शिवसेना यूपीए का हिस्सा नहीं, गठबंधन सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित – अशोक चव्हाण

कांग्रेस के सामने अध्यक्ष पद को लेकर एक विकट समस्या आ खड़ी हुई है। यूपीए अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस की तरफ से लगातार कई बैठकें हो चुकी है। सोनिया गांधी सहित तमाम पार्टी के खास लोग यह चाहते है कि राहुल गांधी को यूपीए का अध्यक्ष बनाया जाए और गांधी परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया जाए लेकिन अभी ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है।राहुल गांधी को एक बार यह पद दिया जा चुका है लेकिन राहुल गांधी ने खुद से इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया और अब वह इस पद पर काबिज होने के मूड में नजर नहीं आ रहे है जबकि पार्टी की तरफ से उन्हे यह पद हर हाल में देने का प्रयास किया जा रहा है।
 
यूपीए अध्यक्ष पद को लेकर राहुल के बाद अब शरद पवार का नाम भी चर्चा में है हालांकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन फिर भी कुछ दल शरद पवार को बधाई भी देने लगे है और शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष पद के लिए सही दावेदार बता रहे है। मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने इस पर सफाई दी है और कहा कि उन्हे इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। यूपीए का अध्यक्ष पद एक बड़ा पद है इसलिए यूपीए में शामिल पार्टियाँ यह जरुर कोशिश करेंगी कि उनकी पार्टी का कोई नेता इस पद पर विराजमान हो लेकिन यह इतना आसान भी नहीं होगा।  
 
शरद पवार का नाम सामने आने के बाद खुद कांग्रेस के खेमें में हड़कंप मचा हुआ है कांग्रेस के पुराने और सोनिया के करीबी नेता इस बात से हैरान है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है जो पार्टी के बाहर से किसी चेहरे को ढूंढना पड़ रहा है। अध्यक्ष पद के लिए शरद पवार के नाम को लेकर पी. चिदंबरम ने एक प्रेस क्रांफेंस किया और आशंका जाहिर करते हुए कि खुद शरद पवार इस पद के लिए तैयार नहीं होंगे। यह कोई प्रधानमंत्री का पद नहीं है। 
 
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि कोई भी दल चाहे तो बैठक बुला सकता है लेकिन अगर यह बैठक कांग्रेस पार्टी की तरफ से बुलायी जाती है तो उसकी अध्यक्षता कांग्रेस के नेता करेंगे। चिदंबरम ने अपने भाषण में कहा कि यूपीए के सभी सहयोगी दलों को एक साथ रहने की जरुरत है लेकिन अध्यक्ष पद को लेकर बैठक के बाद ही कोई सहमति बनेगी। यूपीए में करीब 10 पार्टियाँ शामिल है लेकिन उसमें कांग्रेस सब से बड़ी पार्टी है जिसके लोकसभा में 95 सांसद और राज्यसभा में 100 सांसद है। 
 
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। शरद पवार को लेकर शिवसेना ने मुख पत्र सामना में काफी सकारात्मक लेख लिखा गया था और यह बताने की कोशिश की गयी थी कि शरद पवार यूपीए अध्यक्ष पद के लिए सबसे योग्य और सही व्यक्ति है लेकिन कांग्रेस को यह बात रास नहीं आयी और कांग्रेस की तरफ से बयान दिया गया कि शिवसेना सिर्फ महाराष्ट्र में गठबंधन में है इसलिए वह यूपीए नेतृत्व को लेकर कोई टिप्पणी ना करे। शिवसेना यूपीए का हिस्सा नहीं है। महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी भी सरकार में है और यह गठबंधन सिर्फ महाराष्ट्र तक ही सीमित है।

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