पाकिस्तानी नीति…गिरे फिर भी टांग ऊपर

विगत 15 दिनों में पाकिस्तान ने जिस प्रकार से  झूठ पर झूठ बोला है, उसे देखते हुए युद्ध के संदर्भ में यह कहावत एकदम सटीक  लगती है कि “युद्ध  में सबसे पहले शहीद होता है ….सत्य!”  कई गलत जानकारियां पाकिस्तान की ओर से प्रसारित की जाती रहीं। परंतु उन सभी गलत जानकारियों का भारत ने पर्दाफाश कर दिया। पहले “भारत के दो पायलट हमारे पास है” यह बयान पाकिस्तान सेना ने दिया था। लेकिन बाद में  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने  संसद भवन में एक ही पायलट उनके पास होने की बात स्वीकारी। इससे यह जाहिर हो गया कि पाकिस्तान की सेना ने अपने प्रधान मंत्री को भी गलत जानकारियां दी थीं। भारत की ओर से जानकारी दी जा रही थी कि पाकिस्तान के f-16 विमान को भारतीय सीमा में मार गिराया है। इस बात पर पाकिस्तान का दावा था कि  f-16 विमान का पाकिस्तान ने उपयोग ही नहीं किया है। असल में बात यह है कि  f-16 वह लड़ाकू विमान है जिसे एयर टू  एयर मिसाइल दागने के लिए उपयोग में लाया जाता है। जहां भारत के राजौरी में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान का f-16 लड़ाकू विमान गिराया था उस जगह पर f-16 विमान के अवशेष के साथ एमरॉन मिसाइल के टुकड़े भी मिले हैं। भारत के तीनों दलों के सेना अधिकारियों ने f-16 विमान के और मिसाइल के अवशेष सभी मीडिया के सामने प्रस्तुत किए हैं। कल से पाकिस्तान दावा कर रहा है कि, उसका कोई भी लडाकू विमान गिराया गया नहीं है। इन सब बातों को देखते हुए यह महसूस हो रहा है कि पाकिस्तान अलग अलग मोर्चे पर सिर्फ सफेद झूठ बोलने का प्रयास कर रहा है।
यह एमरान मिसाइल अमेरिका  से पाकिस्तान ने खरीदे हैं। यह सौदा करते वक्त अमेरिका ने शर्त रखी थी कि इस मिसाइल का उपयोग सिर्फ सैनिक प्रशिक्षण के समय किया जाएगा या सिर्फ अपनी सुरक्षा के लिये ही किया जाएगा। लेकिन पाकिस्तान ने अमेरिका से लिए हुए इस मिसाइल का उपयोग भारत के सैनिकों की तबाही के लिए करने का प्रयास किया है।
पुलवामा हमला होने के बाद भारत का लक्ष्य हरदम पाकिस्तान में बसे आतंकवादी ठिकाने रहे है। पर पाकिस्तान ने वहां छुपे आतंकवादीयों को टारगेट करने के बजाय भारतीय सेना को टारगेट करना प्रारंभ कर दिया। 26 तारीख को भारत के हमले में जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण अड्डे तबाह हुए हैं। पाकिस्तान का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। भारत ने सिर्फ जंगल में बम गिराए हैं। भारतीय वायु सेना ने कहा है कि, “जब भारत की सरकार सबूत चाहेगी तब उनको सबूत प्रस्तुत किया जाएगा।” पाकिस्तान की हरदम यह नीति रही है गिर गए तो भी टांग ऊपर। 1948 से अब तक  हुए सभी युद्ध में पाकिस्तान भारत से हर समय हारता ही आया है। और इस झूठे पाकिस्तान ने अपनी हार को विजय का रूप देकर  हर समय जश्न मनाया है।
उरी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया गया था। उस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तानी इसी प्रकार से अपने सलामती की बातें दुनिया के सामने रख रहे थे।जब भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूतों को पेश किया तब संपूर्ण दुनिया के सामने यह झूठा पाकिस्तान नंगा हो गया था।
