लोग शेट्टी जी से दीवानगी की हद तक स्नेह करते हैं – भाई गिरकर

                                                भाई गिरकर -वरिष्ठ भाजपा नेता

मुंबई के शताब्दी अस्पताल में डॉ.बाबासाहेब आंबेड़कर की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर महाराष्ट्र विधान परिषद में भाजपा के प्रतोद विधायक श्री भाई गिरकर से पिछड़े वर्गों, विशेषकर सफाई कर्मियों एवं मातंग समाज की समस्याओं, आरक्षण, संविधान, देश-प्रदेश की राजनीति और क्षेत्र के सांसद श्री गोपाल शेट्टी के अथक कार्यों पर   प्रदीर्घ बातचीत हुई। इसी के प्रमुख अंश यहां प्रस्तुत हैंः

डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर जी के जीवन से आप किस तरह प्रभावित हैं, इस संबंध में अपने विचार प्रकट कीजिए?

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी की विचारधारा से प्रेरणा लेकर और उनके ही पदचिह्नों पर चलते हुए मैंने राजनीति में 40 वर्षों का लंबा सफर तय किया है। ‘सीखो, संगठित हो और संघर्ष करो’ के बाबासाहेब के उद्गार से ही प्रभावित होकर मैं अपने जीवन में इतना आगे बढ़ पाया हूं। मेरी माता अशिक्षित थी, मेरे पिताजी सफाई कर्मचारी थे किंतु बाबासाहेब के विचारों में इतनी शक्ति है कि उनके बल पर मैं राजनीति में इतनी ऊंचाई पर पहुंच पाया हूं। उनसे प्रेरणा लेकर समाज में फैली कुरीतियों, ऊंच-नीच, जाति-पाति, भाषा-प्रांत आदि भेद को मिटाने के लिए गत 4 दशकों से मैं सामाजिक समरसता, समन्वय एवं सेवाकार्यों पर विशेष जोर देकर सतत कार्य करता रहा हूं।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी ने अथक प्रयत्न कर संविधान की रचना की। उनके संविधान निर्मिति के कार्य के संदर्भ में आपकी क्या राय है?

दुनिया के अनेक देशों के संविधान का अध्ययन व अन्वेषण कर तथा भारत के परिप्रेक्ष्य में एकता व अखंडता बनाए रखने हेतु उन्होंने संविधान की रचना में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशाल भारत देश की विविधता, अनेकता में एकता, जाति-भाषा, प्रांत, भेदभाव, आदि सभी पहलुओं पर गहराई से चिंतन कर उन्होंने सभी के लिए प्रासंगिक समन्वयकारी संविधान की रचना की। जिसके चलते दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत प्रतिष्ठित हुआ है।

बीते 4 दशकों में भाजपा के आम कार्यकर्ता से लेकर मंत्री पद तक का गौरवशाली सफर आपने सफलतापूर्वक तय किया है। इस सफर के कुछ चुनिंदा कार्यों के बारे बताइए?

सर्वप्रथम विधायक बनने के उपरांत वर्ष 1998 में मुझे मंत्री पद का दायित्व सौंपा गया था। उस दौरान विशेषकर जनहित व अस्मिता के मुद्दों पर मैंने ढ़ेर सारे काम किए। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी के मूल गांव रत्नागिरी जिले के मंडणगड़ तहसील के  अंबडवे में चौथी कक्षा तक ही स्कूल थी। मैंने 5वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई के लिए स्कूल शुरू की, जिसके बाद अन्य संस्थाओं ने भी इस तरफ ध्यान दिया। मुंबई के 28,000 सफाई कर्मचारियों को घर दिलाने का प्रयास किया। माता रमाबाई आंबेडकर जी के दापोली नामक गांव को मैंने आदर्श गांव बनाने के लिए चुना है। लगभग 5 करोड़ 57 लाख का कोष खर्च कर उस गांव विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। 6 दिसंबर को पूरे देश भर से लोग आंबेडकर जी की वंदना करने के लिए चैत्यभूमि आते हैं। वर्ष 1985 से अब तक लगातार हमारा संगठन ‘समता भारत’ की ओर से आंबेडकरी जनता को फुड पैकेट दिए जाते हैं। उस दिन हमारे हजारों कार्यकर्ता लोगों की सेवा में उपस्थित रहते हैं। लगभग डेढ़ लाख लोगों की सेवा उस दिन हम करते हैं। इसके अलावा दलित समाज के हजारों लोगों को सरकारी रोजगार दिलाया। अन्याय के खिलाफ संघर्ष करना ही मेरा स्वभाव है।

