जम्मू कश्मीर में मारे गये आतंकियों को लेकर सरकार की तरफ से बैठक की गयी जिसमें यह पता चला कि जैश-ए-मोहम्मद के चारो आतंकी किसी बड़े हमले को अंजाम देने के लिए देश में घुसे थे लेकिन सेना ने उनकी कोशिश को नाकामयाब कर दिया। नगरोटा टोल प्लाजा पर हुई मुठभेड़ को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव और देश की खूफिया एजेंसियो के अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे। बैठक में खूफिया अधिकारियों ने बताया कि आतंकी 26/11 की बरसी पर हमले की फिराक में थे। सूत्रों की मानें तो आतंकी किसी बड़े नेता को अपना निशाना बनाने वाले थे लेकिन सेना ने आतंकियों के मंसूबे को नाकाम कर दिया।
वहीं इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट भी किया और लिखा कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने देश की सीमा में प्रवेश तो कर लिया था लेकिन सेना ने उन्हे मार गिराया। आतंकियों के पास से बरामद हथियार और बारुद यह बताने के लिए काफी है कि यह लोग किसी बड़ी साजिश की तैयारी में थे। पीएम मोदी ने इस घटना में पाकिस्तान का सीधा नाम लिया और कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है वहीं इस मुठभेड़ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सेना के जवानों की पीठ थपथपाई और कहा कि सेना ने काबिलेतारीफ काम किया है और दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब दिया है।
Neutralising of 4 terrorists belonging to Pakistan-based terrorist organisation Jaish-e-Mohammed and the presence of large cache of weapons and explosives with them indicates that their efforts to wreak major havoc and destruction have once again been thwarted.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 20, 2020
आप को बता दें कि जम्मू जिले के नगरोटा टोल नाके पर सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकियों को मार गिराया था। सेना को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक में 4 आतंकी छिपकर कश्मीर जा रहे है। आतंकियों की ट्रक को जैसे ही पुलिस ने चेकिंग के लिए रोका तो ट्रक के अंदर से आतंकियों ने फायरिंग शुरु कर दिया। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने संयुक्त मोर्चा सभालते हुए सभी आतंकियों को ट्रक में ही मार गिराया। मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने कई बार ट्रक से बाहर निकलने का प्रयास किया लेकिन सेना ने उन्हे सफल नहीं होने दिया और सभी आतंकी मारे गये।
जम्मू कश्मीर में सेना के क्लीन ऑपरेशन के बाद से आतंकी घटनाओं में कमी देखने को मिल रही है और इसके साथ ही स्थानीय आतंकियों की संख्या में भारी गिरावट देखी गयी है। घाटी के युवा अब आतंक की जगह सरकारी नौकरी और सेना की नौकरी को प्राथमिकता दे रहे है। सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीद को भी छूट दे दी है यानी अब देश का कोई भी नागरिक घाटी में अपना घर या व्यवसाय कर सकता है।