Love-Jihad: जल्द कानून के दायरे में होगा लव जिहाद!

लव जिहाद पहली बार सन 2009 में चर्चा में आया लेकिन उस दौरान की तत्कालीन सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया जिससे अब यह मुद्दा देश के लिए नासूर बनता जा रहा है। लव जिहाद के नाम पर आये दिन हत्याएं हो रही है हाल का हरियाणा निकिता मर्डर केस इसका जीता जागता उदाहरण है। पहले हिंदू लड़की से प्यार का नाटक और फिर उसका धर्म परिवर्तन कर शादी करना और फिर बाद में उसे प्रताड़ित करना या उसकी हत्या कर देना हर दिन तेजी से बढ़ता जा रहा है। लव जिहाद पर रोक लगाने को लेकर कुछ सरकारों ने नकेल कसने की शुरुआत कर दी है और इसके खिलाफ कानून भी बन रहे है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ कानून तैयार कर लिया है और उसे केंद्र के पास भेज भी दिया है। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अगर यह कानून लागू होता है तो अब जबरन धर्मांतरण कराने पर 5 साल की सजा होगी और सामूहिक तौर पर धर्मांतरण कराने पर 10 साल की सजा होगी और यह अपराध गैरजमानती होगा। इस कानून में जबरन शादी और प्रलोभन के द्वारा धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में लव जिहाद के लिए कानून बन कर तैयार हो चुका है बस उसे पारित करने का इंतजार है जबकि कर्नाटक, उत्तराखंड, हरियाणा और गुजरात में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने पर तेजी से काम चल रहा है। हाल में होती घटनाओ को ध्यान में रखते हुए इन राज्यों की सरकारों  ने इसे रोकने का फैसला किया है और उसके लिए कानून बनाना जरूरी है। सरकार के अलावा भी कई ऐसे संगठन है जो लगातार लव जिहाद पर रोक लगाने की मांग कर रहे है और यह मुद्दा देश के अलग अलग कोर्ट तक भी पहुंच चुका है। उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लव जिहाद के एक मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सिर्फ विवाह के लिए धर्मांतरण के फैसले पर रोक लगा दी थी।
बीजेपी की तरफ से जहां लव जिहाद कानून को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश जारी है वहीं दूसरी तरफ बाकी दल इसके विरोध में है। वैसे विपक्षी दलों का विरोध करना कोई नया नहीं है पिछले करीब 6 सालों से बीजेपी सरकार ने जितने भी फैसले लिए है उन्होने सभी का विरोध किया है चाहे वह फैसले जनता के हित में ही क्यों ना हों। लव जिहाद के नाम पर हो रही हत्याओं के बाद भी कांग्रेस, आप और एमआईएम सहित कई दल इस कानून का विरोध कर रहे है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को फिर से संविधान पढ़ने की सलाह दी है और कहा कि लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाना संविधान का उल्लंघन है।
लव जिहाद को लेकर देश के कुछ इलाकों में तनाव और डर पैदा हो गया है और कई परिवार इससे इतने डरे हुए है कि वह अपनी बेटियों के बाहर निकलने पर रोक लगा रहे है। अलग अलग राज्यों में इसके खिलाफ कानून बनाने को लेकर मांग उठ रही है।

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