जी.एन.आई.इन्फ्रास्ट्रक्चर का सुयश

महाराष्ट्र की पुण्य भूमि देश भर के कर्मशील प्रवृत्ति के लोगों को अपनी ओर आकर्षित ही नहीं करती अपितु उनकी महत्वाकांक्षा का भरपूर पोषण भी करती है। यहां की व्यावसायिक उर्वरा प्रवृत्ति से आकर्षित होकर तत्कालीन पंजाब के रावलपिंडी से आकर संभाजीनगर में बसने वाले बसंत सिंह बिंद्रा ने तो इसे जाना ही, आगे की पीढ़ियों ने भी बखूबी समझा। उनके ज्येष्ठ पुत्र और जी. एन. आई के संस्थापक खुशबिंदर सिंह बिंद्रा से हिंदी विवेक के प्रतिनिधि प्रशांत मानकुमरे के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश:

आपने अपना व्यवसाय कब और कैसे शुरू किया?
मैंने अपने भाइयों हरविंदर सिंह बिंद्रा और नरेन्दर सिंह बिन्द्रा के साथ मिलकर १९७३ में इस कम्पनी की नींव रखी। पहले हमारी कम्पनी का नाम ‘गुरुनानक इंडस्ट्रीज’ था लेकिन २००८ में हमने इसका नाम बदलकर जी.एन.आई. इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. कर दिया। हमारा पहला काम था, पैठण में नहर निर्माण। उसके तुरंत बाद ही हमें पैठण गार्डेन की जमीन पर मार्बल बिछाने का काम मिल गया और फिर तो एक सिलसिला चल पड़ा।

संभाजी नगर के साथ आपके भावनात्मक रिश्ते को खुलकर बताइए?
देखिए, यह जमीन मेरी मातृभूमि है। मैं और मेरे भाई यहीं पैदा हुए और इसी मिट्टी की गोद में पलकर बड़े हुए हैं। मेरे पिता जी (बसंत सिंह बिंद्रा) १९४३ में पंजाब से आकर इस पवित्र भूमि पर बस गए थे। इस पावन भूमि ने हम सबको पूरी तरह से आत्मसात कर लिया है। यह इस मिट्टी की बहुत बड़ी विशेषता है।

आपकी कम्पनी के कार्यों और कार्य प्रणाली के विषय में विस्तार से बताएं।
हमने भरपूर मेहनत की है, अपनी कम्पनी को इस स्थान तक पहुंचाने में। जैसा कि मैं ऊपर बता चुका हूं, हमारा मूल व्यवसाय बिल्डिंग निर्माण ही है। हमारी कोशिश रही है कि यहां के लोगों को उनकी बजट में एक बढ़िया, मजबूत और सुंदर आशियाना मिल सके। हम अपने इस प्रयास में काफी हद तक सफल भी रहे हैं।
इसके अलावा हमारे अन्य बिजनेस भी हैं, जैसे, बिटूमेन अर्थात् सड़क पर डामर बिछाने का कार्य, सीमेंट के खम्भे बनाने की फैक्ट्री, होटल व्यवसाय और किसानों के लिए सिंचाई के ब़िढ़या साधन उपलब्ध कराना।

आपकी कामयाबी का ‘मूलमंत्र’ क्या है?
हमारी कम्पनी की कामयाबी का सबसे बड़ा कारण है मेरा परिवार। किसी भी व्यवसाय में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं। लेकिन सबसे आवश्यक होता है कि परिवार का साथ आपके पास है कि नहीं। मेरा पूरा परिवार आज भी एक छत के नीचे एकसाथ ही रहता है। इससे संबल मिलता है। पूरे परिवार ने हर छोटी-बड़ी जिम्मेदारी को शिद्दत के साथ निभाया। इसलिए हमारे किसी भी काम में कभी कोई शिकायत नहीं आई।

आपके निर्माण उद्योग की सर्वोच्च उपलब्धि कौन सी रही?
हर छोटे-बड़े कार्य को जी. एन. आई. ने एक चुनौती के तौर पर लेने की कोशिश की है। और इन्हीं चीजों को हम अपनी उपलब्धियां मानते हैं। हम किसी बड़े कार्य की बजाय बेहतर कार्य प्रणाली और सही समय पर कार्य काम पूरा करने के लिए कृतसंकल्प रहते हैं।

