कुंभ की चाकचौबंद व्यवस्था

इस माह प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो रहा है। विश्व के इस विराट मेले के लिए उ.प्र. सरकार ने चाकचौबंद व्यवस्था की है। यातायात से लेकर बिजली-पानी, शिविरों, स्नान-घाटों की बेहतर व्यवस्था है।

वसुधैव कुटुंबकम् का भान रखने वाला भारत ही सच्चे अर्थों में बिना राग-द्वेष के पुरी दुनिया का कल्याण करने का सामर्थ्य आज भी रखता है। यह सामर्थ्य भारत को मिलता कहां से है? भारत की अजर अमर अविनाशी आस्था-विश्वास के पवित्र बंधन से जुड़े धर्म -अध्यात्म से… हजारो वर्षों से चली आ रही परंपरा से… और इसका केंद्र बिंदु है पवित्र कुंभ पर्व! इसलिए आस्था-विश्वास से लबरेज भक्तों का सैलाब कुंभ के दौरान हिलोरे मारता हुआ उमड़ पड़ता है, जिसे देख कर पुरी दुनिया आश्चर्य चकित और अचंभित हो जाती है।

कुछ खास बातें…

भारतीय कितने धार्मिक हैं, इसका सर्वोत्तम प्रमाण है – विराट कुंभ मेला। भारतीयों के अलावा संसार की अन्य कोई जाति क्या इतने विशाल अनुष्ठान की कल्पना कर सकती है? विश्व के इतिहास में, किसी देश में किसी भी समय क्या ऐसा संभव हुआ है या होता है? जहां न उद्योक्ता हैं, और न आह्वानकर्ता, संवाददाता नहीं, संचालक नहीं, जब कि इस समारोह में लाखों लोग जिनमें आबाल वृध्द -वनिता-महाराज से लेकर राह के भिखारी तक आते हैं। वह भी एक-दो नहीं, महीनों कल्पवास करते हैं। इतना भेद, इतना वैचित्र्य, इतनी विभिन्नता, कहीं देखने को नहीं मिलती। फिर भी कितनी शांति, कितनी प्रीति, कितना आनंद, कितना उत्साह, कैसी निष्ठा, कितनी सेवा, कितनी आत्मीयता, कितनी भक्ति, कितनी श्रध्दा और कैसी धर्मपरायणता रहती है। न हिंसा, न द्वेष और न घृणा। कष्ट को कष्ट नहीं समझते, दुख को दुख नहीं मानते। मृत्यु को भी परमानंद के साथ मुक्ति-लाभ समझते हुए सादर ग्रहण करते हैं!!

यह मिलन, यह समन्वय, यह शांति, यह सौहार्द- केवल भारत में ही संभव है। वह भी स्मरणातीत काल से। क्या कोई बता सकता है कि किस आशा से, किस शक्ति से, किस अवलंबन से इतना विराट महामानव यज्ञ संभव हुआ है? यही धर्म है।

भारत की प्राणशक्ति कहां है?

कुंभ मेला एक अद्भुत समारोह है। भारत के कोने-कोने में इस धार्मिक मेले का आह्वान पहुंच जाता है और वहां से असंख्य नर-नारी आकुल भाव से इस धर्मामृत का आस्वादन करने चले आते हैं। नवशक्ति के प्रबल जागरण से राष्ट्र शक्ति की प्रत्येक धमनी में विशेष धर्म-धारा तेज गति से प्रवाहित होने लगती है। भारत का उज्ज्वल भविष्य निश्चित है -इस पर विश्वास करें, अनुभव करें और कुंभ में आकर दर्शन करें।

योगी आदित्यनाथ का कुंभ नियोजन

पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने हेतु उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते, इसलिए राज्य सरकार ने कुंभ का बेहतरीन नियोजन किया है। वर्ष 2019 के कुंभ मेले को दुनिया का अद्वितीय, अलौकिक, अद्भुत, अविस्मरणीय एवं दिव्य-भव्य पर्व बनाने हेतु अभूतपर्व तैयारियां की गई हैं।

तैयारियों का ब्यौरा

यातायात प्रबंधन: अखिल विश्व से आने वाले तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए उ.प्र. सरकार ने फ्लाईओवरों, रेल्वे अधोसेतुओं, शहर में 34 सड़कों का विस्तारीकरण और 32 मुख्य चौराहों का सौंदर्यीकरण व निर्माण तेजी के साथ किया है। सरकार के सभी विभागों ने विकास कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। तीर्थयात्रियों के आवागमन हेतु प्रयागराज में नवीन सिविल एयरपोर्ट का निर्माण किया गया। इसके साथ ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इलाहाबाद के प्रतापगढ़, रायबरेली एवं वाराणसी से जोड़ने वाले प्रमुख राजमार्गों का पुनर्निर्माण व मरम्मत की गई है। तीर्थयात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान, खासकर स्नान घाटों तक, पहुंचाने हेतु नौवहन की सुविधा मिलेगी। इसके लिए भारतीय नौ
अंतर्देशीय वहन प्राधिकरण द्वारा 5 घाटों का निर्माण किया गया है। 116 सड़कों का निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया। लगभग 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में 84 पार्किंग स्थलों का निर्माण संगम तट से कुछ दूरी पर ही किया गया है। 525 से अधिक शटल बसें तथा बहुसंख्या में सीएनजी ऑटो यात्रियों को आवागमन हेतु उपलब्ध रहेगी। प्रतीक्षा व विश्राम हेतु शहर के विभिन्न स्थानों पर लगभग 54 ठहराव क्षेत्र घोषित किए गए हैं। 2000 से अधिक डिजिटल पथ प्रदर्शन बोर्ड लगाए गए हैं।

