इंटरनेट ने बनाया हमारे दैनिक जीवन को सुगम

माना जा रहा है कि विश्व में उपलब्ध लगभग 95% जानकारियां डिजिटल रूप में परिवर्तित कर इंटरनेट के माध्यम से जन सामान्य के लिए उपलब्ध करा दी गई हैं। इंटरनेट ने संचार विधा में संपूर्ण परिवर्तन ला दिया है, ज्ञान की उपलब्धता सुनिश्चित की है और सामाजिक स्तर पर पारस्परिक संवाद को न केवल बढ़ावा दिया है बल्कि हमारे दैनिक जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। हालांकि विश्व में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए परिवर्तनों से जीवन में आए बदलावों की ही तरह समाज में इंटरनेट के कारण भी अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं।

जिस प्रकार औद्योगिक युग में बिजली के इंजन ने हमारे जीवन को बदल दिया था, उसी प्रकार सूचना एवं प्रौद्योगिकी के युग में इंटरनेट एक मार्गदर्शक प्रौद्योगिकी के रूप में हमारे दैनिक जीवन को अत्यंत सुगम और सरल बना दिया है। इंटरनेट परस्पर जुड़े हुए नेटवर्क का एक वैश्विक नेटवर्क है, जो मुख्यतया बिना पारस्परिक संवाद के ही संचार करने का जरिया बन गया है। यद्यपि इंटरनेट की सर्वप्रथम शुरुआत वर्ष 1969 में ही हो गई थी परंतु जनसाधारण में इसकी उपलब्धता वर्ष 1990 के दशक में हो पाई।

प्रत्येक वर्ष 29 अक्टूबर को दुनिया भर में विश्व इंटरनेट दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर समाज में इंटरनेट के उपयोग से होने वाले फायदों और इसके दुरुपयोग से होने वाले नुकसान के प्रति सजग कराने का प्रचार प्रसार किया जाता है।

आज दुनिया में लगभग 7 बिलियन लोग इंटरनेट प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर रहे हैं। हालांकि 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में सुरक्षा कारणों से इसके प्रयोग को सीमित रखा गया है। इस तरह कहा जा सकता है कि वर्तमान दौर में विश्व की संपूर्ण मानवता इंटरनेट से जुड़ गई है। हालांकि अलग-अलग देशों में उपलब्ध इंटरनेट की क्षमता, कार्यकुशलता और उसके संचालन पर होने वाले व्यय में भिन्नता है।

इंटरनेट बन रहा क्रांति का जरिया

माना जा रहा है कि विश्व में उपलब्ध लगभग 95% जानकारियां डिजिटल रूप में परिवर्तित कर इंटरनेट के माध्यम से जन सामान्य के लिए उपलब्ध करा दी गई हैं। इंटरनेट ने संचार विधा में संपूर्ण परिवर्तन ला दिया है, ज्ञान की उपलब्धता सुनिश्चित की है और सामाजिक स्तर पर पारस्परिक संवाद को न केवल बढ़ावा दिया है बल्कि हमारे दैनिक जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। हालांकि विश्व में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए परिवर्तनों से जीवन में आए बदलावों की ही तरह समाज में इंटरनेट के कारण भी अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं।

इंटरनेट ने हमारे रोजमर्रा जीवन में जिन क्षेत्रों को सुगम बनाया है। उनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं-

विश्व के किसी भी भाग में ईमेल और तत्काल संदेशवाहक सुविधाओं का प्रयोग करते हुए यह एक प्रभावी संचार माध्यम बन गया है।

इंटरनेट के माध्यम से व्यापार के क्षेत्र में वस्तुओं की मांग-आपूर्ति, उसके आयात-निर्यात के संदर्भ में सम्पर्क करने और पैसों की तत्काल आदान प्रदान प्रक्रिया को बेहतर बनाया है। जिससे अनावश्यक समय बर्बाद होने से बचाव हुआ है।

इंटरनेट ने ऑनलाइन बैंकिंग और शॉपिंग यानी खरीददारी की प्रक्रिया को सुगम बनाकर दैनिक जीवन की जटिलता को कम किया है।

आप बिना टीवी अथवा समाचार पत्र पर निर्भर हुए विश्व के किसी भी भाग से ताजा खबरें प्राप्त कर सकते हैं।

