महंत नरेंद्र गिरी की हत्या या आत्महत्या?

महंत नरेंद्र गिरी की मौत ने सभी को चौंका दिया है लेकिन उससे भी चिंता की बात यह है कि उन्होंने आत्महत्या क्यों की? और अगर यह आत्महत्या नहीं है तो फिर किस ने उनकी हत्या की। हालांकि प्राथमिक कार्रवाई में महंत के ही चेले आनंद गिरी का नाम सामने आ रहा है और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया है लेकिन यह सब कुछ अभी मात्र एक आकलन है जबकि सच्चाई अभी किसी के पास नहीं है। जानकारी के मुताबिक आनंद गिरी से महंत नरेंद्र गिरी परेशान चल रहे थे और इन्हीं कारणों की वजह से उन्होंने आत्महत्या की है। 
 
निरंजनी अखाड़े के महंत नरेंद्र गिरी का शव पंखे से लटकता हुआ मिला है। उन्होंने 17 पेज का एक सुसाइड नोट भी लिखा है जो पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है और उसे एक बड़े सबूत के तौर पर देख रही है। सुसाइड नोट काफी बड़ा है जिससे यह उम्मीद लगाई जा रही है कि उसमें और भी कई खुलासे किये गये होंगे। महंत के पास से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें आनंद गिरी सहित कुछ लोगों का नाम लिखा गया है जिसके बाद पुलिस ने आनंद गिरी को उत्तराखंड से हिरासत में लिया गया है। 
 
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद 13 अखाड़ों का एक संगठन है और महंत नरेंद्र गिरि इस संगठन के अध्यक्ष थे। इस बड़े पद पर होने की वजह से उनका संबंध सभी 13 अखाड़ों के महंतों से था इसलिए सभी साधु समाज उनकी मौत का कारण जानना चाहता है। महंत नरेंद्र गिरी और आनंद गिरि के बीच काफी समय से विवाद चल रहा था। नरेंद्र गिरी ने आरोप लगाया था कि आनंद गिरी ने संन्यास तो ले लिया है लेकिन उनके पारिवारिक संबंध अभी है जो अखाड़ा परंपरा का उल्लंघन है जबकि आनंद गिरी ने महंत पर जमीन की सौदेबाजी का आरोप लगाया था यह विवाद काफी बढ़ा और आनंद गिरी को अखाड़े से निकाल दिया गया था लेकिन बाद में आनंद गिरी ने सार्वजनिक रूप से महंत का पैर पकड़कर माफी मांगी थी जिसके बाद से यह समझा जा रहा था कि यह विवाद अब पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। 
महंत के निधन के बाद वहां लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महंत के अंतिम दर्शन किए और इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच का भी भरोसा दिलाया। पुलिस की तरफ यह पहली नजर में आत्महत्या का मामला लगता है हालांकि उन्हें किसी के द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाया गया है इससे भी नकारा नहीं जा सकता है। 

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