आप पिछड़े वर्गों के नेता के रूप में प्रसिद्ध हैं। आपने महाराष्ट्र के पिछड़े वर्गों के सर्वांगीण विकास हेतु कौन-कौन से विशेष कार्य किए हैं?

पिछड़े वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए मैं सदैव प्रयत्नशील रहा हूं। लगभग 250 युवाओं को मैंने व्यक्तिगत रूप से बैंकों में रोजगार दिलाया है। इसके साथ ही 500 से अधिक युवाओं को बीएमसी में रोजगार उपलब्ध करा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। मेरा विश्वास है कि पिछड़े वर्गों के युवाओं को रोजगार देने से उनका पूरा परिवार सुरक्षित हो जाता है। उनका मनोबल व आत्मविश्वास जागृत होता है। परिणामत: आज सभी युवा सक्षम बन कर अपने समाज को सबल बनाने के लिए समर्पित रूप से समाजहित में अच्छा काम कर रहे हैं। पिछड़े वर्गों की समस्याओं को हल करने हेतु मैं सदैव तप्तर रह कर उन्हें प्राथमिकता देता हूं।

आरक्षण एवं अन्य मांगों लेकर मातंग समाज ने अण्णाभाऊ साठे के बैनर तले एकत्रित होकर महाराष्ट्र के गांव-गांव में पदयात्रा करते हुए हजारों की संख्या में मंत्रालय पर मोर्चा निकाला था। मातंग समाज को न्याय दिलाने हेतु आपकी क्या राय है?

मातंग समाज की मांगें जायज हैं। दलित समाज में सबसे पिछड़ा हुआ मातंग समाज है। मातंग समाज के हित में कार्य करने हेतु मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मातंग आयोग की नियुक्ति की है। चिराग नगर में अण्णाभाऊ साठे रहते थे, उस क्षेत्र में भी उनका भव्य स्मारक बनाने हेतु सरकार प्रयत्नशील है। मातंग समाज को प्रगति पथ पर लाने हेतु उनकी सभी योग्य मांगों को पूरा करना चाहिए और मेरा स्पष्ट मत है कि उन्हें अधिक सुविधा देने की आवश्यकता है।

सांसद गोपाल शेट्टी जी के करकमलों द्वारा शताब्दी अस्पताल में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी की भव्य प्रतिमा का अनावरण इसी दिसंबर माह में किया जाने वाला है। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?

महापुरुषों के विचारों एवं प्रतिमाओं में अपार प्रेरणा शक्ति समाई होती है। उन्हें देख कर उनकी प्रतिभा, महानता एवं उनके जीवन की तस्वीरे दृष्टिगोचर होने लगती हैं। जिससे हममें नई प्रेरणा, ऊर्जा, उत्साह का संचार होता है और हम उससे प्रेरणा लेकर जोश-खरोश के साथ देश व समाजहित में कार्य करने हेतु अग्रसर होते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर गोपाल शेट्टी जी ने अनेक महापुरुषों के नाम पर उद्यान बनवाए हैं और उनकी प्रतिमाएं स्थापित करवाई हैं। जिनमें छत्रपति शिवाजी महाराज, स्वातंत्रवीर सावरकर, झांसी की रानी आदि नाम शामिल हैं। इसी कड़ी में अब डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी की प्रतिमा का भी अनावरण करने वाले हैं। भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (शताब्दी) अस्पताल में उनकी प्रतिमा लगने से संघर्ष करने की प्रेरणा लोगों में जगेगी। इसलिए सांसद गोपाल शेट्टी जी को क्षेत्र में ‘उद्यान सम्राट’ के रूप में भी जाना जाता है।

