आईआईएसएफ 2020: विज्ञान का एक अनोखा महोत्सव

22से 25दिसंबर 2020के दौरानभारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) का आयोजन किया गया। यह विज्ञान, तकनीक, नवाचार और उद्यमिता का एक उत्सव है। इस महोत्सव में समाज के हर वर्ग के लोग शामिल होते हैं और इसमें यह दर्शाया जाता है कि कैसे विज्ञान व तकनीक हमारे जीवन में परिवर्तन तथा सुधार का कारक बनता है। कोविड महामारी की वजह से इस वर्ष इस विज्ञान महोत्सव का आयोजन वर्चुअल प्लेटफार्म पर किया गया जिसमें एक लाख से भी अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस मेगा साइंस फेस्टिवल का समन्वय सीएसआईआर के नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं विकास अध्ययन संस्थान (निस्टैड्स) ने किया।

आईआईएसएफ, भारत की वैज्ञानिक विरासत को लोगों से साझा करता है। इस महोत्सव की नींव विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विज्ञान भारती के सहयोग से साल 2015 में रखी गयी थी। उसी वर्ष यह निर्णय लिया गया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कोई एक विभाग हर वर्ष यह विज्ञान महोत्सव विज्ञान के अन्य मंत्रालयों-विभागों तथा विज्ञान भारती के सहयोग से आयोजित करेगा। इस कार्यक्रम के विचार और आरंभ का मूल उद्देश्य था भारत की वैज्ञानिक व तकनीकी उपलब्धियों तथा प्रगति का उत्सव मनाने में आमजन को शामिल करना। इसके अनेक कार्यक्रमों में विश्व के विभिन्न देशों के लोग भागीदारी करते हैं। इस लिहाज से इसका स्वरुप वैश्विक हो जाता है। समाज और मानवता की सेवा के उद्देश्य से लोगों में जिज्ञासा और वैज्ञानिक प्रयत्नों की प्रेरणा जगाने के लिए 2015 में आरंभ किया गया यह प्रयोग आज लोगों को विज्ञान से जोड़ने का एक अनोखा मंच बन गया है।

17नवंबर 2020को आईआईएसएफ 2020के कर्टेन रेजर समारोह में आईआईएसएफ ब्रोशर का विमोचन करते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन, महानिदेशक सीएसआईआर डॉ. शेखर मांडे, डीएसटी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और डीबीटी के सचिवगण,श्री जयंत सहस्रबुधे डॉ. रंजना अग्रवाल, निदेशक, सीएसआईआर-निस्टैड्स तथा अन्य अधिकारीगण 

 

आईआईएसएफ एक वार्षिक कार्यक्रम है और प्रत्येक वर्ष किसी एक केंद्रीय विषयवस्तु को लेकर इसका आयोजन किया जाता है। हालांकि कोविड-19 की वजह से, वर्ष 2020 अत्यंत निराशापूर्ण और पीड़ादायक रहा। लेकिन ऐसी प्रतिकूल परिस्थिति में आईआईएसएफ का आयोजन भारत की वैज्ञानिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 2020 में इस महोत्सव के आयोजन के लिए विज्ञान ने तकनीक का सहारा लिया और 22 से 25 दिसंबर के दौरान वर्चुअल प्लेटफार्म पर विज्ञान का यह महोत्सव आयोजित किया गया। भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को ध्यान में रखते हुए और इसे सम्बल प्रदान करने के लिए आईआईएसएफ 2020 का मुख्य थीम ‘आत्मनिर्भर भारत और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’ रखा गया था।

