January 31, 2019 1 Comment हिंदी विवेक अपने मित्र-परिवार में शेअर करें...WhatsAppTweetEmailPrint This Post Has One Comment घनश्याम दास गुप्ता 31 Jan 2019 Reply ओ सपने यूं रात में नां आओ, आकर दिन में ठहर जाना, फिर सांझ ढल जाए तो रात को जा कर घर विश्राम करना 🙏 आपकी प्रतिक्रिया... Cancel reply
घनश्याम दास गुप्ता 31 Jan 2019 Reply ओ सपने यूं रात में नां आओ, आकर दिन में ठहर जाना, फिर सांझ ढल जाए तो रात को जा कर घर विश्राम करना 🙏
घनश्याम दास गुप्ता
31 Jan 2019ओ सपने यूं रात में नां आओ, आकर दिन में ठहर जाना,
फिर सांझ ढल जाए तो रात को जा कर घर विश्राम करना 🙏