भाजपा राज्यसभा में हुई 101, तोड़ा 1988 का रिकॉर्ड

देश के अधिकतर चुनाव में बीजेपी को जीत हासिल हो रही है जिससे ना सिर्फ वह अधिकतर राज्यों में सत्ता संभाल रही है बल्कि लोकसभा व राज्यसभा में भी उसका प्रभाव बढ़ता जा रहा है। राज्य सभा में तो बीजेपी ने 1988 का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया और 100 का आंकड़ा पार कर लिया। राज्य सभा में बीजेपी सांसदों की संख्या 101 हो चुकी है और यह उपलब्धि हासिल करने वाली भाजपा 1988 के बाद पहली पार्टी बन गयी है। गुरुवार को हुए चुनाव में भाजपा को 13 में से 4 सीटों पर जीत हासिल हुई, बीजेपी की सहयोगी पार्टी ने भी असम से एक सीट पर जीत हासिल किया इसके साथ ही उसके खाते में असम, त्रिपुरा और नागालैंड से 4 सीटें आ गयी। जिससे अब राज्यसभा में बीजेपी के कुल सदस्यों की संख्या 101 हो गयी। 

भाजपा उम्मीदवार एस फांगनोन कोन्याक को नागालैंड की एक सीट के लिए निर्विरोध चुना गया। इसके साथ ही वह नागालैंड से राज्यसभा पहुंचने वाली पहली महिला सांसद बनी। इस चुनाव परिणाम के साथ ही विपक्ष के लिए एक और मुसीबत हो गयी कि उनका राष्ट्रपति चुनाव में दल कमजोर होगा क्योंकि उनके पास बहुमत नहीं बचा है। असम में दो सीटों पर चुनाव हुए थे बीजेपी ने दोनों सीटें अपने खाते में कर ली है। असम में रिपुन बोरा और रानी नारा का कार्यकाल 2 अप्रैल 2022 को समाप्त हो रहा है इसलिए उससे पहले चुनाव हुआ जिसमें बीजेपी को बड़ी जीत हासिल हुई है।

असम की दोनों सीटें बीजेपी के खाते में जाने के बाद कांग्रेस ने अपने विधायक को निलंबित कर दिया और कहा कि आप ने सिर्फ वोट बर्बाद किया है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया कि विधायक ने बैलेट पेपर पर ‘1’ (एक) की जगह ‘वन’ लिख दिया था। इसलिए उनका वोट रद्द कर दिया गया। कांग्रेस ने अपने विधायक सिद्दीकी अहमद पर विप उल्लंघन करने कर जानबूझ कर प्रक्रिया का पालन करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस पार्टी की एक बाद एक हार यह बताती है कि जनता अब पार्टी से दूर हो चुकी है साथ ही पार्टी के खुद के लोग अब किसी बेहतर विकल्प की तलाश में हैं और जिसे मिल रहा है वह कांग्रेस से दूरी बना ले रहा है। पार्टी में दूरी की खबर तो सभी को है लेकिन उसकी एक वजह यह भी है कि पार्टी में प्लानिंग की कमी है इसलिए सभी एक दूसरे से दूर होते जा रहे हैं और मनभेद भी बढ़ता जा रहा है। राज्यसभा में सीटें गंवाने के बाद अब राष्ट्रपति भी कांग्रेस के मन मुताबिक नहीं हो पाएगा। ऐसे में यह नजर आ रहा है कि कांग्रेस सभी तरफ से कमजोर होती नजर आ रही है।

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