योग: अधोमुख श्वानासन आज की जिंदगी के लिए जरूरी

अधोमुख श्वानासन जिसे अंग्रेजी में Downward facing dog pose भी कहा जाता है। अंग्रेजी नाम को अगर आप ध्यान से पढ़ें तो यह साफ होता है कि यह योग की वह क्रिया है जिसमें कुत्ते की तरफ आगे झुकना होता है। साधारणतः आप ने देखा होगा कि कुत्ते भी अपने शरीर की स्ट्रेचिंग के दौरान आगे दोनों पैरो पर झुक जाते है और फिर पीछे के पैरों के सहारे शरीर को पीछे की तरफ खींचते है। अधोमुख श्वानासन तीन शब्दों से मिलकर बना हुआ है अधोमुख यानी कि नीचे की तरफ मुख करना, श्वान यानी की कुत्ता और आसन यानी कि बैठना। अधोमुख श्वानासन को योग में एक उच्च स्थान दिया गया है क्योकि यह करने में बेहद ही आसान होता है जबकि इससे होने वाले फायदे बहुत होते है।
अधोमुख श्वानासन करने का सही तरीका
इस योग के लिए सबसे पहले आप योग मैट बिछा ले और फिर उस पर हाथ और पैर के बल बैठ जाएं जिससे आप की पीठ एक टेबल के समान हो जाये।आप के दोनों हाथ व घुटना जमीन पर होगा और पैर के पंजे पीछे की तरफ होंगे। अब आप सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे कमर को ऊपर की तरफ उठाएं इस दौरान आप का पैर व हाथ भी सीधे हो जाएंगे। अब आप का शरीर उल्टे वी (V) के आकार में आ चुका होगा। इस आसन के दौरान कंधों से हाथ की दूरी और कमर से पैर की दूरी को बराबर रखना है। हाथ और पैर की उंगलियां सामने की तरफ खुली होंगी। गर्दन सीधे नीचे की तरफ होगी और आप की नजर आप की नाभि पर हो चाहिए। अपनी क्षमता अनुसार आप कुछ समय इसी अवस्था में रहे और फिर सांस छोड़ते हुए पैर के घुटनों को नीचे ले आए और पुरानी अवस्था में आ जाएं।

अधोमुख श्वानासन करने के फायदे 
1. यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। 
2. छाती की मांसपेशियों और फेफड़ों को ऊर्जा मिलती है। 
3. पूरे शरीर के साथ साथ हाथ, कंधों और पैरों को शक्ति प्रदान होती है। 
4. यह आसन सिरदर्द, थकान, अनिद्रा जैसे रोगों में भी लाभदायक होता है। 
5. यह आसन हमारे पेट के निचले भाग की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। 
6. हमारा सिर दिल से भी नीचे चला जाता है जिससे सिर में रक्त संचार तेजी से होता है। 
7. यह आसन हमारे पाचन तंत्र पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है और उसे मजबूत बनाता है। 
8. अधोमुख श्वानासन मन को शांति प्रदान करता है, साथ ही सर्वाइकल स्पाइन में भी राहत देता है। 
अधोमुख श्वानासन के लिए सावधानियां 
1. अधोमुख श्वानासन सुबह के समय ही करना चाहिए अगर समय नहीं मिलता है तो शाम को भी कर सकते है लेकिन इस आसन के करीब 4 घंटे पहले से कुछ ना खांए।
2. सुबह में यह आसन करते है तो आप शौच से निवृत्त जरुर हो लें। इस आसन के समय आप के पेट पूरी तरह से खाली होना चाहिए। 
3. ब्लड प्रेशर, डायरिया या हाथ पैर में चोट होने पर भी यह आसन ना करें।
4. अगर आप की पीठ में भी चोट हो तो आप यह आसन ना करें
5. कार्पल टनल सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को भी यह आसन नहीं करना चाहिए। 
6. गर्भवती महिलाएं भी यह आसन करने से बचें। 

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