निर्माण व्यवसाय में आपने अत्याधुनिक संसाधनों का प्रयोग कब से शुरू किया?
जी. एन. आई ने १९८० में ही मशीनों का प्रयोग शुरू कर दिया था जबकि मराठवाड़ा में उस समय किसी भी निर्माण कम्पनी में मशीनरी का प्रयोग नहीं हो रहा था। आज भी पूरे मराठवाड़ा में सर्वोत्तम मशीनरी और संसाधन जी. एन. आई. के पास हैं। इसी वजह से हमारी कम्पनी की एक बेहतर गुडविल बनी हुई है और हमें अन्य कम्पनियों की अपेक्षा ज्यादा काम भी मिलते हैं।

कम्पनी की भविष्य की योजनाओं के विषय में बताएं।
हमें अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम को और आगे ले जाना है। इस पूरे विजन में वर्तमान सरकार की नीतियां भी काफी सहायक होंगी। धीरे-धीरे हमारी कम्पनी को एक नई दिशा देने का कार्य शुरू भी हो चुका है। जल्द ही हमारी कम्पनी कुछ अच्छी बड़ी और व्यापक योजनाओं पर कार्य करेगी।

क्या मोदी सरकार आने के बाद आपके व्यवसाय क्षेत्र में अच्छे दिन आए हैं?
वर्तमान सरकार का ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधार पर विशेष रूप से है ताकि हम भी अपने देश को विकसित देशों की पंक्ति में खड़ा करने की दिशा में कार्य सकें। बिना इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के निवेश की संभावना शून्य हो जाती है।

सरकार के वर्तमान बजट से निर्माण उद्योग को कितना फायदा पहुंचेगा?
वर्तमान बजट में राजमार्गों को जोड़ने की बात कही गई है। यह चीज हमारे उद्योग क्षेत्र के लिए तो उपयोगी है ही, आम जन-मानस के लिए भी कारगर साबित होगी। इससे विनिर्माण उद्योग को रोजगार के तमाम अवसर उपलब्ध होंगे।

संभाजी नगर में सिख समाज के लोग काफी संख्या में है। उनकी प्रगति हेतु आपकी कम्पनी द्वारा किए जाने वाले कार्यों का उल्लेख करें।
यहां लगभग १५०० सिख परिवार हैं और सभी लोग आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से मजबूत हैं। समाज सेवा के क्षेत्र में हमारा समाज सर्वदा अग्रणी रहता है परन्तु उनका प्रदर्शन करने अथवा अपने कार्य गिनाने के बाद उसका महत्व समाप्त हो जाता है।

आने वाले पांच वर्षों में आप अपना व्यवसाय कहां देखते हैं?
हर व्यक्ति चाहता है कि, उसका व्यवसाय बढ़े पर हमारा विश्वास है कि यह कार्य किसी का नुकसान करके न हो। हम यही चाहते हैं कि जी. एन. आई. की क्वालिटी, इज्जत और गुडविल बढ़े।

संभाजी नगर के गैर-सिख समाज के प्रति आपका क्या योगदान रहा?
हमने हमेशा ध्यान रखा है कि समाज के हर तबके, समाज के हर वर्ग के भावनात्मक और धार्मिक कार्यों में हमारा सहयोग रहे। मुस्लिम समाज द्वारा निकलने वाले जुलूस हों या हिन्दू भाइयों के जुलूस, हमारा भरपूर सहयोग मिलता है। कोई बीमार है, किसी बच्चे की फीस जमा करनी है, या मंदिर बनना हो या गणपति उत्सव हम समाज के लिए पूरी तरह खड़ा रहने की कोशिश करते हैं।

पीछे मुड़कर देखते हैं तो कैसा लगता है?
एक सुकून की भावना बलवती होती है। क्योंकि इस ऊंचाई पर पहुंचने के लिए हम तीनों भाइयों ने भरपूर मेहनत की है। जीवन के हर उतार-चढ़ाव में मेरा परिवार एकसाथ रहा, एकजुट रहा और समय के साथ हमारा परिवार और मजबूती से जुड़ा रहा, यह देखकर अच्छा लगता है। मेरी अगली पीढ़ी होनहार है और इस कम्पनी को आगे बढ़ाने के लिए उसी तरह मेहनत कर रही है।

देश की अगली पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहेंगे?
देश की वर्तमान पीढ़ी को इतना ही कहना चाहता हूं कि आप अपने लक्ष्य और कर्तव्यों के प्रति ईमानदार रहें। राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें और आगे बढ़ते रहें।

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