आखिर जम्मू-कश्मीर में क्यों बढ़ रहा आतंकी हमला ?

जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं और आतंकी अब हिन्दूओं को अपना निशाना बना रहे है। पिछले 4 दिनों में अलग अलग घटनाओं को अंजाम दिया जिसमें अब तक कुल 5 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को एक विद्यालय पर हमला किया जिसमें स्कूल के प्रधानाचार्य और एक शिक्षक की मौत हो गयी। श्रीनगर के गवर्मेंट ब्यॉज हॉयर सेकेंड्री स्कूल के अंदर घुसकर आतंकियों ने फायरिंग की जिसमें एक प्रधानाचार्य सुखविंदर कौर की मौत हो गयी जबकि एक शिक्षक दीपक चंद की भी मौत हुई है। इस घटना के बाद से घाटी के सभी स्कूल और कालेज डर के साए में आ गये हैं और उन्हें भी अपनी चिंता होने लगी है। 
जम्मू कश्मीर पुलिस की तरफ से घटना की जानकारी दी गयी और बताया गया कि आतंकी बेगुनाहों पर हमला कर घाटी में दशहत फैलाना चाहते है जिससे घाटी में दहशत फैली रहे और लोग विकास की तरफ ध्यान ना दे सके। आतंकी संगठनों को इस बात का डर है कि अगर घाटी में सब कुछ सामान्य हो गया तो लोग नौकरी और रोजगार की तरफ अग्रसर हो जाएगें ऐसे में आतंकी अपने मनसूबों को कामयाब नहीं कर पाएंगे। घाटी के युवा अगर शिक्षित और रोजगार की तरफ चले गये तो फिर पत्थर मारने के लिए कोई नहीं मिलेगा। आतंकी संगठनों को आतंकी नहीं मिलेंगे इसलिए सिविलियन को मार कर घाटी में डर पैदा किया जा रहा है। 
 
घाटी में हमला कर आतंकी हिन्दूओं और मुसलमानों के बीच दूरी पैदा करना चाहते हैं क्योंकि अगर घाटी में भाई चारा बढ़ा तो आतंकी अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हो पाएंगे। इससे पहले आतंकियों ने मंगलवार को भी घाटी में तांडव मचाया था और अलग अलग स्थानों पर 3 लोगों की हत्या कर दी थी। आतंकियों ने बिंदरू दवाखाना के कारोबारी माखनलाल बिंदरू की गोली मार कर हत्या कर दी थी। माखनलाल बिंदरू कश्मीरी पंडित थे और समय समय पर चरमपंथियों के खिलाफ आवाज उठाते रहते थे। श्रीनगर के लाल बाजार में आतंकियों ने अब्दुल माजिद गुरु और मुहम्मद शफी डार को गोली मार दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी। श्रीनगर के बांदीपोरा में सूमो ड्राइवर एसोसिएशन के अध्यक्ष की गोली मार कर उस समय हत्या कर दी गयी जब वह अपने किसी रिश्तेदार के यहां से लौट रहे थे। 

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