UNSC में भारत ने पाक व चीन को आतंकवाद पर घेरा

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा भारत सहित तमाम देशों के लिए खतरा है और तालिबान आतंकवाद का एक नया अड्डा बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात का जिक्र पूरे विश्व के सामने किया और कहा कि तालिबान के बढ़ते कदम पूरे विश्व की शांति को भंग कर सकते है। तालिबान के समर्थन को लेकर पाकिस्तान को भी खरी खोटी सुनाई और कहा कि इस तरह खुले आम तालिबान का समर्थन करने वालों से बचना होगा।  
 
चीन भी आतंकवाद का समर्थक है और यह बात मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के दौरान देखने को मिली थी जब चीन इसमें रोड़ा बना था। तालिबान का समर्थन पाकिस्तान से पहले चीन भी कर चुका है जो भारत के लिए एक बुरा संदेश है। चीन तालिबान के साथ मिलकर भारत पर बुरी नजर बना सकता है और इसी को भांपते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की भी आतंकवादी रणनीति दुनिया के सामने उजागर कर दी। भारत की तरफ से सभी देशों से अपील की गयी कि वह आतंक के खिलाफ एक जुट होकर कार्रवाई करें। 
भारत के अलावा भी कई देशों ने आतंकवाद के खिलाफ अपना पक्ष रखा और कहा आतंकवाद से निपटने में एकजुटता की कसम खाई। रूस की तरफ से बयान दिया गया कि वह अफगानिस्तान की घटना से दुखी है लेकिन वह आतंक का विरोध करने वालों के साथ है और हर जरूरी मदद के लिए तैयार है। ब्रिटेन की तरफ से कहा गया कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि कही पाकिस्तान की तरह अफगानिस्तान भी आतंकियों का नया ठिकाना ना बन जाए। चीन की तरफ से कहा गया कि आतंकवाद अच्छा और बुरा नहीं होता है इसलिए सभी को आतंकवाद का विरोध करना चाहिए लेकिन उसके लिए किसी देश को अकेले जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि हम आतंकवाद को किसी जाति, धर्म या मजहब से जोड़कर नहीं देखते है। आतंकवाद मानव जाति के लिए एक अभिशाप है और इसे जल्द से जल्द खत्म करना होगा। दुनिया में तेजी से बढ़ता आतंकवाद सभी के लिए खतरा है और इस लगाम लगाना जरूरी है। एस जयशंकर ने आईएसआईएस (ISIS) का जिक्र करते हुए चिंता व्यक्त की और कहा कि अब यह आतंकवादी संगठन हत्याओं के बदले बिटकॉइन लेने लगा है जिससे यह साफ है कि इनके पास ही लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और कैरेंसी से खुद को अपडेट कर रहे है। 

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