उद्यान सम्राट ही नहीं, कार्यसम्राट भी

सांसद गोपाल शेट्टी मात्र ‘उद्यान सम्राट’ ही नहीं, वास्तव में ‘कार्य सम्राट’ भी हैं। कोई जनहितकारी कार्य आरंभ करना और उसे पूरा करने तक परिश्रमपूर्वक पीछा करना उनकी विशेषता है। समाज के हर तबके और युवकों के लिए भी उनके कार्य मिसाल बन गए हैं।

किसी भी कार्यकर्ता या राजनीतिक नेता की पहचान उसके कार्य से विकसित होती है। राजनीतिक क्षेत्र में तो ऐसी पहचान काफी महत्वपूर्ण होती है। लेकिन इस तरह की पहचान बनाने के लिए सस्ती लोकप्रियता के पीछे लगने की अपेक्षा ठोस और सकारात्मक काम कर अपनी पहचान बनाने वाले बिरले ही होते हैं। सांसद गोपाल शेट्टी एक ऐसे ही व्यक्ति हैं।

पिछले दो दशकों से राजनीतिक क्षेत्र में गोपाल शेट्टी कार्यरत हैं और पार्षद से सांसद बनने के बाद उनके कार्य के आयाम विस्तारित हुए हैं। बोरिवली क्षेत्र में ‘उद्यान सम्राट’ के रूप में उनकी ख्याति है। बोरिवली पूर्व व पश्चिम में अनेक खेल के मैदान, उद्यान विकसित कर उन्होंने उन्हें महापुरुषों के नाम दिए हैं। विभिन्न स्थानों पर डायलेसिस सेंटर आरंभ कर रुग्णों को न्यूनतम मूल्य पर डायलेसिस सेवा उपलब्ध कराई गई है।

गोपाल शेट्टी मात्र ‘उद्यान सम्राट’ ही नहीं, वास्तव में ‘कार्य सम्राट’ भी हैं। उनके कार्य विस्तार को निम्न रूप से रखा जा सकता है-

  1. उपमहापौर के रूप में उन्होंने गोराई व मनोरी को पानी आपूर्ति के लिए 216 करोड़ रु. की लागत से विशाल भूमिगत जल आपूर्ति परियोजना आरंभ करवाई।
  2. पोईसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस क्रीडांगण, बोरिवली में वीर सावरकर उद्यान, छत्रपति शिवाजी महाराज क्रीडांगण के साथ 40 फुट ऊंची शिवाजी महाराज की प्रतिमा भी स्थापित करवाई। इस तरह विशाल क्रीडांगणों व मनोरंजन पार्कों की स्थापना करवाई।
  3. छत्रपति शिवाजी महाराज क्रीडांगण में वातानुकूलित फिटनेस सेंटर, साईबाबा फिटनेस सेंटर, चिकुवाडी वेल्फेयर एसोसिएशन, सप्ताह मैदान युवक मंडल, सिविक पार्क फेडरेशन की स्थापना की।
  4. पश्चिमी उपनगरों में 7 डायलेसिस केंद्रों की स्थापना की गई।
  5. वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष केंद्रों और ग्रंथालयों व अन्य सुविधाओं का विकास किया।
  6. 6.विभिन्न क्षेत्रों में प्रार्थना सभागृहों की स्थापना की गई।
  1. गोराई में जेट्टी पर दोनों सिरों पर मछली बाजार की स्थापना।
  2. साईबाबा नगर में जॉगर्स पार्क तथा अन्य उद्यानों में इसी तरह की सुविधा और मध्यम वर्गियों के लिए सुविधाजनक दरों पर स्पोर्ट्स अकादमी की स्थापना।
  3. नई सड़कें, वर्तमान सड़कों का विस्तार, पदपथों की सुविधा, यातायात की समस्याओं का निपटारा और बोरिवली स्टेशन के आसपास विकास व सुविधाओं का निर्माण किया गया।
  4. युवकों और बच्चों में राष्ट्रीय जागरण के लिए देश के लिए बलिदान करने वाले विभिन्न नेताओं की याद में विभिन्न कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जाते रहे हैं।