शिविर प्रबंधन: पर्यटकों के लिए 4200 प्रीमियम टेंट्स निर्मित किए गए हैं, जिसे पीपीपी आधार पर संचालित किया जाएगा। कुल 20,000 बिस्तरो की क्षमता के साथ जन परिसर का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही गंगा पंडाल भी निर्मित किया गया है, इसमें सांस्कृतिक, अध्यात्मिक व शासकीय कार्यक्रम किए जाएंगे। मेला क्षेत्र में धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु 2000 लोगों की क्षमता के प्रवचन सभागार का निर्माण किया गया है। हर प्रभाग हेतु आधुनिक व सामायिक साज-सज्जा युक्त 4 सभागार की व्यवस्था की गई है।

स्वच्छता प्रबंधन: 1 लाख 22 हजार से अधिक शौचालय एवं कुंभ मेला क्षेत्र को पूरी तरह स्वच्छ रखने हेतु 20 हजार से अधिक डस्टबिन आंतरिक बैग के साथ तथा 1 हजार से अधिक सफाई कर्मी विशेष तौर पर तैनात रहेंगे। इसके अलावा पैदल सेना के रूप में 2000 से अधिक गंगा प्रहरी/ स्वच्छताग्रही अपनी सेवाएं देंगे। कचरा निस्तारण के लिए 40 कॉम्पेक्टर्स एवं 120 टिप्पर्स मौजूद होंगे।

विद्युत प्रबंधन: दिव्य कुंभ – भव्य कुंभ का वास्तविक अनुभव कराने हेतु मेला क्षेत्र को 40 हजार से अधिक एलईडी बल्बों से प्रकाशित किया जाएगा। 2 लाख 80 हजार शिविरों में बिजली की सुविधा देने के साथ ही 1030 कि.मी. एलटी लाइन, 105 कि.मी. हाईटेंशन लाइन, 175 हाई मास्ट लगाए गए हैं। इसके अलावा 54 अस्थायी उपकेंन्द्रों को रोशनी से जगमग किया जाएगा।

नालियां व नाला प्रबंधन: 150 कि.मी. एचडीपीई पाइप लाइन तथा 850 कि.मी.नालियां और ट्राली पर लगे हुए 100 पंपों की सहायता से ड्रेनेज सिस्टम विकसित किया गया है।

पेयजल की सुविधा: दूरजराज से आए हुए तीर्थयात्रियों को सहज रूप से स्वच्छ पानी पीने के लिए मिले, इस हेतु 5000 स्टैण्ड पोस्ट, 800 कि.मी. पाइप लाइन, 200 वॉटर एटीएम, और 150 वॉटर टैंकर्स के साथ ही 100 हैण्ड पंप की सुविधा प्रदान की गई है।

विक्रय क्षेत्र: कुंभ मेले में अनेक स्थानों पर भोजन स्टालों, परचुन की दुकानों, कपड़े व बर्तन की दुकानों हेतु भाव आधारित विक्रय क्षेत्र बनाए गए हैं। विक्रेताओं की पहचान तथा ऑनलाइन पंजीकरण को सुनिश्चित करने हेतु दुकान आवंटन का ऑनलाइन तंत्र विकसित किया गया है।

सौंदर्यीकरण: प्रयागराज शहर से 10 कि.मी. के दायरे में आने वाले सभी संपर्क मार्गों तथा महत्वपूर्ण सड़कों का सौदर्यीकरण किया गया है। इसके साथ ही 2 लाख गमलों सहित पौधा रोपण किया गया है। जिससे कुंभ के आस-पास का परिसर भी स्वच्छ व सुंदर दिखाई दे रहा है।

सिविल आपूर्तियां: 10 लाख अधिक कल्पवासियों तक नागरिक आपूर्तियां पहुंचाने हेतु राशन कार्ड की सुविधा और अखाड़ों एवं धार्मिक संगठनों के लिए नागरिक आपूर्तियां पहुंचाने हेतु अनुज्ञापत्र प्रदान किए जाएंगे।

पुलिस व्यवस्था: कुंभ मेले को सफल बनाने पुलिस व्यवस्था चाकचौबंद की गई है। प्रशासन ने 4 पुलिस लाइन, 40 पुलिस थाना, 3 महिला पुलिस थाना, 62 पुलिस चौकियां, 40 निगरानी टॉवर, और 1 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इसके अलावा किसी भी दुर्घटना से निपटने हेतु 40 दमकल केंद्रों की स्थापना भी की गई है।

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