सशक्त भारत की दिशा तय करने वाला चुनाव

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2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए का उत्साह और कांग्रेस सहित इंडी गठबंधन की घोर निराशा यह बताने के लिए काफी है कि सम्भावित चुनावी परिणाम क्या होंगे। राष्ट्रवाद और विकास के विजयी रथ पर सवार होकर इस बार भाजपा, राजीव गांधी के 400 पार का रिकॉर्ड तोड़ने के इरादे से कृष्ण नीति का उपयोग कर रही है।

भाजपा विजय का फार्मूला राष्ट्रवाद और विकास का एजेंडा

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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में और अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। देश में इस बार केवल मोदी लहर ही नहीं बल्कि बाढ़ आने वाली है जिसमें कांगे्रस सहित विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन का सुपड़ा साफ होने की सम्भावना दिखाई दे रही है। इस बार 400 पार के लक्ष्य पर भाजपा जी-जान से जुटी हुई है।

मोदी की गारंटी भारत और विश्व को विश्वास

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की बातों पर जनता सहित देश-दुनिया को यूं ही भरोसा नहीं हुआ है, पिछले 2 कार्यकाल में उन्होंने परिश्रम की पराकाष्ठा करके यह सिद्ध किया है कि एक अकेला सब पर भारी है। जनता का उन्होंने जो विश्वास जीता है, वो तो अभूतपूर्व है।

आदर्श लोक तंत्र को समर्पित श्रीराम

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श्रीराम आदर्श हैं तो रामायण हमारी संस्कृति है। जीवन के पथ पर इनके आदर्शों का अनुकरण ही हमारा मार्गदर्शन करते हैं जो बताते हैं कि एक पिता, पति, भाई, सखा और राजा के रुप में मानवीय आचरण और व्यवहार कैसा होना चाहिए। रामायण के पन्नों को पलट कर देखें तो राजा होने के पश्चात भी राम मन-वचन-कर्म से लोकतांत्रिक थे।  

विभिन्न जायकोंसे महकता गोवा

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एक हिन्दू मांसाहारी व्यक्ति के आहार में मुख्य रूप से चिकन, अंडे और मछली शामिल होते है। गोवा में मटन का प्रयोग आमतौर पर कम ही होता है क्योंकि मछली प्रचुर मात्रा में होती है। किसी ने सच ही कहा है कि गोवा के लोगों को फिश करी और तली हुई मछलियां स्वर्गीय आनंद देती हैं।

संघ जागरण का स्वाभाविक परिणाम

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राष्ट्रीय एवं सामाजिक प्रेरणा से जागृत होकर गोवा के विभिन्न क्षेत्रों में रा. स्व. संघ द्वारा सेवा कार्यों का जाल विस्तार से बुना गया, जिसका सकारात्मक परिणाम समाज के विभिन्न क्षेत्र में महसूस हो रहा है।

दीपावली ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाने का स्रोत

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दीपावली विशेषांक की पूर्तता के लिए हिंदी विवेक को विद्वानों और लक्ष्मी पुत्रों का बहुत बड़ा सहयोग प्राप्त हुआ है। इस विशेषांक के सारगर्भित आलेख देश के विभिन्न क्षेत्र के मान्यवर विद्वान लेखकों द्वारा प्राप्त हुए हैं। इन आलेखों को प्रकाशित करने के लिए हिंदी विवेक के शुभचिंतक लक्ष्मीपुत्रों ने विज्ञापन के रूप में हमें अर्थपूर्ण सहयोग दिया है। इन मान्यवरों के सहयोग के बिना यह विशेषांक देशभर के लाखों पाठकों तक पहुंचाना कठिन था। इस कठिनाई को सुलभ करने में जिन उद्योगपतियों ने हमें योगदान दिया है, उन सभी हितचिंतकों का हिंदी विवेक परिवार हृदय से आभारी रहेगा।

पूर्वोत्तर में अरूणोदय अवश्य होगा– राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य

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हिंदी विवेक द्वारा सन २०१५ में प्रकाशित 'अष्टलक्ष्मी पूर्वोत्तर' दीपावली विशेषांक में तत्कालीन राज्यपाल मा. पद्मनाभ आचार्य जी का साक्षात्कार लिया गया था जिसमें पूर्वोत्तर की तत्कालीन परिस्थिति, वहां की नैसर्गिक सम्पदा तथा वहां के समस्याओं के बारे में उनकी चिंता एवं चिंतन प्रस्तुत हुआ हैं.

वाल्मीकि समाज के हितों के लिए समर्पित

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वाल्मीकि समाज को हमेशा ही समाज में न्यून दर्जा दिया गया। परंतु अब इस समाज के लोग भी अपनी मेहनत के बल पर समाज में उच्च पदों पर आसीन हो रहे हैं। ये लोग एक साथ आकर अपने समाज का उत्थान करने के लिए कटिबद्ध हैं तथा विविध उपक्रमों के माध्यम से समाज को संगठित करने का प्रयत्न कर रहे हैं। प्रस्तुत है इस संदर्भ में लिए गए वाल्मीकि समाज के वरिष्ठ नेता कर्म सिंह ‘कर्मा’ के साक्षात्कार के प्रमुख अंश-

वैचारिक आंदोलनों का सुपरिणाम

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आज हम जिस दुनिया को देख रहे हैं, वह कई सुधारवादी परिवर्तनों के बाद ऐसी दिखाई दे रही है। वैश्विक स्तर पर हुए इन परिवर्तनों को लाने के लिए कई बार लंबे चलनेवाले आंदोलनों का सहारा भी लेना पड़ा है। विश्व भर में हुए इन आंदोलनों तथा उनके सुपरिणामों पर प्रकाश डालता आलेख।

भीगे मौसम की भीगी यादे..

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बारिश के मौसम में कोंकण की यात्रा स्वर्ग की अनुभूति करने के समान हैं। इसलिए कश्मीर की तरह महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र को भी स्वर्ग कहा जाता है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य बरबस ही सभी को अपनी ओर आकर्षित करता हुआ प्रतीत होता हैं।

समर्पित सामाजिक जीवन का विश्वविद्यालय : गणेश नाईक

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नवी मुंबई की विकासगाथा गणेश नाईक का नाम लिए बिना पूरी नहीं हो सकती। उन्होंने नवी मुंबई शहर के विकास एवं समाज के उत्थान के लिए अपना समूचा जीवन खपा दिया। उन्हें लोगों के उत्थान की प्रेरणा अपनी मां से मिली थी। उनकी बताई राह पर अगली पीढ़ी भी चल रही है।

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