भारत भाग्यविधाता

सारी दुनिया का ध्यान भारत में संपन्न आम चुनावों की ओर लगा हुआ था। भारत के भविष्य के दृष्टिकोण से ये चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण थे। भारतीय जनता ने 336 सीटें भाजपा और उसके मित्र दलों को देकर मोदी के नेतृत्व और कर्तृत्व पर विजय की मुहर लगाई। यह सशक्त भारत का निर्माण करने की ओर पहला कदम है। गुजरात की तरह ही इस देश का भी विकास हो, यही अपेक्षा जनता ने व्यक्त की है। सन 1984 के बाद पहली बार भारतीय राजनीति में किसी पार्टी को बहुमत मिला है। यह भाजपा की सबसे बडी उपलब्धि है। संपूर्ण देश के चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो यह दिखाई देता है कि 125 वर्षों की परंपरा वाली कांग्रेस को जनता ने धूल चटा दी है। 44 सीटें मिलने के कारण उसकी अवस्था किसी क्षेत्रीय पार्टी जैसी हो गई है। जनता ने उसे विपक्ष के रूप में संसद में बैठने के काबिल भी नहीं रखा।

घोटाले, भ्रष्टाचार, बढती महंगाई, निष्क्रीयता, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दें, गलत नीतियां इत्यादि के कारण जनता में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार के प्रति अत्यधिक आक्रोश था। किसी परिवार के द्वारा चलाई जानेवाली प्रायवेट लिमिटेड कंपनी की तरह इस सरकार का स्वरुप था। उसने देश को निराशा की गहरी खाई में धकेल दिया था। जनता को इस खाई से उबारनेवाले नायक हैं नरेन्द्र मोदी। पिछले 10 सालों से निर्माण हुई निराशा को आशा में परिवर्तित करने का महत्वपूर्ण कार्य नरेन्द्र मोदी ने किया है। उन्होंने ऐसा परिवर्तन किया कि भविष्य में यह विजय एक अद्भुत इतिहास बन जायेगी। भारतीय राजनैतिक मंच पर कांग्रेस सरकार के स्थान पर इमानदारीपूर्ण व्यवहार के साथ ही जनकल्याणकारी योजना चलानेवाला, बढती महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी पर नियंत्रण रखनेवाला नेता भारतीय जनता को चाहिये था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्कारों से संस्कारित नरेन्द्र मोदी मजबूत,द़ृढनिश्चयी नेता दिख रहे थे। इस विषम परिस्थिति में नरेन्द्र मोदी 24 कॅरेट सोने के समान खरे उतरे। उनके आगमन से जनमानस में एक नवीन विश्वास निर्माण हुआ। जो विश्वास ढह गया था वह फिर से निर्माण हो गया। मोदी पिछले चार महीनों में किसी झंझावात की तरह सारे देश पर छा गये थे। उन्होंने 437 सभाएं की। पूरे देश में लगभग 3 लाख किलोमीटर घूमें। चुनाव के समय देश में वायु की तरह संचार करते हुए देश में अस्थिरता निर्माण करनेवाली कांग्रेस पर घणाघात प्रहार किये। साथ ही देश को ‘अच्छे दिन आनेवाले हैं’ का विश्वास दिलाया। भारतीय जनता को ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ देने का विश्वास दिलाया। देश में होनेवाले विकास का नक्शा मतदाताओं के सामने रखा। पिछले 10 सालों में लगातार बढनेवाली महंगाई, बेरोजगारी, गुनाह, भ्रष्टाचार इत्यादि से तंग आ चुकी सामान्य जनता, भविष्य की अनिश्चितता से ग्रसित युवावर्ग, महिलाएं आदि सभी मोदी के आश्वासक प्रभाव से सकारात्मक हो गये। सही व्यक्ति को मतदान करके हम ही देश की परिस्थिति को बदल सकते हैं, यह विश्वास जनता के मन में द़ृढ़ हो गया।

