वीवीआईपी कल्चर की वजह से कांग्रेस हार रही चुनाव: गुलाम नबी आजाद

कांग्रेस पार्टी में कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। अलग अलग कारणों से पार्टी के अंदर फूट बढ़ती ही जा रही है। कभी पार्टी के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाया जाता है तो कभी चुनाव हारने के कारणों को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाए जाते है। बिहार चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के अंदर फिर से हलचल मची हुई है और पार्टी के नेता अब इस हार को लेकर अलग अलग कारण बता रहे है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने पार्टी के पास अध्यक्ष ना होने को लेकर पार्टी के काम काज पर सवाल खड़ा किया था जिसके बाद पार्टी के बाकी नेता उन पर हमलावर हो गये थे लेकिन अब कपिल सिब्बल के बाद पार्टी के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी नेतृत्व को लेकर सवाल उठा दिया है। 
 
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी का जमीनी स्तर का कनेक्शन लगतार टूटता जा रहा है और यही वजह है कि पार्टी को चुनाव में लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस नेता ने कहाकि पार्टी के कुछ चर्चित नेता पांच सितारा होटल में बैठकर चुनाव पर चर्चा करते है जबकि चुनाव जीतने के लिए जमीन पर उतरना पड़ता है। 5 स्टार होटल में बैठकर चुनाव नहीं जीता जाता है। कांग्रेस पार्टी में जब किसी को महत्तवपूर्ण पद दिया जाता है तो वह ज़मीनी स्तर पर काम करने की जगह खुद के प्रचार और प्रसार में जुट जाता है और अपना लेटर पैड, विजटिंग कार्ड और बोर्ड लगाना शुरु कर देता है। पार्टी नेता आजाद ने कहा कि सिर्फ नेता बदलने से जीत कभी भी नहीं मिलेगी। पार्टी को जीत के लिए लोगों के बीच में जाना होगा और उनकी समस्याओं को सुनना होगा। पार्टी के 5 स्टार कल्चर को पूरी तरह से खत्म करना होगा अन्यथा परिणाम डरावने हो सकते है। 
 
हालिया बिहार चुनाव और उपचुनाव में मिली करारी हार को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहाकि पार्टी की हार को लेकर हम चिंतित है लेकिन इसके लिए सिर्फ कांग्रेस पार्टी का उच्च नेतृत्व ही जिम्मेदार नही है बल्कि वह पदाधिकारी भी जिम्मेदार है जिन्होने अपने काम को सिर्फ लेटर पैड और बैनर तक सीमित कर के रखा हुआ है। पार्टी के पदाधिकारी लोगों से जुड़ाव खत्म कर रहे है और यही वजह है कि लगातार पार्टी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ रहा है। 
 
कपिल सिब्बल ने एक बयान में राहुल गांधी के अध्यक्ष वाले बयान को लेकर कहा कि जब राहुल गांधी यह साफ कर चुके है कि वह पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते है और उनका कहना है कि पार्टी का अध्यक्ष गांधी परिवार का भी नहीं होना चाहिए तो फिर पार्टी का अध्यक्ष पद खाली क्यों पड़ा है? राहुल गांधी के बयान को भी करीब एक साल से अधिक का समय हो चुका है लेकिन कांग्रेस नेतृत्व अभी भी अपना अध्यक्ष नहीं ढूंढ सकी है। अब बिना मुखिया के पार्टी का नेतृत्व कैसे होगा? सिब्बल ने कहा कि पार्टी का अध्यक्ष पद खाली होने की वजह से लोगों का कनेक्शन कम होता जा रहा है और लोग कांग्रेस पार्टी से दूर होते जा रहे है। कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होने इस विषय पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा था लेकिन उसका उन्हे कोई जवाब नहीं मिला। 
 
चुनाव में लगातार मिलती हार के साथ ही पार्टी में अंतरकलह बढ़ती जा रही है हालांकि इसके कई कारण है लेकिन उसमें सबसे बड़ा कारण यह भी है कि पार्टी के नेता अब जमीनी स्तर पर काम नहीं करना चाहते है क्योंकि उन्हे ऐसा लगने लगा था कि पार्टी की जीत को पक्की है लेकिन उनके इस घमंड और गुरुर को मोदी सरकार ने तोड़ दिया और यह बता दिया कि अब जनता उसी को वोट करेगी जो देश और लोगों का विकास करेगा। 

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