1990 की याद ताजा, आतंकी घटनाओ के बाद फिर कश्मीर से पलायन शुरु

 

जम्मू कश्मीर में 1990 जैसे हालात फिर से पैदा होने लगे है और यहां से पलायन भी शुरु हो चुका है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में अचानक से बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है और बाहरी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। सेना की तरफ से आतंकियों का खात्मा किया जा रहा है लेकिन पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के पास आतंकवादियों की फैक्ट्री है जो कभी खत्म नहीं हो सकती है। पुंछ में पिछले सोमवार से ही सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। सुरनकोट के जंगलों में सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है। जंगल बहुत ही घना है इसलिए सेना को सर्च ऑपरेशन में परेशानी हो रही है जबकि पहले से घात लगाए बैठे आतंकी सेना पर आसानी से फायरिंग कर पा रहे हैं। इस ऑपरेशन में सेना के 9 जवान शहीद हो चुके है। 
 
कश्मीर के कुलगाम में रविवार को 2 और गैर कश्मीरियों की हत्या कर दी गयी इसके साथ ही करीब दो सप्ताह में 5 गैर कश्मीरियों की हत्या की जा चुकी है। रविवार को जिन दो लोगों की हत्या की गयी वह उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और घाटी में अपना खुद का व्यवसाय करते थे। आतंकी गैर कश्मीरी को अपना निशाना बना रहे है और उनकी हत्या कर रहे है। इन हत्याओं के पीछे का मकसद घाटी में डर फैलाना है जिससे बाहरी लोगों का आना जाना कम हो और व्यावसायिक दृष्टि से घाटी में कोई सुधार ना हो। आतंकी और घाटी के कुछ नेता अभी भी घाटी को देश से अलग रखना चाहते है। घाटी के बिगड़ते हालात को  देखते हुए केंद्र ने स्पेशल ऑपरेशन टीम को कश्मीर के लिए रवाना कर दिया है इसके साथ ही सेना प्रमुख एमएम नरवणे भी घाटी पहुंच चुके हैं। सेना प्रमुख ने हेलीकॉप्टर से इलाके का जायजा लिया। नरवणे अगले दो दिनों तक सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। 9 जवानों के शहीद होने के बाद सेना प्रमुख का यह पहला दौरा है। अपने दो दिनों के दौरे पर सेना प्रमुख घाटी के अलग अलग इलाकों का जायजा लेंगे और सेना प्रमुख अधिकारियों से बात करेंगे।   
1990 के बाद एक बार फिर से घाटी में पलायन शुरु हुआ है। 1990 में कश्मीरी पंडितों को रातो रात घर छोड़ना पड़ा था। सरकारी आकड़ों के मुताबिक 1989 से 2004 तक 219 कश्मीरी पंडितों की हत्या की गयी थी जबकि आतंकी घटनाओं के बाद करीब 60 हजार परिवारों ने घाटी छोड़ दिया था। इस समय घाटी के लोगों में एक डर पैदा हो रहा है जिससे वह घाटी छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे है। कश्मीर से मजदूरों का पलायन तेजी से शुरु हो रहा है क्योंकि उनकी सुरक्षा पुलिस और सेना नहीं कर पा रही है। आतंकी घटनाओं के बाद कश्मीर से पलायन हो रहा है और अधिकतर लोग जम्मू लौट रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अनंतनाग, पुलवामा और बडगाम से करीब 500 से अधिक लोगों ने पलायन शुरु कर दिया है।  
  
2019 में घाटी से धारा 370 हटाने के बाद से वहां हालात सुधरने शुरु हुए थे और सरकार ने भी संसद में इस बात की जानकारी दी थी कि 370 हटने के बाद से घाटी में लोगों की वापसी बढ़ी है और कश्मीर अब एक बड़ा पर्यटन स्थल बनने वाला है लेकिन कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं ने पूरे देश को फिर से चिंता में डाल दिया है। मंगलवार को पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस मामले पर बैठक की। इस बैठक में पीएम और अमित शाह के साथ साथ कई क्षेत्रों के अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में पीएम मोदी को घाटी के हालात के बारे में जानकारी दी गयी और भविष्य में उठाए जाने वाले कदम के बारे में भी बताया गया। हालांकि सरकार की तरफ से और क्या कदम उठाए जाने वाले है इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है लेकिन यह अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है सरकार हर हाल में पलायन को रोकने का काम करेगी। 

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