यह उनके कार्यों की महज मोटी सूची है। इसके अलावा भी अन्य कार्य निरंतर होते रहे हैं। कोई जनहितकारी कार्य आरंभ करना और उसे पूरा करने तक परिश्रमपूर्वक पीछा करना उनकी विशेषता है। इससे स्पष्ट है कि आम जनता के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का उनका प्रामाणिक प्रयास रहा है। भविष्य में बिजली, पानी, सड़कों के साथ ही ‘स्वास्थ्य सेवा’ महत्वपूर्ण विषय होगा। बदलती जीवन शैली और तनावों के कारण मानवी स्वास्थ्य की समस्या दिन-ब-दिन उग्र होती जा रही है। यह देखकर ही स्वास्थ्य सेवा के लिए ठोस काम करने का उनका इरादा है। यह सारा काम मात्र सरकार की सहायता से ही नहीं होगा, इसके लिए जन सहयोग व धनबल समाज से ही खड़ा करना होगा। वे कहते हैं, ‘समाज की सज्जन शक्ति को जागृत कर उनके सहभाग से कितना भी कठिन काम हो सहज हो सकता है, यह मेरा अनुभव है।’

समस्याएं बोरिवली की हो या मुंबई के किसी भी क्षेत्र की, उन्हें हल करने में वे हमेशा अगुवा रहे हैं। मिसाल के तौर पर वर्ली की कैम्पा कोला सोसायटी का दिया जा सकता है। इस सोसायटी के अनधिकृत निर्माण पर जब प्रशासन ने कार्रवाई की तब अधिकृत फ्लैटधारकों को भी कठिनाई होती थी। इन फ्लैटधारकों के पक्ष में गोपाल शेट्टी और भाजपा खड़े हो गए। उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक और महापौर से लेकर आयुक्त तक निवेदन देकर उनके हितों की रक्षा का प्रयास किया। वे न्याय व्यवस्था का सम्मान करते हुए आम आदमी के हितों की रक्षा में हमेशा आगे होते हैं।

मालाड, कांदिवली, दहिसर, बोरीवली के आस-पास के गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों की खेल-प्रतिभा को निखारने के साथ-साथ उनका सर्वांगीण विकास करने के उद्देश्य को सामने रख कर सांसद गोपाल शेट्टी के प्रयासों से पोईसर में एक छोटे से क्रीड़ा केन्द्र के रूप में पोईसर जिमखाना का शुभारंभ किया गया। अच्छी सुविधाएं तथा अच्छा प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनाने का लक्ष्य सामने रखकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती का औचित्य साधकर 23 जनवरी, 2003 को पोईसर जिमखाना (नेताजी सुभाषचंद्र बोस क्रीडांगण) नामक  क्रीड़ा केंद्र  शुरू किया गया। खेलों तथा अन्य प्रकार के उपक्रमों को संचालित करने का सिलसिला पोईसर जिमखाने में विगत एक दशक से चलता आ रहा है और भविष्य में आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ नई तकनीकों को उपयोग में लाकर यहां के खिलाड़ियों को ओलंपिक, एशियाई तथा राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में भेजने की योजना पर काम करने की जानकारी पोईसर जिमखाना के पदाधिकारियों ने दी। जिमखाना में क्रिकेट, फुटबाल, बास्केटबॉल, जिम्नास्टिक,  मल्लखंब एथिलेटिक्स, टेबल टेनिस, कबड़ी, कराटे, योग, एरोबिक्स का प्रशिक्षण दिया जाता है। जिमखाना के उपाध्यक्ष ने बताया कि जिस वक्त पोईसर जिमखाना की नींव रखी गई थी, उस समय मुंबई में कई क्रीड़ा केन्द्र तो थे, पर वहां खेल प्रशिक्षण का शुल्क बहुत ज्यादा था, जो गरीब मध्यमवर्गीय लोगोंं के लिए वहन करना मुश्किल था।