ये लोकसभा चुनाव ‘वोट फॉर नेशन,’ ‘अच्छे दिन आनेवाले हैं’, ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ जैसे मोदी के आवाहन की प्रतिक्रिया देनेवाले रहे। पारंपरिक वोट बैंक, जातीय समीकरण जैसे कांग्रेस के फंडे इस चुनाव में नहीं चले। ये चुनाव इन सभी से परे थे। एक नयी राजनैतिक परंपरा आने का आशादायी चित्र भारतीय मतदाताओं में दिखाई दिया। इस बार भाजपा के नेतृत्व में मुस्लिम, दलित मतदाताओं को पारंपरिक जातीय मतदान से विकास के लिये मतदान करने की सोच तक लाने की ताकत थी। यही नरेन्द्र मोदी की सबसे बडी उपलब्धि है। आसाम, दक्षिण भारत, प. बंगाल जैसे राज्यों में भाजपा का संगठनात्मक कार्य न होते हुए भी उसे वहां सफलता मिली। मोदी के विकास मॉडेल को पार्टी के संगठनात्मक विस्तार से आगे जाकर संपूर्ण देश ने स्वीकारा, इसलिये प्रसार माध्यम यह प्रश्न उपस्थित कर रहे हैं कि यह विजय संगठन की है या मोदी की है? इसका जवाब यह है कि यह मोदी के नेतृत्व में भाजपा की जीत है।

कांग्रेस विरोधी विचार की एक पार्टी अर्थात भारतीय जनता पार्टी ऐसी विजय मिली है जो आज तक के इतिहास में कभी नहीं मिली। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बननेवाली है। अब सरकार चलाते समय असीम अपेक्षाओं की पूर्ति की जिम्मेदारी लेकर चलाना होगा। संक्षिप्त रूप से कहा जाये तो नयी सरकार को भविष्य में अलग-अलग क्षेत्रों में विकास करने के लिये, वैश्विक अर्थव्यवस्था में सम्माननीय स्थान प्राप्त करने के लिये, रोजगार के नये अवसर निर्माण करने के लिये प्रयत्न करने होंगे। नदी जोड प्रकल्पों जैसे ग्रामीण जनता के विकास से संबंधित अन्य प्रकल्प क्रियान्वित करने होंगे। बोडो और नक्सलवाद की समस्या के साथ ही देश छ: राज्यों में माओवाद की समस्या से जूझ रहा है। अंतर्गत सुरक्षा के मुद्दे पर मोदी सरकार प्रमुखता से ध्यान दे यह भारतीय जनता की अपेक्षा रहेगी। इसके साथ ही कांग्रेस से मिले अनैतिक, अनियंत्रित उपहार जैसे महंगाई, भ्रष्टाचार, बढते गुनाह, स्त्रियों पर होनेवाले अत्याचार, शिक्षा क्षेत्र में होनेवाले भ्रष्टाचार जैसे आव्हान भी मुंह बाये खडे हैं। देश की सीमाओं से लगे पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश जैसे पारंपरिक शत्रुराष्ट्रों पर धमक के साथ नियंत्रण रखना अत्यावश्यक है। क्या मोदी नई सरकार की नीतियों के देश के सभी क्षेत्रों में सुधारों की गति बढ़ाकर मजबूती लानवाले दमदार प्रधानमंत्री के रुप में नजर आयेंगे? इन प्रश्नों के उत्तर भविष्य में मिल सकते हैं।

नरेन्द्र मोदी ने ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ का मंत्र देकर निराश समाज के मन में आशा-आकांक्षाओं को जागृत किया है। देश के संकटकाल में नरेन्द्र मोदी ‘कृष्ण’ के समान दौडे आये हैं। ‘तस्मात उतिष्ठ कौंतेय’ संदेश को मन में जागृत कर इस बाद मोदी ने समाजरुपी ‘कौंतेय’ अर्थात अर्जुन को जगाकर इतिहास रच दिया है। भ्रष्ट व्यवस्था निर्माण करनेवाली कांग्रेस और राजनेताओं को उनके घर का रास्ता दिखाने के जनता के स्वप्न को जनता के माध्यम से ही साकार करके मोदी ने स्वयं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्कारोें और विचारों को भी सिद्ध किया है। भारत की समृद्धशाली परंपरा और इतिहास वैभवपूर्ण है। पिछले कुछ दिनों से उसपर चिंता का ग्रहण लग गया था। भारत को सभी क्षेत्रों में वैभव संपन्न बनाने के लिये सभी लोग नरेन्द्र मोदी को ‘भारत भाग्यविधाता’ के रुप में देख रहे हैं। इन अपेक्षाओं को साकार करने के लिये नरेन्द्र मोदी और सरकार को शुभकामनाएं।

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