हर वर्ष आईआईएसएफ में कार्यक्रमों की संख्या में वृद्धि देखने को मिलता है। आईआईएसएफ 2020में 9मुख्य स्तंभों के अंतर्गत कुल 41कार्यक्रम आयोजित किए गए। आईआईएसएफ 2019के 28कार्यक्रम, 2020के आईआईएसएफ में भी रखे गए थे लेकिन इसमें 13नए कार्यक्रम शामिल किए गए। कुछ कार्यक्रमों में सामाजिक विज्ञान अथवा मानविकी को प्रा.तिक विज्ञान से जोड़कर प्रस्तुत किया गया। इस तरह से ‘विज्ञान और दर्शनशास्त्र’ तथा ‘प्रदर्शन कला और विज्ञान’ जैसे नए कार्यक्रमों की रुपरेखा तय करके इनका आयोजन किया गया। सतत् विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष छ: नए कार्यक्रम आयोजित किए गए जैवविविधता, स्वच्छ वायु, पानी, ऊर्जा, प्रा.तिक आवास (शहरी एवं ग्रामीण) और अपशिष्ट एवं स्वच्छता।

आईआईएसएफ 2020 में अनेक विश्व कीर्तिमान भी स्थापित किए गए। इसके अंतर्गत 5 नए विश्व कीर्तिमान बने जो गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुए। पहला कीर्तिमान, एक साथ इतनी बड़ी संख्या (प्रतिदिन लगभग 2000 लोग) में आभासी वातावरण में लोग किसी विज्ञान उत्सव में शामिल हुए। दूसरा, 6874 विद्यार्थियों ने प्रकाश, छाया और समय की डिवाइस (सनडायल किट) का निर्माण एक साथ किया। तीसरा, एक साथ 30000 विद्यार्थियों ने हाथ को साबुन से धोने की गतिविधि की। चौथा, एक साथ 30000 विद्यार्थियों ने मास्क पहना और आनलाइन शपथ लिया। पांचवां और अंतिम विश्व कीर्तिमान बेस्पोक प्लेटफार्म पर लाइव स्ट्रीम के माध्यम से 35000 विद्यार्थियों ने पोषण और स्वास्थ्य संबंधी का सबक हासिल किया।

 

गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड के अंतर्गत सीएसआईआर-निस्टैड्स में सनडायल किट की असेंबली करते हुए प्रतिभागियों का अवलोकन करते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन

 

आईआईएसएफ 2020में गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स के अंतर्गत 5विश्व कीर्तिमान दर्ज हुए

भारत का अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव, आईआईएसएफ 2020 का एक प्रमुख कार्यक्रम था। इसके अंतर्गत इस वर्ष 60 देशों से कुल 632 विज्ञान वृत्तचित्र, लघु फिल्में, एनीमेशन वीडियो प्राप्त हुए थे। विज्ञान, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की विदेशी और भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग आनलाइन प्लेटफार्म पर की गयी थी। विज्ञान फिल्में, विज्ञान लोकप्रियकरण का एक सशक्त जरिया होती हैं और युवाओं को इस दिशा में प्रेरित करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम के अंतर्गत, भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रोफेशनल तथा विद्यार्थी फिल्मकार प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था।

आईआईएसएफ 2020में गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स के अंतर्गत 5विश्व कीर्तिमान दर्ज हुए

 

अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान साहित्य उत्सव-विज्ञानिका, आईआईएसएफ का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसमें विज्ञान संचार और विज्ञान लेखन की मौजूदा चुनौतियों तथा सरोकारों पर विशेषज्ञों द्वारा विचार विनिमय किया जाता है। इस वर्ष विशेषज्ञ चर्चा के अतिरिक्त विज्ञान कवि सम्मेलन और विज्ञान गीत प्रतियोगिता विज्ञानिका कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहे।

 

भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में प्रतिभागियों से अपनी बात साझा करते हुए सदी के महानायक अमिताभ बच्चन

आईआईएसएफ 2020 का उद्घाटन 22 दिसंबर 2020 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल विधि से किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विज्ञान, तकनीक और नवाचार के क्षेत्रों में भारत के पास एक समृद्ध विरासत है। हमारे वैज्ञानिकों ने अग्रणी अनुसंधान किए हैं। हमारे तकनीकी उद्योग ने वैश्विक समस्याओं के समाधान के मार्ग प्रशस्त किए हैं। लेकिन भारत को इससे अधिक की अपेक्षा है। आईआईएसएफ का उद्देश्य आमजन में वैज्ञानिक .ष्टिकोण का विकास करना और युवाओं को वैज्ञानिक शोध के लिए प्रेरित करना है। यह विज्ञान महोत्सव, विज्ञान और समाज के बीच एक संबंध का निर्माण करेगा ताकि वैज्ञानिक तथा आर्थिक दोनों मोर्चों पर प्रगति का मार्ग खुल सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि आईआईएसएफलोगों को विज्ञान और तकनीक में नए कौशल सीखने का अवसर देता है।

