हर चुनौती से निपटने में सक्षम हैं मुख्य मंत्री मोहन यादव

Continue Readingहर चुनौती से निपटने में सक्षम हैं मुख्य मंत्री मोहन यादव

इसमें कोई संदेह नहीं कि डॉ. मोहन यादव इतने विनम्र, सहज-सरल और मृदुभाषी हैं कि कोई उनके फैसलों से असहमत हो ही नहीं सकता। पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान को करीब अठारह वर्षों तक सत्ता की बागडोर संभालने का सौभाग्य मिला। यह अपने आप में एक रिकार्ड था। उन्होंने इस लंबे कार्य काल में भाजपा संगठन पर भी अच्छा खासा प्रभाव कायम कर लिया था।

इस नए साल में अधूरा न रहे कोई संकल्प

Continue Readingइस नए साल में अधूरा न रहे कोई संकल्प

एक और नया साल प्रारंभ हो चुका है। कुछ दिनों में साल का प्रथम सप्ताह भी समाप्त हो जायेगा। फिर एक पखवाड़ा और फिर एक महीना। जनवरी का महीना समाप्त होने में कोई ज्यादा वक्त नहीं लगता। हर नए साल का पहला महीना नए साल का जश्न मनाने में ही…

विश्वगुरु बनाने हेतु मातृशक्ति का योगदान महत्वपूर्ण

Continue Readingविश्वगुरु बनाने हेतु मातृशक्ति का योगदान महत्वपूर्ण

  संघ प्रमुख मोहन भागवत ने महिलाओं के सशक्तिकरण और सम्मान की सुरक्षा के लिए समय समय पर जो बहुमूल्य सुझाव दिए हैं उनकी सर्वकालिक प्रासंगिकता से इंकार नहीं किया जा सकता। भागवत ने राष्ट्र सेविका समिति के अखिल भारतीय कार्यकर्ता प्रेरणा शिविर में कहा था कि भारत को परमवैभव संपन्न बनाना है तो भारत की मातृशक्ति का जागरण, सशक्तिकरण और समाज में पुरुषों के समकक्ष योगदान को सभी अनिवार्य मानते हैं ।इस बात पर भी सभी सहमत हैं कि मातृशक्ति का सशक्तिकरण और मातृशक्ति को उनकी वास्तविक भूमिका में खड़ा करने का कार्य देश के सनातन मूल्यों के आधार पर ही संभव है क्योंकि इन सब विषयों में बाकी दुनिया का अनुभव हमारी तुलना में बहुत कम है। शिविर में दिए गए उद्बोधन में संघ प्रमुख का स्पष्ट मत  था कि   सनातन एकात्म मानव दृष्टि के आधार पर देखने पर अंदर की पवित्रता ध्यान में आती है। फिर संयम , त्याग, कृतज्ञता, सारे मूल्य,ध्यान में आते हैं। उसके आधार पर हम महिला को माता कह सकते हैं । इसके अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है।

अमृत महोत्सव: संघ प्रमुख के विचारों की प्रासंगिकता

Continue Readingअमृत महोत्सव: संघ प्रमुख के विचारों की प्रासंगिकता

सरसंघचालक चालक मोहन भागवत ने 1931 की एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा था कि' तिरंगे के जन्म से उसके सम्मान के साथ संघ का स्वयंसेवक जुड़ा है। मैं आपको सत्य घटना बता रहा हूं। निश्चित होने के बाद,उस समय चक्र तो नहीं था, चरखा था,ध्वज परर।पहली बार फैजपुर के कांग्रेस अधिवेशन में उस ध्वज  को फहराया गया था। अस्सी फीट ऊंचा ध्वज स्तंभ लगाया था। नेहरू जी उनके अध्यक्ष थे। झंडा बीच में लटक गया। ऊपर पूरा नहीं जा सका और इतना ऊंचा चढ़कर उसको सुलझाने का साहस किसी का न था।एक तरुण भीड़ में से दौड़ा और सटासट उस खंभे पर चढ़ गया। उसने रस्सियों की गुत्थी सुलझाने, ध्वज को ऊपर पहुंचा कर नीचे आ गया।तो स्वाभाविक लोगों ने उसको कंधों पर उठा लिया और नेहरू जी के पास लेकर गए , नेहरू जी ने उसकी पीठ थपथपाई और कहा कि तुम शाम को खुले अधिवेशन में आओ,तुम्हारा अभिनंदन करेंगे लेकिन फिर कुछ नेता आए और कहा कि उसको मत बुलाओ,वह शाखा में जाता है। जलगांव में फैजपुर के रहने वाले श्री किशन सिंह राजपूत वह स्वयं सेवक थे। डा हेडगेवार को पता चला तो वे प्रवास करके गए । उन्होंने उनको एक छोटा सा चांदी का लोटा पुरस्कार के रूप में भेंटकर उसका अभिनंदन किया।'

