पर्यावरण प्रेमी – डॉ. सुकेश झंवर

पुरुषार्थ ही कर्म की रेखाओं में आतुर आकांक्षाओं के रंग भरता है। पुरुषार्थ के केंद्र में आस्था की अग्नि शिखा झिलमिलाती है। बुलडाणा अर्बन क्रे.सो., बुलडाणा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुकेश झंवर ऐसी ही एक अग्नि शिखा है, जो कार्य के प्रति सजग और समर्पित एवं कार्य साधकों के भाल पर आशीषों से भारित हाथ रखती है। नव भारत, नव समाज निर्माण में लगे सर्जक डॉ. झंवर के पांव धरती पर चलते हुए मिट्टी का स्पंदन आत्मसात करते हैं।

डॉ. सुकेशजी झंवर महाराष्ट्र के यवतमाल शहर में जन्में। अपनी विद्यालयीन शिक्षा के उपरांत उन्होंने नागपुर के शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय से एम.बी.बी.एस. की पदवी प्राप्त की। अस्थि विशेषज्ञता के लिए जर्मनी से पदव्युत्तर शिक्षा प्राप्त की। जर्मनी में ही उन्हें विभिन्न लोगों के संपर्क में आने का मौका मिला और सामाजिक उत्थान की ओर उनका रुझान हुआ। इसी रुझान के फलस्वरुप उन्होंने ‘बँकिंग एवं अर्थ’ में एम.बी.ए. की उपाधि प्राप्त की एवं बुलडाणा अर्बन के्रडिट सोसायटी से जुड़े। उन्होंने पारम्परिक कृषि का युवाओं द्वारा त्याग, बर्बाद होती फसले, किसानों की आत्महत्या, स्वच्छता…. इत्यादि समस्याओं से लोगों को न घबराने का आश्वासन, प्ररेणा देते हुए योग्य पर्यावरण निर्माण पर बल दिया। समाज में सामाजिक शक्ति की चेतना जगाते हुए वे कहते हैं कि ‘व्यक्ति मात्र हाड-मांस का पुतला नहीं, वह सृष्टि की सुंदरतम रचना है, जिसे आस्था का संबल प्रकृति प्रदत्त है।’

बुलडाणा अर्बन क्रेडिट सोसायटी में ६ वर्ष की छोटी अवधि में डॉ. झंवर की कार्यप्रणाली और तकनीकी बदलाव के कारण यह संस्था आज १०० करोड अमेरिकी डालर के कीर्तिमान पर पहुँच गई है एवं लाभार्थियों की संख्या लगभग १० लाख है। डॉ. झंवर पहले भारतीय है जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता (एशिया पॅसिफिक रीजन) के उणचख पुरस्कार से सम्मानित किया गया। क्रेडिट यूनियन सेक्टर में राष्ट्रीय सर्वोच्च पुरस्कार से भी अलंकृत है। साथ ही ॠश्रेलरश्र र्ूेीींह पशींुेीज्ञ ेप उे-ेशिीरींर्ळींश के प्रथम भारतीय उपाध्यक्ष, खपींशीपरींळेपरश्र उे-ेशिीरींर्ळींश अश्रश्रळरपलश ईळर झरलळषळल र्धेीींह उेााळींींशश के प्रथम भारतीय अध्यक्ष, ईळरप उेपषशवशीरींळेप ेष उीशवळीं णपळेप के २७ देशों के समन्वयक, ब्राजील, रुस, भारत, चीन, साऊथ अफ्रीका इत्यादि सहकारी बँकों के सलाहकार, बुलडाणा अर्बन एवं खपींशीपरींळेपरश्र जशिीरींळेपी चरहरीरीहींीर ऋशवशीरींळेप ेष उीशवळीं उे-ेशिीरींर्ळींश के उचऊ जैसे अनेक पदोंपर विभूषित है। वर्ष २०१४ का थेीश्रव उे-ेशिीरींर्ळींश एुलशश्रश्रशपलश पुरस्कार एवं इशीीं र्धेीींह उएज पुरस्कार भी उन्हें प्रदत्त है।

इस संसार को अपने रहने लायक बनाना, यह सभ्यता है एवं दूसरों के रहने लायक बनाना, यह संस्कृति है। सभ्यता से संस्कृति की ओर बढ़ते समय बुलडाणा अर्बन संस्था ८५०० करोड रुपये की आर्थिक संपन्नता रखती है। जिसमें ४००० करोड रुपये (५०० मिलियन) की राशि जमा है। ३६५ शाखाओं में संपूर्ण भारत में फैली इस संस्था में ५५०० कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे है। किसानों तथा उच्चशिक्षा के लिए आर्थिक मदद हेतु संस्था सर्वदा प्रति क्षण तत्पर रहती है। हारकर बैठने वालों को संस्था ‘जिंदगी जीने के लिए’ है का संदेश देकर अपना हाथ बढ़ाती है।

पर्यावरण की अवनति का परिणाम ही गरीबी है। ग्राम का विनाश और कृषक वर्ग का दरिद्रीकरण आधुनिक विज्ञान का सबसे बड़ा परिणाम है। इस कठोर सत्य से हम सभी परिचित है। बुलडाणा अर्बन ने भी इस कठोर सत्य को स्वीकार कर स्वच्छ बुलडाणा कार्यक्रम के अंतर्गत शहर सौंदर्यीकरण, शहर स्वच्छता का बीडा उठाया है। न नुकसान न फायदा इस आधार पर पंचसूत्री कार्यक्रम के तहत प्रतिदिन के जमा कचरे का यांत्रिकीकरण किया जा रहा है। प्रतिदिन १०००पेटी कचरे का योग्य प्रबंध किया जा रहा है। स्वयं डॉ. झंवर अपने मूल्यवान समय में से समय निकाल कर इस कार्य में विशेष ध्यान दे रहे है यह उल्लेखनीय है।

जिंदगी की अनेक चुनौतियॉ है, उपमाएँ है, परिभाषाएँ है – सभी अपनी तरह से उचित, सार्थक और अर्थवान। इन्हीं चुनौतियों को पार करना और ग्राम वासियों में रोजगार निर्माण करना इस हेतु संस्था द्वारा बुलडाणा तहत डोंगर खंडाला गॉंव में वस्त्र निर्माण उद्योग का आरंभ करवाया। आधुनिक मशीनों से सुसज्जित यह उद्योग महिलाओं में आत्मनिर्भरता को बढ़ा रहा है। इसी गॉंव में स्वच्छ पेय जल हेतु ग्रामवासियों के लिए जल ए.टी.एम. व्यवस्था की गई है जिससे स्वच्छता का महत्व जन-जन तक पहुँचे। आगामी वर्षों में महाराष्ट्र के कुछ और क्षेत्रों में ऐसी ही जल व्यवस्था करवाने का संकल्प डॉ. झंवर का है। ‘‘समाज का धन, समाज के हितार्थ’’ यह सिध्दांत बुलडाणा अर्बन की नींव है।
-प्रतिनिधि

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