के लिए मुस्तैद रहेगी। दोनों मोर्चो पर लड़ने के लिए डडऋ को आधुनिक सुरक्षा प्रणाली एवं अन्य घातक प्रशिक्षण दिया जाएगा। फ़ोर्स के जवान हमेशा ऑन ड्यूटी माने जाएंगे और प्रदेश के अंदर किसी भी स्थान पर किसी भी समय तैनाती के लिए योग्य होंगे। बताया जा रहा है कि एनएसजी कमांडो के तर्ज पर डडऋ जवानों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

बताया जा रहा है कि शुरुआत में पीएसी से पांच बटालियनों का गठन किया जाएगा। इसके अलावा इसमें उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा सीधी भर्ती की जाएगी। प्रारंभ में 9919 जवान तैनात किए जाएंगे। इसके बाद इसका विस्तार किया जाएगा। बता दे कि पीएसी से ही राज्य आपदा मोचन दल (एसडीआरएफ) का भी गठन किया गया है।

योगी सरकार ने राज्य में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (णझडडऋ) के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। इनके कार्यों, अधिकार क्षेत्र और संगठनात्मक ढांचे की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। डडऋ का मुख्यालय लखनऊ में होगा। इसमें एडीजी स्तर के आईपीएस अधिकारी के अलावा आईजी, डीआईजी जैसे उच्च अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। कुल मिलाकर देखा जाए तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने णझडडऋ के द्वारा राज्य को सुरक्षा कवच प्रदान करने हेतु महत्वपूर्ण साहसी कदम उठाया है।

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