जयंती विशेष: बंकिमचंद्र चटर्जी का देश के लिए योगदान

 
बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म 27 जून 1838 को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में हुआ था उन्हे लोग बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के नाम से भी जानते थे।बंकिम चटर्जी एक कवि, उपन्यासकार, गद्यकार और पत्रकार जैसी प्रतिभा के धनी थे। भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् उनके द्वारा ही लिखित है जिसे सन 1870 में लिखा गया था और भारत सरकार द्वारा 24 जनवरी 1950 को स्वीकार किया गया था। बंकिम चटर्जी की शुरुआती शिक्षा कलकत्ता में ही संपन्न हुई।1859 में उन्होंने कलकत्ता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से बीए की डिग्री और 1969 में लॉ की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद बंकिम चटर्जी ने डिप्टी कलेक्टर के पद को संभाला और अपनी मेहनत व काबिलियत से डिप्टी मजिस्ट्रेट के पद तक पहुंच गये लेकिन इतने में अवस्था भी हो चुकी थी जिसके बाद 1891 में वह सरकारी पद से सेवानिवृत्त हो गये। कुछ समय तक बंगाल सरकार में सचिव के पद पर भी थे।
 
बंकिम चंद्र चटर्जी ने सरकारी सेवा से अलविदा करने के बाद देश सेवा में लग गये। यह वह दौर था जब अंग्रेजी शासन अपनी चरमसीमा पर था और अंग्रेजो की मनमानी जारी थी हालांकि अब तक आजादी की आंधी भी शुरू हो चुकी थी और क्रांतिकारी देशभक्त अंग्रेजों की नाम में दम करना भी शुरू कर चुके थे ऐसे समय में बंकिम चटर्जी ने भी अहम भूमिका निभाई और अपने गीत और लेखकों से सभी का उत्साह बढ़ाने लगे। बंकिम चटर्जी की रचनाओं को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सराहा गया। इनकी ज्यादातर रचनाएं बंगाली और संस्कृत में थी जिसके बाद इन्हे कई अलग अलग भाषाओं में भी अनुवाद किया गया और इस पर अभी तक कई फिल्में भी आ चुकी है।
 
27 जून 2021 को बंकिम चंद्र चटर्जी की 183वीं जयंती मनायी जायेगी और उनके योगदान के लिए उन्हें याद किया जायेगा। इन्होने कई उपन्यास और कविताएं लिखी। अपने लेखों के द्वारा लोगों को जगाने का भी काम किया। इनके लेख को पढ़ने के बाद लोगों के मन में राष्ट्र प्रेम जाग उठता था। यही वजह रही कि इनके लेखों को अलग अलग भाषाओं में ट्रांसलेट किया जाने लगा जिससे यह और लोगों तक पहुंच सके। बंकिम चटर्जी के परिवार पर नजर डालें तो उनकी पहली शादी मात्र 11 वर्ष की आयु में हो गयी थी जिसके करीब 12 साल बाद उनकी पत्नी का देहांत हो गया बाद में उन्होंने दूसरा विवाह किया जिससे उन्हे तीन बेटियां हुई। 8 अप्रैल 1894 में उनका निधन हो गया। भारत सरकार की तरफ से 1969 में उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किया गया था।
 
बंकिम चंद्र चटर्जी के प्रमुख उपन्यास-
1. दुर्गेशनन्दिनी
 2. कपालकुण्डला
3. मृणालिनी
4. बिषबृक्ष 
5. इन्दिरा
6. युगलांगुरीय 
7. चंद्रशेखर 
8. राधारानी
9. रजनी
10. राजसिंह
11. आनन्दमठ
12. देबी चौधुरानी
 
 
 

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