गर्मी से बेहाल न हों नौनिहाल

गर्मियों का मौसम चल रहा है, घर से बाहर झुलसानेवाली धूप तप रही है, बच्चो की गर्मी की छुटियां भी शुरू हो गई हैं। हर माता पिता बच्चों के प्रति जागरुक रहते हैं, उनकी देखभाल भी करते हैं, परंतु इतनी सर्तकता के बावजूद, बच्चों को गर्मी में होनेवाली बीमारियां घेर ही लेती हैं। कई बार तो अपनी लापरवाही के चलते, बड़े भी इनकी चपेट में आ जाते हैं, इसलिए इस मौसम में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।

आइए… देखें क्या हैं वे सावधानियां जो आपको बीमारियों  दूर से रखने में सहायक होती हैं-

1) डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)

हमारी आदत होती है कि जब हमें प्यास लगती है, हम तभी पानी पीते हैं। नतीजा शरीर में पानी की कमी हो जाती है।

लक्षण – जब गला और मुंह सूखने लगे तो समझ जाएं यह संकेत है कि शरीर में पानी की कमी हो गई है। बार बार एसिडिटी होना, त्वचा का रुखा होना, घबराहट होना, बेवजह की सुस्ती, सिरदर्द और धड़कनों का तेज होना भी  पानी कमी के लक्षण हैं।

उपाय – उपरोक्त समस्याएं सही मात्रा में पानी पीने से अपने आप दूर हो जाती हैं। परंतु अगर न हो तो डॉक्टर की सलाह लें। चाय, कॉफी, शराब का सेवन कम करें। ओ.आर.एस. का घोल, नींबू पानी, नारियल पानी पीते रहें। घर से बाहर निकलते समय साथ में पानी की बोतल अवश्य रखें।

2) लू लगाना

अभिभावक कितनी भी सावधानी बरतें उनका ध्यान हटते ही बच्चे अक्सर धूप में खेलने चले जाते हैं। और उन्हें लू लग जाती है। बड़ों में भी यह समस्या हो सकती है।

लक्षण – सिरदर्द होना, चक्कर आना, बदनदर्द होना, शरीर का तापमान बढ़ना, और कभी-कभी वमन भी हो सकता है।

उपाय – फीके रंग के ढीले-ढाले और सूती वस्त्र पहनें, ताकि हवा का प्रवाह बना रहे। धूप में निकलने पर छाता, टोपी तथा गॉगल का प्रयोग करें। दोपहर 11 से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें, घर में बनाई लस्सी, छाछ, नींबू पानी व आम पना का सेवन करें।

3) डायरिया

शरीर में पानी की कमी और दूषित खानपान से उल्टी व दस्त होने लगते हैं। इससे शरीर में कमजोरी हो जाती है।

लक्षण – इसमें उल्टी, दस्त, जी मिचलाना, पेटदर्द, तेज ठंड लगना जैसे लक्षण  होते हैं। कमजोरी और थकावट महसूस होती है।

उपाय – बासी खाना ना खाएं। सहज सुपाच्य सादा भोजन लें। तैलीय, गरिष्ठ, तीखा, तेज मसालेवाला भोजन ना करें। खाने से पहले और बाद में साबुन या हैंडवॉश से हाथ धोएं। गर्मियों में मांस में बहुत जल्दी बैक्टेरीया पनपते हैं। इसलिए मांसाहार कम करें।

4) मूत्रमार्ग में संक्रमण (यूरीन इंफेक्शन)

गर्मियों में पानी कम पीने से शरीर में पानी का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे पेशाब में जलन जैसी समस्या हो जाती है। अधिक समय तक यह समस्या रहने पर मूत्र मार्ग का संक्रमण भी हो सकता है।

लक्षण  – पेशाब करते समय जलना या दर्द होना। पेशाब से गंध आना। बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना।

उपाय – जननांगों की स्वच्छता बनाएं रखें, पानी अधिक पीएं, नींबू-संतरे जैसे खट्टे फल अवश्य खाएं। ये यूरीन इंफेक्शन से बचाते हैं। फलों का रस और नारियल पानी पिएं। यदि 1-2 दिन में आराम ना मिले तो डॉक्टर की सलाह लें।

5) त्वचा की बीमारियां

तेज धूप में निकलने पर कई बार त्वचा पर रैशेज आ जाते हैं। जिनमें जलन होती है। गर्मियों में पसीना बहुत आता है, जिनमें बैक्टीरिया पनपते हैं। यह पसीना त्वचा पर जम जाता है और घमौंरियों का रूप ले लेता है।

लक्षण – त्वचा का लाल पड़ जाना, लाल लाल दाने निकल आना, खुजली और जलन का होना।

उपाय – सूती हल्के और हवादार कपड़े पहनें, सुबह शाम 2 बार नहाएं, नहाने के उपरांत घमौरीनाशक पावडर लगाएं, इससे घमौरियों से होनेवाली जलन, खुजली और रैशेज में आराम मिलता है। ठंडक पहुंचती है। नहाने के बाद यह पावडर लगाने से घमौरियां नहीं होती हैं।

 

 

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