आज विश्व भर के पुस्तकालयों से असंख्य पुस्तकें और जर्नल्स ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इंटरनेट ने वांछित शिक्षा सामग्री को उपलब्ध कराकर शिक्षा जगत को अत्यंत सुगम बना दिया है। इससे शोध कार्य आसान हो गए हैं।

आज छात्रों के समक्ष इंटरनेट ने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से जुड़ने का विकल्प दे दिया है। विगत 2 वर्षों के दौरान कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण विश्व के शत प्रतिशत देशों में प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा के लिए ऑनलाइन क्लासेस का प्रावधान इंटरनेट के माध्यम से ही संभव हुआ है। यहां तक कि विद्यालयों, विश्वविद्यालयों और प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा स्तर की परीक्षाएं भी ऑनलाइन आयोजित की जा रही हैं।

देश विदेश के सभी क्षेत्रों में रोजगार के विज्ञापन ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इंटरनेट के माध्यम से  किसी भी पद के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था उपलब्ध है।

विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, चिकित्सा जगत या शिक्षा के किसी भी क्षेत्र के शोधकर्ता विश्व के किसी भी भाग में मौजूद शोध केंद्रों के वैज्ञानिकों शोधकर्ताओं से तत्काल सूचनाओं और सामग्रियों का ऑनलाइन आदान-प्रदान कर सकते हैं।

सम्मेलन, सेमिनार, संगोष्ठियां तथा तरह-तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं के ऑनलाइन आयोजन से न केवल आयोजन व्यवस्था पर होने वाले व्यय को कम किया जा सका है। इससे लोगों का समय बचा है और उनके द्वारा अनावश्यक यात्रा किए जाने पर भी लगाम लगी है।

आज सुदूर गांव में भी बैठे व्यक्तियों को हवाई, रेल अथवा सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए टिकट खरीदने के लिए रेलवे स्टेशनों, महानगरों अथवा जिला मुख्यालयों में स्थित टिकट खिड़कियों पर जाने की आवश्यकता नहीं। इंटरनेट के माध्यम से कहीं भी किसी भी माध्यम से यात्रा करने के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदे जा सकते हैं।

छोटी-मोटी बीमारियों की स्थिति में अपने चिकित्सक से इंटरनेट के माध्यम से जुड़कर, संदेश भेज कर, वीडियो कॉलिंग करके उनसे दवाई लेने की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यहां तक कि गंभीर स्थितियों में भी देश-विदेश के नामी-गिरामी अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह भी तत्काल प्राप्त की जा सकती है।

एक समय था जब हम साधारण एवं रजिस्टर्ड पत्रों, यहां तक कि शादी-विवाह या किसी अन्य मांगलिक कार्यों के लिए निमंत्रण पत्र को भेजने के लिए पोस्ट ऑफिस का चक्कर लगाते थे। आज आप न केवल संदेश बल्कि किसी भी सामग्री को इंटरनेट के माध्यम से विश्व के किसी भी भाग में तत्काल भेज सकते हैं।

इंटरनेट के माध्यम से बड़ी संख्या में सामग्रियां प्रिंटेड रूप के स्थान पर सॉफ्ट कॉपी रूप में प्रेषित की जा रही हैं, जिससे पूरे विश्व में कागज का प्रयोग कम हुआ है। जाहिर है कागज निर्माण के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई में भी कमी आई है, अर्थात हमारे परिवेश को संरक्षित करने में भी इंटरनेट की एक महत्वपूर्ण भूमिका पाई गई है।

टेलीकम्युनिकेशन अर्थात रेडियो और टेलीविजन के क्षेत्र में भी इंटरनेट ने क्रांति पैदा की है।

विश्व के किसी भी कोने में हो रही किसी भी प्रिय-अप्रिय घटना की तत्काल जानकारी चित्रों/वीडियो सहित इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न चैनलों को तत्काल उपलब्ध कराई जा रही है।

आज विश्व के अनेक प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अपने समाचार पत्रों/पत्रिकाओं/जर्नल्स को ऑनलाइन उपलब्ध करा रहे हैं। इंटरनेट के माध्यम से वांछित स्रोत से अपने काम की जानकारी तत्काल प्राप्त करना संभव एवं सुगम हुआ है।

कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान लगभग सभी देशों की सरकारों के स्वास्थ्य, समाज कल्याण जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की वेबसाइट पर उसकी ताजा स्थिति, बचने के उपायों, सावधानियों और सरकारी दिशानिर्देशों का प्रसार इंटरनेट के माध्यम से ही संभव हुआ है।

इंटरनेट से उत्पन्न हुई समाज में बुराई

हालांकि इंटरनेट के दुष्प्रयोग से समाज में तरह-तरह की बुराइयां भी उत्पन्न हुई हैं, जिनमें विभिन्न आयु वर्ग के बच्चे, युवा और बुजुर्ग सम्मिलित हैं। उनमें इंटरनेट सर्फिंग की लत बढ़ गई है, जिससे तरह-तरह की शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं। इन स्थितियों से बचने के लिए इंटरनेट का प्रयोग आवश्यकतानुसार करना उपयुक्त होगा। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान इंटरनेट ने समाज की संपूर्ण चुनौतियों का सामना करते हुए हर वर्ग को जरूरी सूचनाएं प्रदान की हैं। यद्यपि कोविड-19 के संबंध में बड़ी मात्रा में भ्रामक और गैर प्रामाणिक सूचनाओं का भी प्रसार ट्विटर, व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे सशक्त संचार एवं सोशल मीडिया के माध्यम से इंटरनेट द्वारा किया गया है, जिससे समाज को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हुआ है।

इंटरनेट बन सकता है सशक्त माध्यम

आज इंटरनेट की सुविधा विश्व की लगभग आधी आबादी को ही उपलब्ध है, जिसे और बढ़ाए जाने की नितांत आवश्यकता है। भारत सहित विश्व के लगभग सभी देशों में संचारी, असंचारी तथा जीवन शैली से जुड़े रोगों जैसे कि मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर आदि स्वास्थ्य समस्याओं की उच्च व्यापकता है। धूम्रपान, मद्यपान, मादक द्रव्यों एवं नशीली दवाइयों के व्यसन के चलते लाखों लोग न केवल मौत का शिकार हो रहे हैं बल्कि घर-परिवार और देश पर उनके इलाज पर होने वाले व्यय का आर्थिक भार पड़ रहा है। इंटरनेट ही एक ऐसा सशक्त माध्यम है, जिसके द्वारा इन सब स्वास्थ्य स्थितियों के कारणों, लक्षणों एवं बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।

इंटरनेट ने पहुंचाई है पूर्व सूचना

यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कृषि से संबंधित आधुनिक बीजों, यंत्रों और उपकरणों के विषय में ताजा जानकारी इंटरनेट के माध्यम से ही पहुंचाई जा रही है, जिससे एक बड़ा कृषक वर्ग लाभान्वित हो रहा है। आज विश्व के लगभग सभी देशों में जिसमें भारत भी शामिल है, भूत प्रेत, जादू टोना जैसी अवैज्ञानिक भ्रांतियां व्याप्त हैं। समाज को इन भ्रांतियों से छुटकारा दिलाने में इंटरनेट के माध्यम से जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। देश के किसानों और व्यापारियों को अनाज सहित अन्य महत्वपूर्ण सामग्रियों के ताजा भाव इंटरनेट के माध्यम से ही उपलब्ध हो रहे हैं। सरकारी एजेंसियों द्वारा मौसम से संबंधित तापमान, बरसात अथवा तूफान के पूर्वानुमान से संबंधित जानकारियां शहरी और एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों के लिए उपयोगी साबित हो रही हैं। आज भयंकर तूफान या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए लोगों को इंटरनेट के माध्यम से पूर्व सूचना पहुंचा कर उन्हें सुरक्षित बचाना संभव हुआ है।

इस प्रकार हम पाते हैं कि इंटरनेट आज हमारे दैनिक जीवन का एक अहम हिस्सा हो गया है। सरकार से अपेक्षा है कि देश में इंटरनेट सुविधा और सस्ती बनाई जाए और देश के सुदूर क्षेत्रों में इस सुविधा का विस्तार किया जाए, जिससे देश की एक बहुत बड़ी आबादी को इंटरनेट से मिलने वाले इन सभी सुविधाओं का भरपूर लाभ मिल सके।

 

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