पोईसर जिमखाना को मुंबई उपनगर के सभी खेलों की भी मान्यता है। इस जिमखाने के प्रेरणास्रोत गोपाल शेट्टी ही कहे जाएंगे, क्योंकि  जब वे नगरसेवक थे, उस समय वे लोकल से यात्रा के दौरान अक्सर देखा करते थे कि मां अपने बच्चों को भारी-भरकम किट से साथ लोकल में लंबी यात्रा करके दादर के शिवाजी मैदान या फिर आजाद मैदान में ले जाया करती थीं। बोरसापाड़ा क्षेत्र, जिसे अब लोकमान्य तिलक नगर कहा जाता है, वहां उस समय गोपाल शेट्टी रहा करते थे। सन् 1992 में जब गोपाल शेट्टी नगरसेवक बने, उस समय उन्होंने बोरीवली के पोईसर इलाके में एक सर्वसुविधायुक्त क्रीड़ा संकुल बनाने का संकल्प लिया तथा जिमखाना ट्र्स्ट के रूप में 1999 में पंजीयन कराया और 2003 में पोईसर जिमखाने का शुभारंभ हुआ।

2004 से लगातार जिमखाने में हर साल खेल स्पर्धाओं का आयोजन किया जा रहा है और साल दर साल स्कूली स्पर्धाओं में शिरकत करने वाले खेल प्रतियोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले खेल क्रिकेट में अपना भविष्य देखने वाले खिलाड़ियों की नई फौज को देखते हुए जिमखाने में अधिक क्रिकेट पिचों का निर्माण किया गया, इन पिचों का शुभारंभ भारतीय क्रिकेट टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी दिलीप वेंगसरकर ने किया था। मुंबई के अन्य जिमखानों की तुलना में पोईसर जिमखाने में सुविधाएं ज्यादा होने के बावजूद फीस बहुत कम है। मुंबई के अन्य जिमखानों में जितनी फीस वसूली जाती है, उसे यहां की गरीब जनता नहीं दे सकती। इसलिए सचिन तेंडुलकर जैसा बनने की आस रखने वाले गरीब बच्चों के लिए पोईसर जिमखाना की नींव रखी गई। न्यूनतम खर्च में सभी सुविधाओं के साथ क्रिकेट का प्रशिक्षण देने का मकसद यही है कि हर बच्चे की मंशा पूरी हो।

जिस वक्त यह जिमखाना शुरू हुआ था, उस समय कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को यहां प्रशिक्षण लेने के लिए नहीं भेजता था लेकिन जिद करके धीरे-धीरे यहां आने लगे तो उनकी खेल के प्रति अभिरूचि बढ़ती चली गई। साथ ही वे पढ़ाई में भी पहले की तुलना में अच्छे हो गए और तो और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा हो गया। सांसद गोपाल शेट्टी उत्तम प्रशिक्षकों से खेल का प्रशिक्षण दिलवाकर यहां के खिलाड़ियों को ओलंपिक तथा एशियाई खेलों में भेजना चाहते हैं।

यहां से प्रशिक्षित बच्चों को डॉक्टर के पास बहुत कम जाना पड़ता है, इसके अलावा इस जिमखाने के बोरीवली के आस-पास के स्कूलों की खेल के मैदान की कमी पूरी कर दी है।

वरिष्ठ नागरिकों का फैशन शो- सेकेंड इनिंग

जिमखाने में सन् 2006-2007 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक आकर्षक स्पर्धा का आयोजन किया गया था। सेंकेंड इनिंग के नाम से आयोजित की गई इस स्पर्धा में 80 बुजुर्गों ने भाग लिया था। इस स्पर्धा में 89 साल के एक वरिष्ठ नागरिक ने भी इस स्पर्धा में हिस्सा लिया था। जिस साल पहली बार यह आयोजित की गई थी, उस वक्त यह आशंका बनी थी कि इस स्पर्धा को सफलता मिलेगी या नहीं। बाहर कोरियोग्राफरों को बुलाकर लगभग तीन माह से ज्यादा समय तक वरिष्ठ नागरिकों को कैटवॉक पर कैसे चलना है, इसका प्रशिक्षण दिया गया। वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित फैशन शो के बारे में जानकारी देते हुए करूणाकर शेट्टी ने बताया कि कुछ वरिष्ठ नागरिक हर दिन यूं ही जिमखाने में बैठे रहते थे, इन वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ करने के मकसद से वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेकेंड इनिंग कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों के लिए मनोरंजनात्मक कार्यक्रम के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। हर माह के दूसरे शनिवार को वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क कार्यक्रम किए जाते हैं।

 

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