क्रिकेट मैदान से राजनीति के मैदान में पहुंचे पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की ग्रह दशा पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रही है उन्होंने जब से बीजेपी छोड़ा तब से उन्हें शांति नहीं मिली है। वह लगातार परेशान है और कुछ पाने की कोशिश में है लेकिन वह क्या पाना चाहते है यह शायद उनको भी नहीं पता है। हालांकि यह सभी को साफ दिख रहा है कि सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और यही वजह है कि पंजाब कांग्रेस में भी उठापठक तेज हो गयी है।
सिद्धू ने एक कार्यक्रम में इस पर खुलकर बयानबाजी कर दी और कहा कि वह सिर्फ दिखावे का घोड़ा नहीं बनना चाहते है उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है तो उन्हें सभी फैसले लेने की आजादी भी मिलनी चाहिए और अगर किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वह उसकी ईंट से ईंट बजा देंगे। सिद्धू का यह तेवर पार्टी के कुछ नेता नहीं पचा पा रहे है उनका कहना है कि किसी पद की लालसा में दौड़ रहे सिद्धू को अब और क्या चाहिए।
देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव आने वाले है जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी अभी से तैयारी कर रही है और इसके लिए वह अलग अलग राज्यों में सभी दलों से मुलाकात कर फिर से महागठबंधन बनाने की तैयारी कर रही है जबकि सिद्धू की वजह से पार्टी को अपने ही नेताओं के बीच में दो फाल दिख रही है। कांग्रेस पिछले काफी समय से सत्ता से दूर रही है और अभी भी उसे सत्ता हासिल होने का कोई लक्षण नहीं दिख रहा है इसलिए ही वह बाकी दलों से सहयोग ले रही है। ऐसे में ही दो फाल होना पार्टी के लिए एक और बड़ी मुसीबत पैदा कर देगा। पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है लेकिन इन सभी राज्यों में कांग्रेस के अंदर ही आपसी सहमति नहीं है। यहां पर भी दो दल बने हुए है जो समय समय पर एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते है।
सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली के बयानों के बाद से एक बार फिर से बवाल मचा हुआ था जिसके बाद माली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया हालांकि उन्होंने एक पत्र के माध्यम से यह आरोप लगाया है कि अगर उन्हें किसी भी तरह की हानि होती है तो उसके लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह जिम्मेदार होंगे। माली ने कांग्रेस के कुछ नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे खिलाफ कैंपेन चलाया गया और उन्हें उनके पद से हटवाया गया लेकिन उन्हें अब इस बात का डर है कि उनकी जान को भी खतरा हो सकता है।
दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू ने मलविंदर सिंह माली और प्यारेलाल गर्ग को अपना सलाहकार नियुक्त किया था लेकिन माली के कश्मीर, पाकिस्तान और इंदिरा गांधी पर दिये बयानों के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी और सिद्धू पर यह दबाव बनाया जाने लगा कि वह अपने सलाहकार को तुरंत से पद से हटा दें। सिद्धू के सलाहकार माली ने सोशल मीडिया पर अमरिंदर सिंह को ‘अली बाबा’ और उनके सहयोगियों को ‘चालीस चोर’ बताया था।