शताब्दी हॉस्पिटल अक्सर विवादों का शिकार बनता है और मीडिया की सुर्खिया में छाया रहता है? इस संबंध में आपकी राय जानना चाहूंगा।

पश्चिमी उपनगर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने से बहुत बड़ी संख्या में बीमार लोग यहां आते हैं। जनसंख्या के अनुपात में हॉस्पिटल की सुविधा कम पड़ने लगती है और हॉस्पिटल पर अधिक बोझ आने लगता है। जिससे अनेक प्रकार की परेशानियां सामने आने लगती हैं। इन पहलुओं को ध्यान में रख कर भाजपा के प्रतिनिधियों ने मांग की है कि 300 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का नवनिर्माण यहीं पर किया जाए, जिससे लोगों को बेहतर सुविधा मिल सके।

सांसद गोपाल शेट्टी जी ने अपने कार्यक्षेत्र में पिछड़े समाज के विकास हेतु कौन से विशेष योगदान दिए हैं?

गोपाल शेट्टी जी पिछड़े समाज के लोगों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। मालवणी स्थित अंबुजवाडी जैसे झोपड़पट्टियों में पिछड़े समाज के लोग भारी संख्या में रहते हैं। उन्हें शौचालय-पानी आदि मुलभूत सुविधाओं के लिए भटकना पड़ता है। जब कभी किसी का घर बीएमसी द्वारा ध्वस्त किया जाता है या एसआरए योजना अंतर्गत किसी को घर नहीं मिलता है तब वह नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का संरक्षण करने हेतु स्वयं सड़कों पर आ जाते हैं और प्रशासनिक लड़ाई लड़ कर उन्हें न्याय दिलाते हैं। पिछड़े समाज के लिए वे भावनात्मक रूप से समर्पित हैं और उन्हें उनका अधिकार दिलाने हेतु दृढ़ संकल्पित हैं। ऐसे अनेक प्रकार के कार्य कर उन्होंने पिछड़े समाज के विकास हेतु उल्लेखनीय योगदान दिया है।

सांसद गोपाल शेट्टी जी के माध्यम से संपन्न हुए कार्यों का असर उत्तर मुंबई क्षेत्र में आप किस रूप में देख रहे हैं?

पूर्व में विधायक रहते हुए गोपाल शेट्टी जी ने बहुत ही व्यापक रूप से जनता के लिए ढ़ेर सारे कार्य किए जिससे क्षेत्र में उनकी छवि गैर-भ्रष्टाचारी कार्यसम्राट के रूप में हुई। परिणामत: ससंदीय चुनाव में सबसे अधिक वोट प्राप्त करने का कीर्तिमान उन्होंने बनाया। महाराष्ट्र में प्रथम और देश में तीसरे स्थान पर अपना नाम दर्ज कर उन्होंने भाजपा का भी नाम रोशन किया। उत्तर मुंबई क्षेत्र में भाजपा के सबसे अधिक 25 नगरसेवक चुन कर आए, इसमें भी गोपाल शेट्टी जी के सकारात्मक कार्यों का असर ही मुझे दिखाई देता है।

आप चार दशकों से महाराष्ट्र की राजनीति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इस दौरान गोपाल शेट्टी जी के साथ आपने समन्वय कर कितनी सफलता प्राप्त की है?

गोपाल शेट्टी जी के साथ बेहतरीन समन्वय के चलते हमने ढ़ेर सारी सफलताएं अर्जित की हैं। राजनीति में समन्वय की भूमिका को मैं सबसे महत्वपूर्ण मानता हूं। उसी के माध्यम से जनता की समस्या को हल करने में तथा उनकी सेवा करने में हमें आसानी होती रही है। इसी के बलबूते मैंने राजनीति में बिना टकराव के लंबे समय तक का सफर तय किया है।

उत्तर मुंबई चुनाव क्षेत्र में गोपाल शेट्टी जी के बारे में लोगों की क्या राय है?

