मराठा आरक्षण एवं ‘क्रीमी लेयर’ की संकल्पना

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आरक्षण नीति के पीछे जो सामाजिक न्याय की कल्पना है उसका यदि आदर करना है तो न केवल ओबीसी के लिए ‘क्रीमी लेयर’ की शर्त बरकरार रहनी चाहिए बल्कि अनुसूचित जाति-जनजाति हेतु भी उसे तत्काल लागू करना चाहिए। 30नवम्बर 2018 को महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद…

मजदूर आंदोलन में बदलाव

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हमारे देश के मजदूर आंदोलन में थकावट आ गई है। १९९० के दशक में भारत द्वारा स्वीकारी गई नई आर्थिक नीति का स्वाभाविक परिणाम मजदूर आंदोलन को आज की स्थिति को दर्शाता है। नई आर्थिक नीति में खुली बाजार अथर्र्व्यवस्था इ. को महत्व प्राप्त है। बाजार से सरकार की दख

भाजपा की सफलता का रहस्य

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मुंबई मनपा के चुनावों के साथ राज्य में अनेक स्थानों पर हुए चुनावों के परिणाम आ चुके हैं और किसी भी पैमाने से देखें तो भाजपा को अभूतपूर्व सफलता मिली है। इसे समझने के लिए आंकड़ों के विवरण पर गौर करें तो इसके पीछे का रहस्य स्वयंमेव उजागर हो जाता है। मुंबई म

नगालैंड समझौता तो हो गया पर…

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 इस समझौते का देश के अन्य अलगाववादी अंदोलनों पर भी प्रभाव पडेगा। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में सत्ता में काबिज सरकार कें बडे दल ‘‘पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’’ ने इस समझौते को महत्वपूर्ण कहा है। यह समझौता सफल हो गया तो देश के अन्य अलगाववादी गुटों को ऐसा समझौता करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इसके लिए यह समझौता एक नमूना हो सकता है।

 उप राज्यपाल पद और ओछी राजनीति

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राजनीति जैसे क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को बहुत परिपक्व होना चाहिए। परन्तु इन क्षेत्रों में ही ऐसे व्यक्तियों की कमी महसूस होती है। पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच चल रहे विवाद में कोई परिपक्वता नहीं दिखाई दे रही है।

धारा ६६ अ- अभिव्यक्ति कीस्वतंत्रता तथा न्याय संगत प्रतिबंध

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मार्च १९१५ में सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ महत्वपूर्णनिर्णय दिए हैं। इसमें से एक निर्णय के अनुसार सूचना तकनीकी कानून २००० के २००८ में हुए संशोधन की धारा ६६ अ को सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया। इसके कारण भारत की सोशल मीडिया में अप

संविधान में ‘समाजवाद’ एवं‘धर्मनिरपेक्षता’

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ह मारे देश में यदाकदा महत्वहीन मुद्दों पर भी राष्ट्रीय बहसछिड़ जाती है। हालांकि यह विवाद एक अंतराल के बाद थम भी जाता है। परंतु इस दौरान समाज में वैचारिक प्रदूषण तो फैलता ही है। इसीलिए केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित एक विज्ञापन में संविधान की प्रस्तावना अधूरी छप जाने के कारण इसी प्रकार की एक गरम बहस देश में चल पड़ी।

माओवादी आतंकवाद

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नक्सलवादी आंदोलन कानून व्यवस्था की समस्या न होकर एक राजनीतिक समस्या है। इसके पीछे राबिन हूड जैसे एक दो व्यक्ति न होकर एक संपूर्ण एवं गंभीर राजनीतिक दर्शन है। जब तक आर्थिक एवं सामाजिक विकास का न्याय संगत प्रारूप विकसित नहीं होगा,

अंतत: पुराने साथी साथ आये

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महाराष्ट्र की जनता के बीच पिछले कई दिनों से जिस भाजपा शिवसेना गठबंधन को लेकर उत्सुकता बनी हुई थी उसका पटाक्षेप भाजपा शिवसेना गठबंधन सरकार के साकार होने के साथ हो गया। उसके बाद सम्पन्न शपथ

परिपक्व हुआ भारतीय मतदाता

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भारतीय मतदाता प्रशंसा के पात्र इसलिए हैं, कि इनेगिने साठ-सत्तर बरसों में उन्होंने पुरानी निष्ठाओं को दूर हटाकर कार्यक्षमता, निर्मल चरित्र तथा भ्रष्टाचार मुक्त सरकार जैसी निष्ठाओं का स्वीकार किया है। परिवर्तित हुए और हो रहे इस मतदाता को तथा उसकी परिपक्वता को त्रिवार प्रणाम!

आरक्षण के अंतर्गत आरक्षण

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आरक्षण नीति पर फिर से विचार होना चाहिए। आरक्षण हो या नहीं यह मुद्दा नहीं है। इसका निर्णय हो चुका है। आरक्षण तो होगा ही। अब चर्चा इस बात पर करनी है कि आरक्षण के लाभ उचित सामाजिक घटक तक कैसे पहुंचाए जाए?

जंजो का चयन और जातीय राजनीति

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     यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मद्रास उच्च न्यायालय में जजों की नियुक्तियॉं जातिगत राजनीति की शिकार हो गई। पिछले २१ वर्षों से जारी ‘कॉलेजियन पद्धति’ के जरिए जिन जजों का चयन किया गया था, उन पर विवाद पैदा हुआ।

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