 भारत पर किए गए हर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने कहा है कि ,”हम अमन चाहते हैं ,हमें सबूत दे दीजिए, हम आतंकियों पर कार्रवाई करेंगे।” हर दम अपना शांति का नकली चेहरा विश्व के सामने लाकर पाकिस्तान भारत पर दबाव बनाने का प्रयास करता था। भारत के साथ संपूर्ण विश्व के लिए हानिकारक आतंकवादी मसूद अजहर,  हाफिज सईद जैसे आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए नजर आते हैं परन्तु उन पर कोई भी  कार्रवाई पाकिस्तान की ओर से कभी भी नहीं की गई है।  पाकिस्तान की ओर से उलटा भारत पर ही आरोप लगाया जाता है कि भारत पर युद्ध का उन्माद है।
  अब पुलवामा आतंकी हमले के संदर्भ में जो सबूत भारत ने पाकिस्तान को पेश किए हुए हैं। उन सभी सबूतों ने पाकिस्तान के झूठ को उजागर कर दिया है। अब भारत सरकार की ओर से कोई भी बात नहीं होनी चाहिये।अब तो दबाव की राजनीति बनाने की आवश्यकता है। पाकिस्तान आतंकवादियों को पालपोस कर उन्हें भारत पर आतंकी हमले करने के लिए छोड़ेगा और दुनिया के सामने विश्व शांति का नाटक करता रहेगा। पाकिस्तान के इस दोगलेपन को अब दुनिया के सामने लाना अत्यंत आवश्यक है
 भारत के पायलट अभिनंदन को कैद से रिहा करने की बात कहकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने  दुनिया  के सामने शांति का पैगाम रखने वाले देश  के रूप में  पाकिस्तान को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। यह पेशकश कितनी इनामदार है  इस पर सोचना अत्यंत आवश्यक है। गत दो हफ्तों से सीजफायर को तोड़कर पाकिस्तान ने भारतीय सीमा पर गोलीबारी की है। लाइन ऑफ कंट्रोल पर पिछले डेढ़ महीने से सीजफायर का उल्लंघन पाकिस्तान कर रहा है। पाकिस्तान की ओर से हो रही शांति की पेशकश पर भारत को चौकन्ना रहना अत्यंत आवश्यक है।क्योंकि दगाबाजी का दूसरा नाम पाकिस्तान है। पाकिस्तान चाहे कितने भी शांति की बात करे पर भारत की ओर से बातचीत में नरमाहट नहीं आनी  चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कूटनीतिक दबाव पाकिस्तान पर बढ़ाया जा सकता है। पहले  पाकिस्तान अपने देश के अंदर बसे आतंकवाद को मिटाने का प्रयास करे, उसके बाद ही पाकिस्तान के साथ बातचीत की पहल होनी चाहिए। इस बार पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर करना आवश्यक है। बातचीत होगी तो भारत की शर्तों पर ही  होगी। अजहर मसूद, हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों के खिलाफ इस बार पाकिस्तान को ठोस एक्शन लेने के लिए मजबूर करना चाहिए। ऐसा होता है तो ही पाकिस्तान के साथ बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाना चाहिये। भारत ने इस बार स्पष्ट कर दिया है कि अब भारत की नीति में बदलाव आया है। अब पाकिस्तान से बातचीत होगी तो भारत और विश्व के हित को ध्यान में रखकर ही होगी।

ऐसे स्थिती में हम भारतीयों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। भारत सरकार को सहयोग करने की भूमिका हम सब भारतीयों की होनी चाहिए। अपने राजनीतिक मुद्दे अलग रखकर हमें इस समय संगठित होना जरूरी है।  कोई भी बडबोले राजनीतिक नेता गलत बयानबाजी करके राजनीतिक माहौल निर्माण करने का प्रयास ना करें। आज देश की ताकत बढ़ाने के लिए हमें एक सुर में बोलना अत्यंत आवश्यक है। नेताओं की गलत बयानबाजी को पाकिस्तानी मीडिया भारत के खिलाफ विश्व के सामने प्रस्तुत करने में उपयोग करती है।यह समय डामाडोल होते पक्ष की राजनीति को संभालने का नहीं है, भारत को मजबूत करने का है। इस बात को बड़बोले राजनीतिक नेताओं ने ध्यान में रखना चाहिए।

This Post Has One Comment

  1. सूरज

    शानदार

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