सबसे मजबूत राष्ट्रपति होंगी द्रौपदी मुर्मू

Continue Readingसबसे मजबूत राष्ट्रपति होंगी द्रौपदी मुर्मू

श्रीमती मुर्मू को राष्ट्रपति बनाए जाने से भाजपा की ओर महिलाओं का झुकाव भी और बढ़गा । केंद्र में संप्रग के शासनकाल में राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष पद पर महिलाएं आसीन हुईं थीं । भाजपा ने भी पहले लोकसभा अध्यक्ष पद और अब राष्ट्रपति पद से महिलाओं को नवाज़ कर यह संदेश दिया है कि वह किसी भी मामले में कांग्रेस से पीछे नहीं है। भाजपा के धुर विरोधी राजनीतिक दलों के सामने अब यह दुविधा स्वाभाविक है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देने के लिए आखिर कौन सी रणनीति कारगर साबित होगी।

संघ की विचारधारा को गांव गांव तक पहुंचाएंगे शताब्दी विस्तारक

Continue Readingसंघ की विचारधारा को गांव गांव तक पहुंचाएंगे शताब्दी विस्तारक

मां भारती के अनन्य उपासक और महान देशभक्त डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी की पावन तिथि के शुभ अवसर पर मुट्ठी भर नवयुवकों के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नामक जिस संगठन की नींव रखी थी वह इन 97 वर्षों में विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है जिसकी वर्तमान में देश के विभिन्न भागों में 57000 से अधिक शाखाएं संचालित हो रही हैं।

श्रीलंका को मजबूत राजनीतिक नेतृत्व ही दिला सकता है वर्तमान संकट से निजात

Continue Readingश्रीलंका को मजबूत राजनीतिक नेतृत्व ही दिला सकता है वर्तमान संकट से निजात

  श्रीलंका इस समय  अपने इतिहास में जिस अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है उसकी अनेक वजहें हैं परंतु मुख्य वजह तो सरकार के मनमाने गलत आर्थिक फैसले हैं जिनके कारण सरकार और  जनता के बीच दूरियां लगातार बढ़ती गई हैं । जनता का सरकार से जो मोहभंग ‌‌‌‌‌हुआ उसे भांपने में सरकार से चूक हो गई।

संघ प्रमुख की दो टूक नसीहत में छिपे मर्म को पहचाने

Continue Readingसंघ प्रमुख की दो टूक नसीहत में छिपे मर्म को पहचाने

इस समय देश में ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा गरमाया हुआ है परंतु इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने गत दिवस नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में संघ कार्यकर्ताओं  के तृतीय वर्ष शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में जो भाषण  दिया है उसकी चर्चा कहीं अधिक हो…

मां पीतांबरा रथयात्रा ने बढ़ाया नरोत्तम मिश्र का कद

Continue Readingमां पीतांबरा रथयात्रा ने बढ़ाया नरोत्तम मिश्र का कद

मध्यप्रदेश की जनता गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र को एक सफल राजनेता के रूप में तो कई दशकों से जानती हैं परंतु उनके स्वयं के लिए धर्म और अध्यात्म हमेशा राजनीति से ऊपर रहे हैं। अध्यात्म में उनकी अटूट आस्था है ‌‌।उनकी रोजाना की दिनचर्या पूजा अर्चना से ही प्रारंभ होती…

पंजाब में आप की सुनामी से हतप्रभ हैं सभी दल

Continue Readingपंजाब में आप की सुनामी से हतप्रभ हैं सभी दल

विगत दिनों देश के जिन पांच राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव हेतु मतदान संपन्न हुआ था उनमें पंजाब एक ऐसा राज्य था जहां शुरू से ही आम आदमी पार्टी के पक्ष में माहौल दिखाई दे रहा था और मतदान की तिथि नजदीक आते आते तो ऐसा प्रतीत होने लगा था कि पंजाब में बाकी राजनीतिक दल पहले से ही हारी हुई लड़ाई लड रहे हैं।

शीतकालीन ओलम्पिक खेलों में भी राजनीति से बाज नहीं आया चीन

Continue Readingशीतकालीन ओलम्पिक खेलों में भी राजनीति से बाज नहीं आया चीन

चीन ने एक बार फिर भारत के सामने अपनी कुटिल राजनीति का उदाहरण पेश किया है और आश्चर्य की बात यह है कि इस बार उसने अपनी कुटिल  राजनीति के लिए खेलकूद का क्षेत्र चुना है  लेकिन उसे शायद यह याद नहीं रहा कि अपने पड़ोसी देशों के साथ हमेशा…

चुनाव आयोग सख्ती करे तो निरापद हो सकते हैं चुनाव

Continue Readingचुनाव आयोग सख्ती करे तो निरापद हो सकते हैं चुनाव

देश में कोरोना की तीसरी लहर लहर आ चुकी है और वैज्ञानिक एवं चिकित्सा विशेषज्ञ यह आशंका जता रहे हैं कि  इस लहर का प्रकोप अगले दो महीनों तक बना रह सकता है । इसी बीच चुनाव आयोग ने पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की विधानसभाओं…

End of content

No more pages to load