 

आईआईएसएफ 2020के उद्घाटन अवसर पर संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

उद्घाटन समारोह में सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर चिंतामणि मांडे ने आईआईएसएफ 2020 के लक्ष्य, महत्व और मुख्य विशेषताओं का उल्लेख किया। अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद विज्ञान के इस महोत्सव में पंजीकरण करने वाले प्रतिभागियों की संख्या एक लाख के पार चली गयी है। इससे लोगों की विज्ञान और आईआईएसएफ में दिलचस्पी जाहिर होती है। भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020का आरंभ 22दिसंबर को किया गया। इस दिन भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म हुआ था। वहीं दूसरी ओर इस विज्ञान महोत्सव का समापन 25दिसंबर को हुआ जिस दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई का जन्म हुआ था। अटल जी ने ‘जय जवान जय किसान’ के साथ ‘जय विज्ञान’ का नारा जोड़ा था।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि भारत के उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू

आईआईएसएफ 2020के समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि भारत के महामहिम उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि विज्ञान, मानव समाज की जीवन रेखा के समान है और इस प्रकार का विज्ञान उत्सव लोगों में वैज्ञानिक सोच का विकास करता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान हमें तार्किक सूझबूझ के लिए प्रेरित करता है और हमारे संविधान के अनुसार यह हमारा मौलिक कर्तव्य है। इसलिए हमें किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले उचित जांच-पड़ताल और तर्क के मार्ग से होकर आगे बढ़ना चाहिए। कोविड महामारी ने भी हमें वैज्ञानिक .ष्टिकोण का सहारा लेने का सबक दिया है।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन आईआईएसएफ 2020के समापन समारोह के अवसर पर अपना संबोधन रखते हुए

इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि आईआईएसएफ एक ऐसा मंच है जिसके साथ समाज का हर तबका जुड़ता है चाहे वो किसान हो, शिल्पकार, वैज्ञानिक हो या नीति निर्माता। इस विज्ञान उत्सव में दुनिया के कोने-कोने से विज्ञानप्रेमी हिस्सा लेते हैं और इस प्रकार यह उत्सव अनोखा तथा अद्वितीय स्वरूप ग्रहण करता है। इसके कार्यक्रम बेहद सुव्यवस्थित और सुनियोजित होते हैं इसलिए हमारे नागरिकों और विज्ञान के बीच का रिश्ता प्रगाढ़ होता जा रहा है। इस वर्ष के आईआईएसएफ का मुख्य थीम ‘आत्मनिर्भर भारत और विश्वकल्याण के लिए विज्ञान’ था जिसमें आत्मनिर्भर भारत मिशन के लक्ष्य को साकार करने में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रयत्नों को दर्शाया गया।

विज्ञान भारती के अध्यक्ष डॉ. विजय भटकर ने कहा कि हमारे देशवासियों के सामने जब भी बड़ी चुनौती या दुश्वारी आई है तो हमने इसका डटकर सामना किया और उससे उबरकर दिखाया है। उन्होंने सभी आयोजकों और प्रतिभागियों को आईआईएसएफ 2020 की सफलता पर बधाई दी।

This Post Has One Comment

  1. Dr K N Pandey

    आई आई एस इफ विज्ञान महोत्सव के अवसर पर शुरू से लेकर समापन के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों पर अत्यन्त महत्वपूर्ण जानकारी सहित डॉ मनीष मोहन गोरे का आलेख अत्यन्त रोचक है। डॉ गोरे की बधाई और हिन्दी विवेक के प्रति आभार।

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