जैसा कि पहले भी मैंने कहा है, गोपाल शेट्टी जी के अनेक प्रकार के शुभ कार्यों के चलते ही पार्टी का जनाधार इस क्षेत्र में व्यापक रूप से बढ़ा है। वे इस क्षेत्र में निर्विवाद रूप से एकमात्र ऐसे नेता हैं जिसकी सभी एक स्वर से सराहना करते हैं। उनके व्यक्तित्व पर रोशनी डालना सूरज को रोशनी दिखाने के समान है। लोगों में गोपाल शेट्टी जी को लेकर दीवानगी है, लोग उन्हें बेहद पसंद करते हैं और उनका लोकप्रियता लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसलिए हर छोटे-बड़े कार्यक्रमों में लोग उन्हें बुलाना पसंद करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी को आदर्श मान कर और उनसे प्रेरणा लेकर दिन-रात गोपाल शेट्टी जी जनता की सेवा में लगे रहते हैं। परिणामत: लोगों में उनके प्रति सम्मान की भावना है।

दलित मुद्दे एवं आंबेडकर जी के नाम पर चुनाव के दौरान माहौल खराब करने का षड्यंत्र किया जा सकता है, ऐसे में आप जनता को सचेत व जागरूक करने हेतु क्या संदेश देना चाहेंगे?

यह अंदेशा हमें पहले से ही है, विपक्षी पार्टियां एवं वामपंथी माओवादियों द्वारा षड्यंत्र के तहत दलित मुद्दे और आंबेडकर जी के नाम पर भावनात्मक मुद्दों को उछाला जा सकता है, जिससे समाज में जातिगत द्वेश फैले किंतु हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे। वामपंथी दल व इनके अन्य सहयोगी संगठनों का जन समर्थन कम होता जा रहा है। मोदी सरकार में इनकी दाल नहीं गलने से ये सभी बौखलाए हुए हैं। इसलिए अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि बीजेपी व संघ परिवार संविधान को बदल देंगे, आरक्षण खत्म कर देंगे। मोदी सरकार को बदनाम करने तथा जनता को दिग्भ्रमित करने हेतु ऐसे झूठे निराधार आरोप लगाएं जाते हैं। समाज के ताने-बाने को नष्ट करने हेतु ‘भीमा-कोरेगाव’ की घटना के पीछे भी नक्सलवादियों -माओवादियों का हाथ सामने आया है। इसी प्रकार की घटनाएं करने की कोशिश चुनाव के दौरान की जा सकती है। इसलिए मैं ‘हिंदी विवेक’ के माध्यम से जनता से अपील करता हूं कि अफवाहों पर ध्यान मत दीजिए और सर्तक व जागरूक रहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

विधान परिषद में प्रतोद की जिम्मेदारी निभात हुए अब तक आपने कौन से उल्लेखनीय कार्य किए हैं?

वरिष्ठ विधायक होने के कारण पार्टी ने मुझे विधान परिषद में ‘प्रतोद’ की जिम्मेदारी दी है। हमारे सबसे अधिक एमएलसी होने के कारण उन्हें संगठित रखना, दिशा निर्देश देना, अच्छे ढ़ंग से सरकार का पक्ष रखना, अनेक क्षेत्रों से आए हुए विधायकों को उनके क्षेत्र, काल के अनुरूप विषय देना आदि जिम्मेदारियों का निर्वहन करना पड़ता है। मुंबई शहर और सामाजिक विषय को लेकर मैं सतत काम करता रहता हूं। मेरे उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए बीते वर्ष का ‘सर्वश्रेष्ठ विधायक’ पुरस्कार महाराष्ट्र सरकार ने मुझे दिया है। सरकार का ही एक अंग होने के बावजूद जनहित के मुद्दों को लेकर निष्पक्ष रूप से कार्य करता रहा हूं। यदि प्रशासन की कुछ कमियां सामने आती हैं तो मैं उसके खिलाफ भी आवाज उठाता रहा हूं।

 

 

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